हुंकार रैली : 27 जगहों पर बस-ट्रकों की पार्किग
पड़ावों पर खुलेंगे सूचना केंद्र, रैली से लौटनेवालों को मिलेगा चूड़ा–गुड़ का पैकेट पटना : हुंकार रैली में 38 जिलों से आनेवाले दो हजार से अधिक बस–ट्रकों की पार्किग 26 अक्तूबर की रात से ही 27 केंद्रों पर होगी. भाजपा ने जिला प्रशासन से 27 जगहों पर दो दिनों तक गाड़ियां लगाने के लिए जगह […]
पड़ावों पर खुलेंगे सूचना केंद्र, रैली से लौटनेवालों को मिलेगा चूड़ा–गुड़ का पैकेट
पटना : हुंकार रैली में 38 जिलों से आनेवाले दो हजार से अधिक बस–ट्रकों की पार्किग 26 अक्तूबर की रात से ही 27 केंद्रों पर होगी. भाजपा ने जिला प्रशासन से 27 जगहों पर दो दिनों तक गाड़ियां लगाने के लिए जगह मांगी है.
गाड़ियों को लगवाने में स्थानीय पुलिस तो सक्रिय रहेगी ही, पार्टी कार्यकर्ताओं की भी बड़ी टीम इसमें सहयोग करेगी. सभी पड़ावों पर सूचना काउंटर भी बनाया जायेगा, जहां से लोगों को गांधी मैदान पहुंचने का रास्ता बताया जायेगा. कुछ लोगों को छोटी गाड़ियों से भी गांधी मैदान पहुंचाने का प्रबंध किया जायेगा.
बांटी गयी जिम्मेवारी
जहां–जहां बड़ी गाड़ियां लगेंगी, वहां–वहां प्याऊ बनाये जायेंगे. रैली के बाद ट्रक–बसों से लौटनेवालों को पार्टी चूड़ा–गुड के पैकेट के साथ विदा करेगी. जहां–जहां छोटी गाड़ियां लगेंगी, वहां पानी का पाउच भी बांटा जायेगा. रैली के दौरान यातायात नियंत्रण के लिए पार्टी के सात पदाधिकारियों को लगाया गया है.
धीरेंद्र सिंह, रणवीर, रवि सिंह व राजीव रंजन यातायात व्यवस्था को नियंत्रित करेंगे, तो मृत्युंजय झा, मनोज सिंह व रंजीत कुमार ट्रक–बसों की पार्किग करायेंगे.
भाजपा की अपील पर गरमायी राजनीति
रैली के दिन अपनी यात्रा रद्द कर देने की आम जनता से भाजपा की अपील पर राजनीति गरमा गयी है. सत्ताधारी जदयू ने इसे राज्य में भय का वातावरण कायम करने की संज्ञा दी है, तो राजद ने हुंकार के बजाय खूंखार रैली कही. लोजपा व कांग्रेस ने कहा कि रैलियों के इतिहास में पहली बार लोगों को बाहर निकलने से रोका जा रहा है.
जदयू : प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने कहा कि रैली तो जनसहयोग से ही होती है. आखिरकार भाजपा नेता इस तरह का बयान देकर क्या साबित करना चाहते हैं. रैली के पहले ही डर व भय का वातावरण बनाया जा रहा है.
जदयू ने अधिकार रैली की थी. क्या रैली के दिन लोगों को बाहर आने से रोका गया था. यात्रा करना या नहीं करना, यह आम जनता का अधिकार है. कोई राजनीतिक दल इस पर कैसे फैसला ले सकता है.
राजद : प्रधान महासचिव सह सांसद रामकृपाल यादव ने कहा कि पहली बार हुआ है कि आम लोगों को रैली के दिन घर से बाहर नहीं निकलने की बात कही जा रही है. स्पष्ट है कि यह रैली आम लोगों के लिए नहीं है. भाजपा को अपना खूंखार चेहरा दिखाना है. यह हुंकार नहीं, खूंखार रैली है. इसके सरगना नरेंद्र मोदी हैं.
भाजपा को शक है कि इस रैली में खूंखारों के आने से जनता तकलीफ में आ सकती है. रैली पूरी तरह फ्लॉप होनेवाली है.
लोजपा : प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि यात्रा नहीं करने की अपील कर जनता के मन में भय का वातावरण कायम किया जा रहा है. आज तक किसी भी दल ने ऐसा नहीं किया था. रैली का मतलब यह नहीं होता है कि आम जनता को नाहक परेशान किया जाये. इस अपील ने साबित कर दिया है कि भाजपा को आम जनता से लेना–देना नहीं है.
माकपा : राज्य सचिव विजय कांत ठाकुर ने कहा कि पार्टी भाजपा की इस अपील की निंदा करती है. इस अपील से भाजपा की मानसिकता का अंदाजा लगता है. पार्टी लोगों को डराना चाह रही है.
कांग्रेस : मीडिया प्रभारी प्रेमचंद्र मिश्र ने कहा कि यह भाजपा की रंगदारी है. वह चाहती है कि उसके लोग बिना टिकट के ही पटना आ जायें. पार्टी रेल मंत्रलय से अनुरोध करेगी कि वह 26-27 अक्तूबर को सघन टिकट जांच अभियान चलाये. बिना टिकट सफर करनेवाले भाजपाइयों को जेल में बंद किया जाये.