पटना. साल के अंत तक शहर में 50 फव्वारे लगेंगे. इसके लिए 15-20 दिनों में टेंडर जारी कर दिया जायेगा. सोमवार को पटना नगर निगम की सशक्त स्थायी समिति की हुई दूसरी साधारण बैठक में नगर आयुक्त को इस दिशा में किये गये कार्यों से मेयर सीता साहू और नगर सरकार को अवगत कराने को कहा गया है. बैठक के बाद प्रेस को ब्रीफ करते हुए सशक्त स्थायी समिति के सदस्य डॉ आशीष सिन्हा ने कहा कि नगर आयुक्त ने इस संबंध में तैयारी पूरी होने और जल्द ही टेंडर निकालने का आश्वासन दिया है. मई के अंत या जून के मध्य तक टेंडर पूरा होने और अगले छह महीने में टेंडर लेने वाली एजेंसी द्वारा फव्वारा निर्माण पूरा कर उन्हें चालू कर देने की संभावना है. इस प्रकार साल के अंत तक शहर में 50 नये फव्वारे दिखने लगेंगे.
शहर में बनने वाले फव्वारों में 28 ऐसे हैं, जो नगर निगम की जमीन पर बनेंगे. इनके लिए पिछली नगर सरकार ने ही प्रस्ताव पारित किया था, लेकिन उसके बाद नगर निगम का चुनाव आने से मामले में कोई कार्य नहीं हुआ. 22 जगह फव्वारे सड़क या उसके किनारे पथ निर्माण विभाग की जमीन पर बनेंगे, जिसके लिए पथ निर्माण विभाग का एनओसी मिल गया है. फव्वारों के निर्माण के लिए नगर सरकार ने बजट में पांच करोड़ का प्रावधान किया है.
बैठक में बीते दिनों 623 दैनिक और एक हजार से अधिक फर्जी आउटसोर्स कर्मियों के पकड़े जाने का मुद्दा भी प्रमुखता से उठा. सशक्त स्थायी समिति के सदस्यों ने नगर आयुक्त से मामले में दंडात्मक कार्रवाई नहीं करने पर सवाल उठाया. आशीष सिन्हा ने कहा कि नगर आयुक्त ने स्वयं कहा है कि फर्जी कर्मियों के सामने आने से उनके वेतन पर खर्च हो रहे 50 लाख की मासिक राशि की बचत होगी. ऐसे में यह घोटाला बिना अन्य लोगों की मिलीभगत के संभव नहीं था. इस पर मेयर सीता साहू ने एक पांच सदस्यीय समिति के गठन का निर्णय लिया है जिसमें अधिकारी भी होंगे और वार्ड पार्षद भी. यह कर्मी मामले की जांच कर दोषियों पर दंडात्मक कार्रवाई करेगी.
शहर में फुटपाथ पर दुकानें लगाने से हो रही समस्या पर भी सशक्त स्थायी समिति की बैठक में विचार किया गया. सदस्यों ने फुटपाथ पर दुकानें लगाने पर रोक लगाने के बजाय उसका समय निर्धारित करने का सुझाव दिया. पायलट प्रोजेक्ट के रूप में पटना जंक्शन, हथुआ मार्केट व खेतान मार्केट से इसे शुरू करने का प्रस्ताव दिया गया. इन जगह वेंडरों को फुटपाथ पर सुबह छह बजे से 10 बजे तक और रात में नौ बजे के बाद दुकान लगाने की अनुमति देने की बात कही गयी, ताकि वाहनों के आने-जाने में परेशानी नहीं हो. हालांकि, इस मामले में अंतिम निर्णय टाउन वेंडिंग कमेटी की बैठक में होगा.
रामाचक बैरिया में कूड़ा निस्तारण में हो रहे खर्च को और भी कम करने पर बैठक में सहमति बनी. अभी इसमें 32 किराये के हाइवा और 16 जेसीबी लगे हैं. इनकी जगह अब नगर निगम वहां तक कचरा पहुंचाने के लिए अपनी 407 गाड़ियों का इस्तेमाल करेगा और कचरा वाहन क्षमता बढ़ाने के लिए डाला को बढ़ा दिया जायेगा. वर्तमान में रामाचक बैरिया में कचरा निष्पादन पर छह करोड़ हर माह खर्च हो रहे है.
बैठक में माॅनसून और स्वच्छता सर्वेक्षण को ध्यान में रखकर जोनल निरीक्षकों के पद को बनाये रखने का निर्णय लिया गया. वर्तमान में 19 जोनल निरीक्षक हैं और हर के जिम्मे बारिश के बाद चार वार्डों के जलनिकासी की व्यवस्था देखने की जिम्मेदारी है.