पटना धमाके के बाद आंखों में आंसू और चेहरे पर गुस्सा

पटना : कल तक जहां खुशियों का माहौल था, आज पूरा गांव गमगीन था. हर तरफ चीखते-चिल्लाते लोग. कोई ढाढस बंधा रहा था, तो कोई समय को दोषी बता रहा था. सभी की आंखों से अविरल आंसू की धारा बह रही थी. जैसे ही हथुआ के बरी गांव में मृत युवक मुन्ना श्रीवास्तव का शव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 29, 2013 9:08 AM

पटना : कल तक जहां खुशियों का माहौल था, आज पूरा गांव गमगीन था. हर तरफ चीखते-चिल्लाते लोग. कोई ढाढस बंधा रहा था, तो कोई समय को दोषी बता रहा था. सभी की आंखों से अविरल आंसू की धारा बह रही थी. जैसे ही हथुआ के बरी गांव में मृत युवक मुन्ना श्रीवास्तव का शव पहुंचा, पूरा गांव चीत्कार उठा. हुंकार रैली के दौरान पटना में हुए सीरियल ब्लास्ट में हथुआ की बरी इशर पंचायत के बरी धनेश गांव के 35 वर्षीय युवक मुन्ना श्रीवास्तव की मौत हो गयी थी. सोमवार को मध्य रात्रि मुन्ना का शव उसके गांव पहुंचा. शव पहुंचते ही परिजन दहाड़ मार कर रोने लगे. आसपास के गांवों के लोग जुट गये. गांव के हर व्यक्ति की आंखों से आंसू निकल रहे थे, लेकिन सबके चेहरे पर आक्रोश भी स्पष्ट झलक रहा था. हर चेहरा पूछ रहा था कि मुन्ना ने किसी का क्या बिगाड़ा था.

* बेसुध हुई प्रिया

मुन्ना की मौत की खबर ज्योंहि उसकी पत्नी प्रिया श्रीवास्तव उर्फ सीमा को मिली वह दहाड़ मार कर रोने लगी. उसे तो यह भी पता नहीं था कि मुन्ना पटना रैली में गया है. रविवार को घटना की खबर घरवाले भी छुपाते रहे. लेकिन, देर रात तक प्रिया को अपने सुहाग के उजड़ने की खबर मिल गयी. शव को देख कर प्रिया बार-बार बेहोश हो जा रही थी. महज चार वर्ष पूर्व ही प्रिया की शादी हुई थी. उनसे एक पुत्री सोनाक्षी है. अब कैसे कटेगी जिंदगी, कौन उठायेगा प्रिया का बोझ, इन सवालों का जवाब किसी के पास नहीं था.

* सोनाक्षी को कुछ पता नहीं

मुन्ना श्रीवास्तव के दरवाजे पर भीड़ है. यहां चीत्कार मचा है. वहीं, तीन वर्षीया पुत्री सोनाक्षी अपनी तिपहिया साइकिल चला रही है. उसे क्या पता है कि उसके सिर से उसके पिता का साया सदा के लिए उठ गया है. बेचारी साइकिल दरवाजे पर घुमा रही है और लोगों के गिरते आंसू को देख कर सहसा रोने लगती है.

* नयी गाड़ी लेकर गया था मुन्ना

बेरोजगारी की जंग लड़ते मुन्ना ने हाल ही में एक पिकअप वैन खरीदा था. पिकअप की कमाई से ही उसके परिवार का पेट चलता था. रैली में जाने और नरेंद्र मोदी के कार्यक्रम को देखने की चाहत ने उसे दीवाना बना दिया था. उसने अपने ड्राइवर को लिया और शनिवार को पटना रैली के लिए रवाना हो गया. फिर वह नहीं आया. आयी उसकी मौत की खबर, जो उसके साथ गये ड्राइवर ने परिवार को दी. जिसने सुना, वही सन्न रह गया.

* मध्य रात्रि को पहुंचा शव

मुन्ना के दरवाजे पर देर रात्रि से ही लोग की भीड़ एकत्रित होने लगी. सभी शव आने का इंतजार कर रहे थे. मुन्ना का शव 1.30 बजे रात्रि में बरी धनेश गांव पहुंचा. गोपालगंज-सीवान की सीमा पर एंबुलेंस पर लदे शव को हथुआ एसडीओ कृष्ण मोहन प्रसाद, बीडीओ एवं सीओ तथा पुलिस बल ने रिसीव किया. पुलिस व्यवस्था के बीच अधिकारी शव लेकर वरी धनेश गांव पहुंचे.

* ग्रामीणों ने डीएम की गाड़ी रोकी

बरी धनेश गांव में हर आंखों से बहते आंसू के बीच एक ज्वाला धधक रही थी. मृतक मुन्ना श्रीवास्तव के दरवाजे पर हजारों की भीड़ मध्य रात्रि में जमा हो गयी थी. सुबह होते-होते भीड़ आक्रोशित हो गयी और प्रशासन व बिहार सरकार के खिलाफ जम क र नारेबाजी करने लगी. आक्रोशित ग्रामीणों का कोपभाजन डीएम सहित प्रशासनिक अधिकारियों को भी बनना पड़ा. जैसे ही डीएम कृष्ण मोहन व एसपी डॉ विनोद कुमार चौधरी की गाड़ी पहुंची, आक्रोशित ग्रामीणों ने गाड़ी को घेर लिया तथा जम कर नारेबाजी की. ग्रामीण 25 लाख रुपये मुआवजा देने तथा मृतक की पत्नी को नौकरी देने की मांग कर रहे थे.

आक्रोश का दौर घंटों चलता रहा. अंतत: डीएम ने मांग पूरी करने का आश्वासन देते हुए ग्रामीणों को शांत कराया. इसके बाद डीएम कृष्ण मोहन ने मृतक की पत्नी को मुआवजा स्वरूप पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया. मौके पर कई अधिकारी उपस्थित थे. वहीं कबीर अंत्येष्टि योजना के अंतर्गत मुखिया ने मुआवजा दिया .

* विधायक मंजीत को झेलना पड़ा आक्रोश

शोक संवेदना व्यक्त करने पहुंचे जदयू के बैकुंठपुर विधायक मंजीत सिंह को भी लोगों का आक्रोश झेलना पड़ा. मंजीत सिंह जैसे ही गांव में पहुंचे, धनेश गांव के ग्रामीण उन पर टूट पड़े तथा जम कर जदयू एवं सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. मंजीत सिंह उन्हें समझाने की कोशिश करते रहे लेकिन लोगों ने उनकी एक न सुनी.

* नहीं पहुंचा कोई मंत्री, रोष

सीरियल बम धमाकों में गौरीचक थाने के कमरजी गांव के भाजपा नेता राजनारायण सिंह की मौत हो गयी और गांव के तीन लोगों पप्पू सिंह, डब्लू सिंह व रामपुकार सिंह का इलाज राजेश्वर अस्पताल में चल रहा है. सोमवार को राज्यसभा में विपक्ष के उपनेता सह प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद, पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और पूर्व मंत्री नंद किशोर यादव, विधायक अरुण कुमार सिन्हा दिवंगत नेता के घर पहुंचे और परिजनों को सांत्वना दिया.

वहीं, जिला प्रशासन की ओर से सदर एसडीओ नैयर इकबाल अंसारी ने दिवंगत नेता की विधवा शारदा देवी को पांच लाख रुपये का मुआवजा दिया और इसके अतिरिक्त तीस हजार रुपये सामाजिक पेंशन के तहत दिये गये. सरकार की ओर से किसी मंत्री या नेता के नहीं पहुंचने पर ग्रामीणों में रोष व्याप्त था.

नम आंखों से विदाई: सोमवार को पोस्टमार्टम होने के बाद जैसी ही पार्थिव शरीर गांव पहुंचा, लोगों की आंखें नम हो गयीं. पार्थिव शरीर दाह संस्कार के लिए उठा, तो गांव राजनारायण अमर रहे के नारों से गूंज उठा. दाह संस्कार फतुहा घाट पर किया गया.

* घायलों के इलाज का खर्च उठायेगी पार्टी: ग्रामीण अवधेश कुमार ने बताया कि गांव के पप्पू सिंह, डब्लू सिंह और राम पुकार सिंह का इलाज राजेश्वर अस्पताल में चल रहा है. अवधेश के मुताबिक सांसद रविशंकर प्रसाद और विधायक अरुण सिन्हा ने घायलों के परिजनों को आश्वासन दिया कि राजेश्वर अस्पताल में चल रहे घायलों के इलाज का खर्च पार्टी उठायेगी. उन्होंने अस्पताल के प्रबंधक से बातचीत भी की. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने दिवंगत नेता के परिजनों को आश्वासन दिया कि सरकार ने जो मुआवजा दिया है, उससे बढ़ कर पार्टी मुआवजा देगी और दिवंगत नेता के नाम से गांव में सामुदायिक भवन का निर्माण होगा.

* माता-पिता का सहारा छिना

पटना में हुंकार रैली के दौरान बम धमाके में विकास कुमार की मौत के बाद परिजनों को रो-रो कर बुरा हाल है. घरवालों को चिंता इस बात की भी है कि अब परिवार का गुजर-बसर कैसे होगा. विकास घर में अकेला कमाऊ पूत था. विकास की मौत से बुजुर्ग माता-पिता का सहारा छीन गया है. वह निसिझा के मेघनाथ सिंह का इकलौता बेटा था. 28 वर्षीय विकास कुशल किसान था. वह पूरे परिवार का खर्च उठाता था. विकास खेतों में कड़ी मेहनत कर परिवार का भरण-पोषण करता था. पिता मेघनाथ सिंह फौज से रिटायर्ड थे.

पत्नी वीणा गृहिणी है और बड़ी बहन मंजू देवी की शादी पहले ही हो चुकी है. विकास का एक आठ वर्षीय पुत्र शिवम व छह वर्षीया पुत्री साक्षी है. दोनों चेनारी के एक निजी विद्यालय में पढ़ते हैं. सेवानिवृत्त फौजी पिता इकलौते पुत्र का शव देख सुध-बुध खो बैठे. पत्नी वीणा बार-बार बेहोश हो रही थी. बच्चे पिता के पार्थिव शरीर से लिपट कर रोने लगे. वह बार-बार कहते थे उठो बाबूजी.

* शव से लिपट कर रोये परिजन

सिमराही भाजपा पंचायत अध्यक्ष भरत रजक का शव सोमवार की सुबह सिमराही वार्ड संख्या आठ स्थित उनके आवास पर पहुंचा. पटना से लाये गये पार्थिव शरीर के साथ भाजपा जिला महांमत्री प्रो बैद्यनाथ प्रसाद भगत, मो अलाउद्दीन, रघुनाथ गुप्ता, मृतक का मौसेरा भाई विनोद रजक, भतीजा अनिल रजक मौजूद थे.

सिमराही में भी राघोपुर पुलिस द्वारा सुरक्षा की विशेष व्यवस्था की गयी थी. संभावित किसी अप्रिय घटना को लेकर जिला प्रशासन द्वारा बज्रवाहन की भी व्यवस्था की गयी थी. शव के घर पहुंचते ही परिजन शव से लिपटकर बिलख-बिलख कर रोने लगे. जिलाधिकारी (डीएम) लक्ष्मी प्रसाद चौहान ने मृतक की पत्नी भोलवी देवी को पांच लाख रुपये का चेक प्रदान किया. जिलाधिकारी ने कहा पीड़ित परिवार को सरकारी प्रावधान के तहत सहायता उपलब्ध करायी जायेगी.

भरत रजक के अंतिम संस्कार में भाजपा प्रदेश कोषाध्यक्ष डॉ दिलीप कुमार जायसवाल, डीएम एलपी चौहान, एसपी सुधीर कुमार पोरिका, जिलाध्यक्ष नागेंद्र नारायण ठाकुर, पूर्व विधायक दीनबंधु यादव, पूर्व जिला अध्यक्ष संतोष प्रधान, एसडीएम चंदन चौहान, एसडीपीओ मनोज कुमार राम,थानाध्यक्ष सुमन कुमार सिंह, भाजपा प्रखंड अध्यक्ष सियाराम भगत, मो सलाउद्दीन, राकेश झा, सत्यदेव चौधरी, दिलीप पूर्वे, संजय सेन थे.

शव यात्रा में शामिल हुआ कबूतर: भरत रजक आम लोगों के बीच काफी लोकप्रिय थे. उनके अंतिम संस्कार में जहां अधिकारी, नेता और बुद्धिजीवी शामिल हुए, वहीं एक कबूतर भी शव यात्रा में शामिल हुआ. खास बात यह थी कि पूरे शव यात्रा में यह कबूतर शव के समीप मौजूद रहा. कबूतर को भगाने की भी कोशिश की गयी लेकिन वह नहीं भागा. दाह संस्कार के अंतिम तक कबूतर स्थल पर मौजूद रहा.

* लावारिस बैग से एयरपोर्ट व जंकशन पर दहशत

सोमवार की सुबह एयरपोर्ट व शाम में पटना जंकशन पर लावारिस बैग मिलने से बम की अफवाह फैल गयी. इससे कुछ पल के लिए अफरातफरी मच गयी. हालांकि, आधे घंटे के अंदर बैग के दावेदार के सामने आ जाने से मामले का पटाक्षेप हो गया.

एयरपोर्ट पोर्टिको में मिला लावारिस बैग: सुबह करीब साढ़े 10 बजे एयरपोर्ट काउंटर के समीप यात्रियों को एक लावारिस बैग दिखा. आशंका होने पर यात्रियों ने इसकी सूचना एयरपोर्ट अथॉरिटी को दी. यह सुनते ही तत्काल सीआइएसएफ कर्मियों ने बैग को लेकर पूछताछ शुरू की. तत्काल कोई दावेदार सामने नहीं आने पर सुरक्षाकर्मी व यात्री तनाव में आ गये. सीसीटीवी फुटेज की जांच की गयी. इस बीच बलबीर नामक एक व्यक्ति ने बैग पर दावा जताया. जब उसने परिचयपत्र व बैग खोल कर दिखाया, तो सभी ने राहत की सांस ली. सुरक्षाकर्मियों ने उसे पांच सौ रुपये जुर्माना कर जम कर डांट पिलायी. मामला गंभीर होता देख बलबीर ने जुर्माना अदा कर सुरक्षाकर्मियों से माफी मांग ली और भविष्य में कभी ऐसी गलती न करने की बात कही. एयरपोर्ट सूत्रों के मुताबिक बलबीर एयरपोर्ट पर किसी परिचित यात्री का इंतजार कर रहा था.

* बैग से निकले कपड़े व कागजात: इधर, पटना जंकशन पर शाम करीब पांच बजे स्टेशन अधीक्षक कार्यालय में रखे बैग ने तनाव बढ़ा दिया. दरअसल, एक वीआइपी बैग इस कक्ष में काफी देर से रखा था. वीआइपी कक्ष में आने-जानेवाले यात्रियों की कई बार इस पर नजर पड़ी. आशंका हुई, तो उन्होंने एसएम से जानकारी ली. एसएम द्वारा अनभिज्ञता जताये जाने पर आशंका बढ़ गयी. तत्काल आरपीएफ व जीआरपी को सूचना दी गयी. कुछ देर बाद जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे जरूर, मगर कोई उस बैग को छूने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा था. आखिरकार सिपाहियों ने सफाईकर्मियों को बुला कर बैग खुलवाया, तो उसमें कपड़े व कागजात सहित अन्य घरेलू सामान पाये गये. इसके बाद बैग को जीआरपी ने अपने कब्जे में ले लिया. इस दौरान करीब पौन घंटे तक जंकशन पर अफरा-तफरी की स्थिति रही.

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