मांझी ने की मांग कहा, सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना रिपोर्ट जारी होनी चाहिए

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के नेता जीतन राम मांझी ने केंद्र से एक बार सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना आंकडों को जारी किए जाने की मांग की.मांझी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आज पुन: कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 14, 2015 6:07 PM

पटना : पूर्व मुख्यमंत्री और हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) सेक्युलर के नेता जीतन राम मांझी ने केंद्र से एक बार सामाजिक-आर्थिक जातिगत जनगणना आंकडों को जारी किए जाने की मांग की.मांझी ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर आज पुन: कहा कि जब जातिगत जनगणना के लिए आयोग बना, सर्वे हुआ तो इसे गुप्त रखने की क्याजरूरत. इसको सामने लाना चाहिये.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और राजद प्रमुख लालू प्रसाद की तरह मांझी ने भी उक्त मांग फिर दोहरायी है. लालू ने इसको लेकर कल राजभवन मार्च भी किया था. उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना को सार्वजनिक किए जाने से ये बातें भी सामने आयेगी कि देश में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, पिछडा वर्ग, अल्पसंख्यक और महिलाओं की कितनी आबादी है. रिपोर्ट आने से इन वर्गो के लिए चलायी जा रही योजनाओं के बजट बनाने में सहुलियत होगी. साथ ही इन समाज के लोगों के सही आर्थिक स्थिति के आकडे सामने आयेंगे.
मांझी ने कहा कि इस रिपोर्ट से ये पता चलेगा कि कितने लोग भूमिहीन और मकानविहीन हैं. तभी तो इनकी स्थिति में सुधार के लिए प्रभावी निर्णय लिया जा सकता है.उन्होंने कहा कि इस सर्वे को सिर्फ जाति से जोडना उचित नहीं है बल्कि सर्वे में इन वर्गो के लोगों की वास्तवित स्थिति का भी पता चलेगा. यह मेरी व्यक्तिगत राय है कि जातिगत जनगणनना की रिपोर्ट जारी की जानी चाहिए. मांझी सैद्धांतिक तौर पर राजग में शामिल हो चुके हैं.

Next Article

Exit mobile version