प्रयाग पहुंची बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन की लड़ाई

पटना: बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का विवाद अब प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन तक जा पहुंचा है. दोनों गुटों ने खुद को असली बताते हुए अपने-अपने पैनल के नामों को शामिल करने का दावा किया है. प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन अपनी स्थायी समिति में दूसरे राज्यों के पांच-पांच प्रतिनिधियों को रखता है. बताया जाता है कि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | September 26, 2013 6:59 AM

पटना: बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन का विवाद अब प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन तक जा पहुंचा है. दोनों गुटों ने खुद को असली बताते हुए अपने-अपने पैनल के नामों को शामिल करने का दावा किया है. प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन अपनी स्थायी समिति में दूसरे राज्यों के पांच-पांच प्रतिनिधियों को रखता है. बताया जाता है कि अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन, प्रयाग ने जब नाम मांगा, तो अध्यक्ष अनिल सुलभ ने पांच नाम भेज दिये. उसमें सुलभ के अलावा नृपेंद्र नाथ गुप्त, शिवदत्त मिश्र, योगेंद्र मिश्र व बाबूलाल मधुकर के नाम थे.

प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन ने उन नामों को शामिल भी कर लिया. इस बीच नये अध्यक्ष अजय कुमार सिंह की ओर से पांच नाम भेज दिये गये. सिंह के पैनल में प्रधानमंत्री रामनरेश सिंह, ब्रजभूषण शर्मा, बलिराम सिंह, शिववंश पांडेय और मंजू शर्मा के नाम हैं. अब प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन के पास पांच नाम के बदले दस नाम पहुंच गये हैं. बिहार का हिंदी साहित्य सम्मेलन प्रयाग से ही संबद्घ है. नामों के विवाद के बारे में पूछे जाने पर अध्यक्ष अनिल सुलभ ने कहा कि उनके पैनल के नामों को स्वीकार कर लिया गया है. 15 सितंबर को प्रयाग में हुई स्थायी समिति की बैठक में बिहार से दो प्रतिनिधि गये थे.

बैठक में बिहार हिंदी साहित्य सम्मेलन को अस्थिर करने की कोशिशों की निंदा करते हुए प्रस्ताव भी पास हुए. सुलभ का दावा है कि प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन उनको अध्यक्ष मानता है. इस बीच अजय कुमार सिंह की अध्यक्षतावाले हिंदी साहित्य सम्मेलन के प्रवक्ता अशोक श्रीवास्तव ने दावा किया कि हमारा संगठन ही असली है. प्रयाग हिंदी साहित्य सम्मेलन को रामनरेश सिंह ने पांच लोगों के नाम भेजे थे, जिसे वहां बतौर डेलीगेट स्वीकार कर लिया गया है. इस विवाद के बीच अब हिंदी साहित्य सम्मेलन भवन पर कब्जे को लेकर अब कार्यक्रमों व साहित्यिक गतिविधियों को बढ़ा कर अपनी-अपनी ताकत दिखाने की रणनीति पर काम किया जा रहा है.

अनिल सुलभ ने कहा : विवाद के पहले से ही हमने कार्यक्रमों का सालाना कैलेंडर जारी किया है. इस साल हिंदी पखवारा मनाया जा रहा है. बीते साल यहां हिंदी सप्ताह मनाया गया था. मंगलवार को यहां बलराम वर्मा की पुस्तक हिंदी गयी विदेश समेत दो पुस्तकों का विमोचन हुआ. आज पावस गोष्ठी हुई. युवा व बाल कवियों का कविता पाठ हुआ. पहली बार साहित्य सम्मेलन ने सिर्फ कवियित्री गोष्ठी का आयोजन किया था.

अजय सिंह गुट के प्रवक्ता अशोक श्रीवास्तव ने कहा : हमारे अध्यक्ष अभी कार्यालय में नहीं बैठ रहे हैं. दो-चार दिनों में वे यहां बैठना शुरू करेंगे. उसके बाद हमारा भी कार्यक्रम होगा. इधर, प्रधानमंत्री रामनरेश सिंह ने कहा कि अस्वस्थ होने के चलते कार्यक्रम नहीं हो रहे हैं.

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