Loading election data...

दो डॉक्टरों के सहारे हो रहा मरीजों का इलाज

बिहारशरीफ (नालंदा) . डॉक्टर दो, मरीज छह सौ. यह हाल है स्थानीय सदर अस्पताल का. प्रतिदिन मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद डॉक्टरों की यहां घोर कमी है. दो डॉक्टरों के भरोसे 500-600 मरीजों को इलाज के लिए छोड़ दिया गया है. नतीजतन मरीज लाचार होकर बिना इलाज कराये वापस लौट रहे है. सदर अस्पताल […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 7, 2013 11:07 PM

बिहारशरीफ (नालंदा) . डॉक्टर दो, मरीज छह सौ. यह हाल है स्थानीय सदर अस्पताल का. प्रतिदिन मरीजों की बढ़ती संख्या के बावजूद डॉक्टरों की यहां घोर कमी है. दो डॉक्टरों के भरोसे 500-600 मरीजों को इलाज के लिए छोड़ दिया गया है. नतीजतन मरीज लाचार होकर बिना इलाज कराये वापस लौट रहे है. सदर अस्पताल की चरमरायी व्यवस्था का आलम यह है कि पटना से आने वाले डॉक्टर सप्ताह में कभी-कभार ही दर्शन देते है. अभी हाल में ही जिलाधिकारी श्रीमती पलका साहनी ने स्थानीय सदर अस्पताल में स्वास्थ्य संबंधित बैठक की, जिसमें अस्पताल की व्यवस्था में सुधार लाने के लिए सिविल सर्जन को कड़ी हिदायत दी, लेकिन व्यवस्था ज्यों की त्यों ही बनी हुई है. सोमवार का नजारा अस्पताल का यही रहा कि दो डॉक्टर ओपीडी में मरीजों को देखते नजर आये. सोमवार को करीब पांच सौ से अधिक मरीज इलाज के लिए पहुंचे हुए थे, लेकिन डॉक्टरों की कमी के कारण अधिकांशत: मरीज बिना इलाज कराये वापस लौट गये. जिले के कुछ प्रखंडों में डेंगू का भयानक प्रकोप बना हुआ है. वैसी स्थिति में स्थानीय सदर अस्पताल में डॉक्टरों की नियमित रूप से ड्यूटी करनी चाहिए, लेकिन पटना के डॉक्टर फरार रहते है. विडंबना तो यह भी है कि फरार रहने वाले डॉक्टरों का वेतन भी नियमित डॉक्टरों के पहले बन जाता है जबकि अब तक नियमित ड्यूटी करने वाले डॉक्टरों का वेतन पिछले पांच माह से नहीं बना है. अगर डॉक्टरों के गायब रहने का सिलसिला इसी तरह रहा तो यहां मरीजों का इलाज कराना मुश्किल हो जायेगा.

Next Article

Exit mobile version