संवाददाता, हाजीपुर
हाजीपुर मंडल कारा में एक कैदी रामबालक राय की मौत का मामला जैसे ही हत्या में तब्दील हुआ, वैसे ही मंडल कारा में बंद कैदियों के दो गुटों के बीच जम कर हिंसक झड़प हुई. थोड़ी देर बाद इस झड़प ने जातीय हिंसा का रूप ले लिया. इस घटना में छह कैदी बुरी तरह जख्मी हो गये हैं. घायल कैदियों में कुख्यात अनिल शर्मा एवं चितरंजन सिंह उर्फ चीता सिंह भी शामिल हैं. दोनों के सर में गंभीर चोट आयी है. दोनों कैदियों की स्थिति गंभीर देखते हुए उन्हें पीएमसीएच रेफर कर दिया गया है. इधर मंडल कारा में कैदी की मौत के बाद दो गुटों में हुई हिंसक झड़प की घटना का संज्ञान स्वयं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने लिया. उन्होंने सीधे इस घटना के बारे में जेल आइजी आनंद किशोर से जानकारी ली और पूरे मामले की जांच करने का आदेश दिया. मिली जानकारी के अनुसार मंगलवार की सुबह जैसे ही मंडल कारा में बंद कैदियों के बीच कैदी राम बालक राय की हत्या की जानकारी हुई, उसके बाद कैदियों के एक बड़े ग्रुप ने उस सेल पर हमला कर दिया. जहां राम बालक राय की हत्या की गयी थी. आक्रोशित कैदी इस सेल का ताला तोड़ कर सेल के अंदर घुस गये एवं सेल में बंद सभी कैदियों को पीटना शुरू कर दिया. धीरे-धीरे इस मामले ने जातीय रंग पकड़ लिया. जेल के अंदर का परिसर जंग का मैदान बना हुआ था. कैदियों ने इस दौरान जम कर रोड़े बाजी भी की. जेल परिसर में तकरीबन डेढ़ घंटे तक यही स्थिति बनी रही. घटना की सूचना पर डीएम वैशाली, एसपी, डीएसपी समेत कई वरीय पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी मंडल कारा पहुंचे. तकरीबन चार घंटों तक पुलिस व प्रशासन झड़प पर काबू पाने की कोशिश करते रहे. लेकिन उग्र कैदियों पर नियंत्रण पाने के लिए पुलिस को अतिरिक्त पुलिस बुलानी पड़ी. इसमें सैप के जवान भी थे. घटना के बाद डीएम एवं एसपी ने खुद पूरे मामले की जांच की एवं जेल के अंदर की स्थिति को नियंत्रित बताया. उन्होंने कहा कि हत्या की सूचना के बाद ही जेल में बंद कैदियों ने उग्र रूप धारण किया था. इधर जेल आइजी ने भी मंडल कारा पहुंच कर पूरे मामले की तहकीकात की. उन्होंने जेल में हुई झड़प के मामले में वहां प्रतिनियुक्त पदाधिकारियों से पूछताछ भी की. उन्होंने बताया कि इस घटना की जांच कर जल्दी से दोषी कैदियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी.