कर्मी ही निकले लुटेरे
हाजीपुर जिससे हुई साढ़े 11 लाख रुपये की लूट, वही निकला लुटेरा. नगर थाना क्षेत्र के जढुआ बाइपास पर शुक्रवार को एक माइक्रो फाइनांस कंपनी के कर्मचारी से साढ़े 11 लाख रुपये की हुई लूट के महज डेढ़ घंटे के अंदर ही सारी सच्चई सामने आ गयी. और इसके साथ ही माइक्रो फाइनांस कंपनी से […]
हाजीपुर
जिससे हुई साढ़े 11 लाख रुपये की लूट, वही निकला लुटेरा. नगर थाना क्षेत्र के जढुआ बाइपास पर शुक्रवार को एक माइक्रो फाइनांस कंपनी के कर्मचारी से साढ़े 11 लाख रुपये की हुई लूट के महज डेढ़ घंटे के अंदर ही सारी सच्चई सामने आ गयी. और इसके साथ ही माइक्रो फाइनांस कंपनी से जुड़े दर्जनों लूटकांड के मामले की भी सच्चई सामने आने लगी है. रिवाल्वर के बल पर साढ़े 11 लाख रुपये लूटने का हल्ला करने वाला कर्मचारी ही इस लूटकांड क ा प्लानर निकला. लेकिन एक सीसीटीवी कैमरे की नजर ने उसकी योजना पर पानी फेर दिया. और दोनों कर्मचारी हवालात की हवा खाने चले गये. दरअसल हुआ यह कि सेटिन केयर माइक्रो फाइनांस कंपनी के दो कर्मचारी ओमप्रकाश तथा संतोष कुमार शुक्रवार को तकरीबन 12 बजे नगर थाना क्षेत्र के अंजानपीर चौक स्थित कार्यालय से साढ़े 11 लाख रुपये लेकर नालंदा जिले के हिलसा ब्रांच जा रहे थे. तभी ओमप्रकाश को अचानक एक मोटरसाइकिल पर सवार तीन अपराधियों ने उसे घेर लिया.और रिवाल्वर के बट से मार कर रुपये भरा बैग छीन लिया. घटना जढुआ चेक पोस्ट से हाजीपुर की ओर रिलायंस पेट्रोल पंप के आस-पास की बतायी गयी. लूट की घटना पर हरकत में आयी पुलिस के पास भी इस घटना को लूट मानने के अलावा कोई चारा नहीं था. लेकिन कंपनी के कर्मचारियों की किस्मत खराब थी. जिस जगह पर कर्मचारियों ने लूट की बात बतायी, उसके ठीक सामने एक मिठाई की फैक्टरी है. फैक्टरी के दूसरे तल्ला पर लगे सीसीटीवी में लूटकांड का नाटक कैद हो रहा था. प्लानर को इसकी भनक भी नहीं थी. इसके बाद घटना की जांच करने आयी पुलिस को कर्मचारियों ने अपना बयान दिया. अचानक डीएसपी पंकज रावत की नजर सीसीटीवी कैमरे पर गयी. उन्होंने पता लगाया तो कैमरा चालू था. इसके बाद फुटेज को जब उन्होंने देखा तो सारा मामला उनकी समझ में आ गया. दोनों कर्मचारी ओमप्रकाश यादव एवं संतोष कुमार को तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. डीएसपी श्री रावत ने बताया कि कैमरे में यह बिल्कुल स्पष्ट है कि जिस पल्सर मोटरसाइकिल से साढ़े 11 लाख रुपये लूटे जाने की बात कही जा रही है, वह पल्सर दोनों कर्मचारियों की गाड़ी के साथ ही आयी. दोनों एक जगह रुके. ओमप्रकाश यादव गाड़ी से उतरा एवं पल्सर सवार दो युवकों को रुपयों से भरा बैग थमा दिया. लूट के दौरान घटना क्रम यही देखा गया. न तो रिवाल्वर था और न ही उसे रिवाल्वर के बट से मारा गया था. घटना की सूचना पर एसपी सुरेश प्रसाद चौधरी भी घटनास्थल पर पहुंचे. उन्होंने भी सीसीटीवी में कैद इस फुटेज को देखा. हालांकि उन्होंने कहा कि लूट की यह घटना संदेहास्पद है, इसकी जांच की जा रही है.