भागलुपर में गंगा नहर परियोजना के चलते कहीं सुखाड़ तो कहीं बाढ़ ! 50 एकड़ में लगी गेहूं की फसल डूबी
भागलपुर में सीपेज से लगभग 50 बीघा खेत डूब रहे है, वहीं नहर के दूसरे छोर पर रौशनपुर, दौलतपुर, वंशीकित्ता, बरैनी, सब्बलपुर, लगमा आदि गांव के लगभग 800 बीघा खेतों में लगी फसल सिंचाई के बिना सूख रही है.
भागलपुर (कहलगांव): बटेश्वर स्थान गंगा पंप नहर परियोजना के शिवनारायणपुर डिविजन के जगरनाथपुर गांव के समीप आरडी-13 केनाल में सीपेज से पानी रिसने से लगभग 50 बीघे खेत में लगी गेंहू की फसल में पानी प्रवेश कर गया. आक्रोशित किसानों ने गुरुवार को नहर के पेट्रोलिंग के दौरान तीन जेई आशीष मिश्रा, अनिल कुमार सिंह तथा मिथिलेश कुमार की जीप को रोक लिया और तुरंत नहर का पानी रोकने को कहने लगे. किसानों ने अपना खेत भी जेई को दिखाया.
किसानों के खेत और उनके रुख को देखते हुए जेई ने वरीय पदाधिकारी से बात कर नहर के पानी को रोक दिया. किसानों का दावा है कि हमारी 200 बीघा में लगी फसल डूब गयी है.
पानी के बिना सूख रहे आठ सौ बीघा खेत
सीपेज से लगभग 50 बीघा खेत डूब रहे है, वहीं नहर के दूसरे छोर पर रौशनपुर, दौलतपुर, वंशीकित्ता, बरैनी, सब्बलपुर, लगमा आदि गांव के लगभग 800 बीघा खेतों में लगी फसल सिंचाई के बिना सूख रही है. इन गांवों के किसानों का कहना है कि यहां के तालाब और कुंआ पूरी तरह सूख गये हैं. फसल को बचाने के लिए नहर के पानी की नितांत आवश्यकता है.
नहर में पानी को रोका गया
जगरनाथपुर के किसानों ने नहर के पानी को रुकवाने से इन गांवों के किसान परेशान हैं कि पानी के अभाव में कहीं हमारी फसल मर न जाये. गंगा पंप नहर परियोजना के कार्यपालक अभियंता राजीव रंजन सिंह ने कहा कि जगरनाथपुर के चंद किसानों की मांग पर तत्काल नहर का पानी रोक दिया गया है, लेकिन नहर अंतिम छोर के किसानों की फसल सूख जायेगी. इस बीच जो रास्ता बनेगा, उस पर अमल किया जायेगा.