सुबोध कुमार नंदन, संवाददाता, पटना: बिहार में टेलीडेंसिटी (दूरसंचार सेवा से सीधे जुड़े उपभोक्ता) का ग्राफ धीरे-धीरे बढ़ रहा है. पिछले दो साल में लगभग तीन फीसदी (2.57 फीसदी) उपभोक्ता बढ़े हैं. 31 दिसंबर 2020 में टेलीडेंसिटी (प्रत्येक सौ लोगों में मोबाइल-टेलीफोन कनेक्शन संख्या) 52.80 फीसदी थी, जो बढ़ कर अब 31 अक्तूबर 2022 में 55.37 फीसदी पर आ गयी है.
पिछले दाे साल में धीरे-धीरे बढ़त जारी है, जो 2.57 फीसदी अधिक हो गयी. यहां हर सौ लोगों में 55 लोग ही मोबाइल-टेलीफोन सुविधा से जुड़े हैं. यानी 45 फीसदी लोगों के पास मोबाइल नहीं है. टेलीडेंसिटी के मामले में पूरे देश में बिहार सर्किल (बिहार-झारखंड) में आबादी का आधा हिस्सा संचार सुविधाओं से महरुम है.
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अब सूबे के 55 फीसदी लोगों के पास मोबाइल, 2. 57 फीसदी का इजाफा
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31 अक्तूबर के अंत में दिल्ली सर्किल में टेलीडेंसिटी 269.90 फीसदी
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बिहार सेवा क्षेत्र में न्यूनतम टेली डेंसिटी 55. 37 फीसदी रहा
31 अक्तूबर 2022 के अंत में आठ सेवा क्षेत्र में दिल्ली सर्किल सेवा क्षेत्र में अधिकतम टेलीडेंसिटी 269.90 फीसदी रही. इसमें बिहार सेवा क्षेत्र में न्यूनतम टेलीडेंसिटी 55. 37 फीसदी रही. डिजिलटाइजेशन के दौरान में यह स्थिति परेशान करने वाली है. भारतीय दूरसंचार विनियामक प्राधिकरण (ट्राइ) की रिपोर्ट के बाद मोबाइल ऑपरेटरर्स भी इसका अध्ययन करने में जुटे हैं.
बीएसएनएल (बिहार सर्किल) के सीजीएम देवेंद्र सिंह ने बताया कि बिहार में आर्थिक स्थिति अन्य राज्यों से कमजोर है. इसके कारण यहां मोबाइल उपभोक्ताओं की कमी है. लेकिन पिछले दो साल में टेलीडेंसिटी में इजाफा हुआ है. भारतनेट का नेटवर्क बढ़ने से आने वाले माह में टेलीडेंसिटी में बढ़ोतरी होगी.
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31 दिसंबर 2020- 52. 80
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31 जनवरी- 2021- 53.11
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31 जुलाई – 2021- 53. 95
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31 दिसंबर – 2021- 53. 71
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31 मार्च 2022- 52.88
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31 मई 2022- 53. 72
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31 जुलाई 2022-54. 69
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(आंकड़ा ट्राइ की ओर से जारी रिपोर्ट के अनुसार)