रोज बहता है 1250 लाख लीटर पानी

पटना: नगर निगम क्षेत्र का जलापूर्ति पाइप पानी का प्रेशर नहीं सह पा रहा है. लोगों के घरों तक पहुंचने से पहले ही हर दिन करीब 1250 लाख लीटर पानी बरबाद हो जाता है. पानी की यह बरबादी जलापूर्ति पाइप के फटे रहने व अन्य कारणों से होती है. इतने पानी से हर दिन चार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 25, 2013 7:08 AM

पटना: नगर निगम क्षेत्र का जलापूर्ति पाइप पानी का प्रेशर नहीं सह पा रहा है. लोगों के घरों तक पहुंचने से पहले ही हर दिन करीब 1250 लाख लीटर पानी बरबाद हो जाता है. पानी की यह बरबादी जलापूर्ति पाइप के फटे रहने व अन्य कारणों से होती है. इतने पानी से हर दिन चार से पांच लाख लोगों की प्यास बूझ सकती है. इसके लिए नगर निगम ने पूरे शहर की जलापूर्ति पाइप को बदलने की योजना बनायी है.

1948 में ही बिछा था पाइप
वाटर लिकेज की समस्या कंकड़बाग, मजिस्ट्रेट कॉलोनी, शेखपुरा आदि इलाकों में सबसे अधिक है. निगम अधिकारियों की मानें, तो पटना नगर निगम में बिछी जलापूर्ति पाइप पूरी तरह जजर्र हो चुका है. 1948 में यहां जलापूर्ति पाइप बिछायी गयी थी. उसके बाद से इसी पाइप से पानी की सप्लाइ हो रही है. इससे कई मुहल्लों में बदबूदार व गंदे पानी की सप्लाइ हो रही है.

किसी मुहल्ले में समय पर पानी की सप्लाइ नहीं होती, तो कहीं सप्लाइ का पानी किसी काम नहीं होता. खास कर दक्षिणी मंदिरी, एसके नगर, न्यू लालजी टोला, कंकड़बाग के एलआइसी कॉलोनी व पीआइटी कॉलोनी में सप्लाइ वाटर की स्थिति बहुत खराब है. यहां के लोग इस पानी का उपयोग बाथरूम के लिए भी करने से डरते हैं. स्थानीय लोगों ने इसकी शिकायत पंप हाउस के कर्मचारी से लेकर जलापूर्ति शाखा के अधिकारियों तक की, पर समस्या का निदान नहीं हुआ.

क्यों होता है वाटर लीकेज
निगम क्षेत्र में 11 जगहों पर नयी बोरिंग है. इसके कारण पानी का प्रेशर काफी तेज होता है. पंप हाउस से 12 इंच की पाइप से पानी निकलता है और आगे जाकर चार से छह फुट की पाइप में काफी प्रेशर के साथ गिरता है. पाइप के कमजोर व पानी का प्रेशर अधिक होने के कारण जहां-तहां पानी का रिसाव होने लगता है. एक जगह लिकेज को बनाया जाता है, तो दूसरे जगह खुद ही रिसाव होने लगता है.

Next Article

Exit mobile version