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लोकसभा के मुकाबले बढ़ गये 50 हजार वोटर, प्रवासियों के आने से मतदान प्रतिशत बढ़ने की उम्मीद

सहरसा : आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन हर मुमकिन प्रयास में जुटा है. स्वीप कोषांग के माध्यम से जहां गांव-गांव मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है.

विनय मिश्र, सहरसा : आगामी विधानसभा चुनाव में मतदान प्रतिशत बढ़ाने को लेकर जिला प्रशासन हर मुमकिन प्रयास में जुटा है. स्वीप कोषांग के माध्यम से जहां गांव-गांव मतदाताओं को जागरूक किया जा रहा है. वहीं विभिन्न तरह के कार्यक्रम आयोजित कर मतदाताओं को मतदान के लिए प्रेरित करने का कार्य जारी है. पिछले लोकसभा चुनाव में जहां वर्ष 2015 के विधानसभा चुनाव से सात प्रतिशत अधिक मतदान हुए थे. वहीं इस वर्ष लोकसभा चुनाव से अधिक मत प्रतिशत करने की तैयारी की जा रही है. जिलाधिकारी निचले स्तर के चुनाव कर्मी से लेकर ऊपर स्तर तक के अधिकारियों को मत प्रतिशत बढ़ाने को लेकर लगातार दिशा निर्देश दे रहे हैं. बीएलओ को जहां घर-घर जाकर मतदान के लिए प्रेरित करने का निर्देश दिया गया है. वहीं सेक्टर पदाधिकारी को भी उनके निर्धारित क्षेत्र के मतदाताओं को जागरूक करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. ऐसे में अब देखना यह है कि आगामी विधानसभा चुनाव में मत प्रतिशत बढ़ाने में जिला प्रशासन कितना सफल हो पाता है.

प्रवासियों की भागीदारी बढ़ा सकता है प्रतिशत

इस विधानसभा चुनाव में कोरोना संक्रमण के दौरान प्रवासी श्रमिकों के लौटने से मत प्रतिशत बढ़ने की संभावना दिख रही है. मतदाता सूची में प्रवासियों के नाम पर प्रविष्टि को लेकर लगातार अभियान चलाया गया. इस दौरान 50 हजार से अधिक नए मतदाताओं के नाम जोड़े गये. कोरोना संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन मतदान के लिए एहतियात बरतने की व्यवस्था कर रखी है. पूर्व में जहां एक मतदान केंद्रों पर एक हजार से अधिक मतदाता होते थे. वहीं इस विधानसभा में किसी भी मतदान केंद्र पर एक हजार से अधिक मतदाता नहीं हैं. जिसको लेकर 561 सहायक मतदान केंद्र पूरे जिले में बनाए गए हैं. मतदान कर्मियों को जहां अलग से मेडिकल किट दी जायेगी. वहीं मतदाताओं के लाइन में लगाने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग के तहत गोला बनाया जायेगा. मतदाताओं के लिए मास्क लगाना अनिवार्य होगा एवं संक्रमित मरीज पोस्ट बैलैट से अपना मत डाल सकेंगे. इसके लिए कुछ प्रक्रियाओं को करना होगा. पिछले लोकसभा चुनाव में कुल 61 प्रतिशत मतदान हुए थे. जबकि विधानसभा में मत प्रतिशत बढ़ाने व शतप्रतिशत मतदान की तैयारी जोरों पर है.

वोटरों की संख्या में 51074 की हुई है वृद्धि

पिछले लोकसभा चुनाव की अपेक्षा इस वर्ष विधानसभा चुनाव में मतदाताओं की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है. पिछले लोकसभा चुनाव में जहां 12 लाख 62 हजार 703 मतदाता थे. वहीं इस वर्ष विधानसभा चुनाव में यह बढ़कर 13 लाख 13 हजार 777 हो गए हैं. कुल 51 हजार 74 मतदाताओं की बढोतरी हुई है. जिनमें 26 हजार 558 पुरुष एवं 24 हजार 514 महिला मतदाताओं की वृद्धि हुई है. इनके अलावा दो थर्ड जेंडर में भी वृद्धि हुई है. पिछले लोकसभा चुनाव में जहां कुल मतदान केंद्र 1304 थे. वही कोरोना संक्रमण को लेकर चुनाव आयोग के निर्देश पर मतदान केंद्रों की संख्या 1865 हो गई है. जिनमें 561 सहायक मतदान केंद्र बनाए गए हैं. इन मतदान केंद्रों में किसी भी मतदान केंद्र पर एक हजार से अधिक मतदाता नहीं हैं.

लोस चुनाव में महिला वोटर पड़ी थी भारी

पिछले लोकसभा चुनाव में पुरुष की अपेक्षा महिलाओं ने जम कर मतदान किया था. पूरे जिले में कुल 61 प्रतिशत मतदान हुआ था. जिनमें पुरुष की अपेक्षा महिलाओं की अधिक भागीदारी थी. जिले के सभी विधानसभा क्षेत्र में पुरुष की अपेक्षा महिलाओं ने अधिक प्रदान किया था. 2019 के लोकसभा चुनाव में 59.2 प्रतिशत पुरुष एवं 63.9 प्रतिशत महिलाओं ने अपना मतदान किया. सोनवर्षा विधानसभा में 61 प्रतिशत, सहरसा विधानसभा में 63 प्रतिशत, महिषी विधानसभा में 62 प्रतिशत एवं सिमरी बख्तियारपुर विधानसभा में 58.78 प्रतिशत से अधिक महिला मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया. जबकि इन सभी विधानसभाओं में पुरुषों का मत प्रतिशत महिलाओं की अपेक्षा काफी कम रहा.

posted by ashish jha

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