3:39 बजे की कॉल ने ली नवीन की जान
मुजफ्फरपुर: एसएससी की परीक्षा में शामिल होकर अपने गांव लौट रहा नवीन के मोबाइल पर रविवार को दिन में 3.39 बजे यूनिनॉर के नंबर 7277217630 से कॉल आयी थी. यही कॉल उसके लिए काल बन गयी. परसौनी की ही रहने वाली उसकी पूर्व प्रेमिका निक्की ने उसे फोन किया था. निक्की को उसने ही यह […]
मुजफ्फरपुर: एसएससी की परीक्षा में शामिल होकर अपने गांव लौट रहा नवीन के मोबाइल पर रविवार को दिन में 3.39 बजे यूनिनॉर के नंबर 7277217630 से कॉल आयी थी. यही कॉल उसके लिए काल बन गयी.
परसौनी की ही रहने वाली उसकी पूर्व प्रेमिका निक्की ने उसे फोन किया था. निक्की को उसने ही यह सिम उसकी शादी के पूर्व गिफ्ट किया था. शादी के बाद भी नवीन की इसी नंबर पर निक्की से बातचीत होती थी. निक्की का पति जीवछ पांडेय को पता चल गया था कि उसकी पत्नी के मोबाइल पर अक्सर उसके मायके का प्रेमी फोन कर तंग करता है. इसी बात का बदला लेने के लिए उसने नवीन के अपहरण की योजना बनायी थी. हालांकि, उसकी पत्नी निक्की ने नवीन का हाथ-पैर तोड़ कर छोड़ देने के लिए कहा था, लेकिन बाद में सुनियोजित साजिश के तहत उसकी हत्या कर दी गयी. हत्या करने के बाद जीवछ व उसके साथियों ने पुलिस से बचने के लिए नवीन के शव को छोटे-छोटे टुकड़े में तब्दील कर गंडक नदी में ठिकाने लगा दिये.
एक गलती से चढ़े पुलिस के हत्थे
एक गलती के कारण सभी आरोपित पुलिस के हत्थे चढ़ गये. अपहर्ताओं को नहीं पता था कि नवीन अपने दोस्त विक्रम के साथ अपने गांव जाने के लिए रविवार को अपने भाई के कमरे से निकला था. बैरिया बस स्टैंड के पास जहां पर शिवहर जाने के लिए बस खड़ी होती है. वही पर नवीन के मोबाइल पर निक्की ने फोन किया था. बातचीत के क्रम में नवीन ने फोन करने वाले से पूछा कि तुम्हारा पति कहां है. बस इतनी ही बात विक्रम सुन पाया था. फोन आने के बाद थोड़ी ही देर बात नवीन बस स्टैंड में विक्रम को छोड़ कर एक घंटे में वापस लौटने की बात कह कर चल पड़ा. उसने देखा कि दो युवक के साथ वह बैरिया गोलंबर की तरफ चला गया था. वही बस पकड़ कर विक्रम गांव चला आया. उसने नवीन के परिजनों को पूरी बात बता दी. परिजनों ने नवीन के मोबाइल पर संपर्क करना शुरू किया तो उससे संपर्क नहीं हो पाया. सोमवार को नवीन के परिजन मुजफ्फरपुर पहुंच कर उसकी खोजबीन की, नहीं मिलने पर अहियापुर पुलिस से संपर्क कर अपहरण की प्राथमिकी करायी.
विक्रम से पूछताछ में मिला सुराग
नवीन अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने विक्रम से पूछताछ की. उसने बताया कि मोबाइल पर कॉल आने के बाद नवीन ने फोन करने वाले से पूछा था कि तुम्हारा पति कहां है. इससे पता चल गया कि फोन करने वाला निश्चित रुप से नवीन के पहचान की महिला थी. एसआइटी ने नवीन के कॉल डिटेल को खंगाला, उससे पता चला कि नवीन ने वह सिम अपने एक दोस्त के नाम से लिया है. पुलिस उस युवक से पूछताछ की. उसने बताया कि नवीन ने यह सिम निक्की नाम की युवती को दे रखा है. निक्की का नाम आते ही पुलिस इस नाम की युवती को तलाश करना शुरू कर दिया. छानबीन में पता चला कि वह परसौनी की ही रहने वाली है.
मामा-भांजे ने बनायी फिरौती की योजना
निक्की का पति जीवछ चार माह से नवीन को सबक सिखाने की योजना बना रहा था. 20 अक्तूबर को उसे मौका हाथ लग गया. नवीन के मुजफ्फरपुर आने की जानकारी मिलते ही वह अपनी निक्की से फोन करा कर उसे अपने जाल में फांस लिया. उसने पूर्व से ही इस कांड को अंजाम देने के लिए रंजीत, नीलेश उर्फ मामू, विजय, प्रकाश को शामिल कर रखा था. नवीन को बैरिया से रंजीत व रवि पांडे झांसा देकर नीलेश के कोल्हुआ परतीपर स्थित उसके कमरे में ले आये थे. रिश्ते में नीलेश व रवि मामा-भांजा है. हालांकि, इस कांड में रवि अभी तक फरार है. वही नीलेश तिवारी जूरन छपरा स्थित एक डॉक्टर के यहां कंपाउंडर है. पूछताछ में जीवछ ने स्वीकार किया कि हत्या करने के बाद फिरौती मांगने की योजना मामा-भांजे ने बनायी थी. उसने परिजनों को फोन कर 15 लाख रुपये की फिरौती मांगी थी.
भाभी के भाई से की शादी
निक्की ने अपने भाई बैजू पांडेय के साले जीवछ से प्रेम विवाह किया था. जीवछ अपनी बहन से अक्सर मिलने-जुलने परसौनी जाता था. इसी क्रम में उसकी निक्की से जान-पहचान हुई थी. उसके परिजनों को प्रेम-प्रसंग की जानकारी होने पर निक्की की शादी दूसरी जगह तय कर दी गयी. मार्च माह में जीवछ ने गांव से भगा कर निक्की से नेपाल में शादी कर ली. शादी के बाद दोनों पति-पत्नी के रुप में अहियापुर के चाणक्यपुरी मोहल्ले में रहने लगे. जीवछ मकान निर्माण की ठेकेदारी करता था.
हत्या का अफसोस नहीं
अपनी पत्नी के पूर्व प्रेमी की हत्या में जीवछ को अफसोस नहीं है. उसका कहना था कि वह हत्या करना नहीं चाह रहा था, लेकिन मामा जी के दबाव में आ गया. रवि ने हत्या करने के पूर्व नवीन के माथे पर पिस्तौल सटा दिया था. निक्की से नवीन का अवैध संबंध पूछने पर उसने इनकार करते हुए चुप्पी साध ली. उसने यह भी बताया कि कुछ माह पूर्व निक्की के भाई शिवम की नवीन के दादा-दादी ने डायन कर मार दिया था.
हाजीपुर से करता था फोन
नवीन की हत्या करने के बाद उसके अपहर्ता परिजनों से फिरौती मांगने के लिए हाजीपुर जाकर नवीन के मोबाइल से फोन करते थे. 15 लाख की फिरौती मांगने के दौरान अपहर्ता को पता चला कि नवीन के परिजन इतनी रकम देने में सक्षम नहीं है तो फिरौती की रकम कम कर दी थी. दूसरी बार करजा क्षेत्र से पैसे की मांग की गयी थी. फिरौती की बात को नवीन के परिजनों ने मोबाइल में टेप भी कर लिया था.
चलेगा स्पीडी ट्रायल
सिटी एसपी डॉ कुमार ऐकले ने बताया कि सभी अभियुक्तों के खिलाफ स्पीडी ट्रायल के तहत मुकदमा चलेगा. यहीं नहीं, जल्द ही दोनों मामले में चाजर्शीट दाखिल कर दी जायेगी. वही तीन दिन के अंदर अपहरण कांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस टीम को पुरस्कृत किया जायेगा.