पटना. प्रदेश में प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत प्रदेश में 2016-17 से 2020-21 में अभी तक 4922 लाख से अधिक आवेदन लंबित हैं. केंद्र ने भी इस संदर्भ में आपत्ति जाहिर की है. ऐसे में उद्योग निदेशालय ने सभी जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधकों से कहा है कि रोजगार योजना के लंबित इन मामलों को शून्य किया जाये.
सूत्रों के मुताबिक हाल ही में केंद्रीय एजेंसी के जरिये इस मामले में उद्योग विभाग से जवाब मांगा है. कहा गया कि पीएमइजीपी (प्राइम मिनिस्टर इम्प्लॉयमेंट जनरेशन प्रोग्राम )पोर्टल पर यह स्थिति शून्य रहनी चाहिए. हालांकि, बिहार सहित कई राज्यों में यह नहीं हो सका है.
सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम के तहत बिहार में सर्वाधिक लंबित आयोजन 2020-21 हैं. इसकी वजह लॉकडाउन को बताया जा रहा है. जानकारी के मुताबिक इस मामले में समीक्षा के लिए 8 मार्च को निदेशालय में बैठक रखी गयी है. अध्यक्षता उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव करेंगे.
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2016-17 241
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2017-18 166
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2018-19 281
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2019-20 729
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2020-21 3505
प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम केंद्र सरकार की स्वरोजगार योजना है. इस के तहत उद्योग लगाने पर 25 लाख और सेवा क्षेत्र में निवेश करने पर 10 लाख रुपये कर्ज मिलता है. अगर कोई ग्रामीण इलाके में उद्योग लगाते हैं तो सब्सिडी की यह रकम बढ़ कर 25 से 35 फीसदी हो जाती है .
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झारखंड 2601
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उत्तरप्रदेश 14750
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पश्चिम बंगाल 4435
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मध्य प्रदेश 3249
केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्रालय ने बिहार उद्योग विभाग को चिट्ठी लिख कर कहा है कि वह प्रदेश के टेक्सटाइल सेक्टर में लगे मजदूरों की संख्या ओर विवरण बताये. दरअसल केंद्रीय मंत्रालय की मंशा रही है कि ऐसे मजदूरों को संरक्षित विशेष स्कीम के तहत लाभान्वित किया जाये. जल्दी ही केंद्र इस मामले में एक स्कीम लांच करने जा रहा है.
Posted by Ashish Jha