आदर्शवादिता से ही मिटेगा भ्रष्टाचार

पटना: केरल के राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि आदर्शवादिता से ही भ्रष्टाचार समाप्त हो सकता है. बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह व बिहार विभूति डॉ अनुग्रह नारायण सिंह में वह आदर्शवादिता थी. वर्तमान पीढ़ी को वही आदर्शवादिता अपनानी होगी. जब तक ऐसा नहीं होगा, भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता. वह बिहार विधान परिषद के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 20, 2013 8:15 AM

पटना: केरल के राज्यपाल निखिल कुमार ने कहा कि आदर्शवादिता से ही भ्रष्टाचार समाप्त हो सकता है. बिहार केसरी डॉ श्रीकृष्ण सिंह व बिहार विभूति डॉ अनुग्रह नारायण सिंह में वह आदर्शवादिता थी. वर्तमान पीढ़ी को वही आदर्शवादिता अपनानी होगी. जब तक ऐसा नहीं होगा, भ्रष्टाचार समाप्त नहीं हो सकता.

वह बिहार विधान परिषद के सभागार में बिहार केसरी-बिहार विभूति की 125वीं जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित राष्ट्रीय परिचर्चा को संबोधित कर रहे थे. राज्यपाल ने कहा कि श्री बाबू व अनुग्रह बाबू मामूली राजनीतिज्ञ नहीं थे.

उनकी सोच आम नेताओं से अलग थी. राजनीति में उन्होंने आदर्श स्थापित किया. आजादी से पहले बिहार की गद्दी पर आये, तो ब्रिटिश सरकार के समक्ष शर्त रखी कि कालापानी की सजा काट रहे लोगों को रिहा किया जाये. ऐसा नहीं हुआ, तो उन्होंने इस्तीफा दे दिया था. दोनों ने आजादी की लड़ाई में आठ साल से अधिक सजा काटी. वह आज का दौर नहीं था, जब जेल में कई सुविधाएं दी जातीं. 1917 में नील की खेती को लेकर जब महात्मा गांधी के साथ अनुग्रह बाबू चंपारण गये, तो कलक्टर से मिलने के लिए अपने पांच साथियों के साथ धरने पर बैठ गये. वह पहला धरना था, जो आज आम आदमी के लिए सशक्त हथियार बन गया है. डीवीसी, बीआइटी, टेल्को, नेतरहाट जैसे संस्थान लाये. आजादी से पहले आम जनता ने दोनों नेताओं को बिहार केसरी व बिहार विभूति की उपाधि दी.

आखिर कुछ तो बात है कि उनके निधन के 50-60 साल बाद भी हम उन्हें याद कर रहे हैं. स्वागत जदयू विधान पार्षद डॉ महाचंद्र प्रसाद व धन्यवाद ज्ञापन पूर्व कुलपति निहार नंदन सिंह ने किया. कार्यक्रम में पटना नगर निगम के महापौर अफजल इमाम ने भी अपने विचार रखे. कार्यक्रम में विप सदस्य राजकिशोर कुशवाहा, जदयू नेता शैलेंद्र प्रताप, प्रवक्ता प्रो राम किशोर सिंह सहित शहर के अन्य गण्यमान्य व्यक्ति मौजूद थे.

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