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माले की खबरदार रैली आज, गांधी मैदान में पांच जिंदा बम बरामद

पटना : सीरियल ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता तहसीन उर्फ मोनू ने बम के लिए पैसे उपलब्ध कराये थे. घटना के दिन मोनू गांधी मैदान के इर्द-गिर्द ही मौजूद था. पुलिस को उसके नेपाल भागने का अंदेशा है. सीरियल ब्लास्ट की कड़ी में मंगलवार को गांधी मैदान में पांच और बम मिले. केंद्रीय गृह सचिव अनिल […]

पटना : सीरियल ब्लास्ट का मुख्य साजिशकर्ता तहसीन उर्फ मोनू ने बम के लिए पैसे उपलब्ध कराये थे. घटना के दिन मोनू गांधी मैदान के इर्द-गिर्द ही मौजूद था. पुलिस को उसके नेपाल भागने का अंदेशा है. सीरियल ब्लास्ट की कड़ी में मंगलवार को गांधी मैदान में पांच और बम मिले. केंद्रीय गृह सचिव अनिल गोस्वामी की मौजूदगी में पुलिस को इन बमों की जानकारी मिली. एनआइए की टीम ने बमों को निष्क्रिय कर दिया गया.

इस बीच बुधवार को होनेवाली खबरदार रैली के लिए भाकपा माले को गांधी मैदान नहीं सौंपा गया. अब यह रैली वीरचंद पटेल पथ पर आयकर गोलंबर से आर ब्लॉक चौराहा तक होगी. एनआइए सूत्रों ने बताया कि भाकपा माले की खबरदार रैली के एक दिन पहले बमों के मिलने पर गांधी मैदान की चौकसी बढ़ा दी गयी है. इस बीच केंद्रीय गृह सचिव ने सीरियल ब्लास्ट की जांच को दिशा को सही बताया. उन्होंने गांधी मैदान, पीएमसीएच और करबिगहिया स्थित रेलवे जंक्शन का मुआयना के बाद मुख्य सचिव के साथ समीक्षा बैठक की. बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा कि सरकार जल्द ही मामले की तह तक जायेगी. पूरे मामले को तार्किक नतीजे तक पहुंचाया जायेगा.

इधर, बम ब्लास्ट से मारे गये छठे अज्ञात की पहचान बेगूसराय के खोदावंतपुर के मूल निवासी के रूप में हुई है. इधर, सीरियल ब्लास्ट के मुख्य आरोपित इम्तियाज को मंगलवार की दोपहर रेल पुलिस ने सात दिनों के लिए रिमांड पर लिया है. रिमांड पर लेकर पूछताछ की जा रही है.

पुलिस सूत्रों के मुताबिक, इम्तियाज और उसके साथी 20 बम लेकर पटना पहुंचे थे. इनमें अभी भी एक बम का पता पुलिस को नहीं चल पाया है. आइजीएमएस में घायल दूसरे आतंकी की स्थिति अब भी चिंताजनक बनी हुई है.

* तीन एजेंसी कर रही जांच : सीरियल ब्लास्ट की जांच तीन एजेंसियां कर रही हैं. इनमें राज्य पुलिस के अलावा एनआइए और एनएसजी शामिल हैं. केंद्रीय गृह सचिव ने कहा कि आतंकवाद व नक्सलवाद से निबटने के लिए केंद्र राज्य सरकार को पूरा सहयोग करेगा. उनके साथ एनआइए के डीजी भी थे. उन्होंने भी स्थानीय अधिकारियों व अपनी एजेंसी से बात कर जांच को जल्द तार्किक नतीजे पर पहुंचाने को कहा. केंद्रीय गृह सचिव ने बताया कि घटना के दो घंटे बाद ही एनआइए की टीम को पटना भेज दिया था. इसके बाद एनएसजी की टीम को भेजा गया.

एनआइए राज्य सरकार की एजेंसी को जांच में सहयोग कर रही है. जबकि एनएसजी विस्फोट स्थल पर बरामद सामग्री का संकलन कर यह पता लगा रही है कि आखिर विस्फोट कितने डेंसिटी का था.

इसमें क्या- क्या उपयोग किया गया था. उन्होंने कहा कि पूरी जांच के बाद ही पता चल पायेगा कि इसके पीछे किन-किन तत्वों का हाथ है. जल्द ही जांच के ठोस नतीजे पर पहुंचेंगे और इसके दोषियों को कड़ी सजा दिलायेंगे. पहले दिन ही आतंकियों को पकड़ा गया है. यह सराहनीय है. इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो, इसके लिए राज्य सरकार के साथ बैठ कर ठोक बजा कर निर्णय लेंगे.

उन्होंने मुख्य सचिव अशोक कुमार सिन्हा, गृह विभाग के प्रधान सचिव आमिर सुबहानी, स्वास्थ्य के प्रधान सचिव दीपक कुमार, डीजीपी अभयानंद, एडीजी स्पेशल ब्रांच राजेश चंद्रा, एडीजी रेल पीएन राय, पटना के डीएम एन सरवन तथा एसएसपी मनु महराज के साथ बैठक कर कानून-व्यवस्था की स्थिति की समीक्षा की.

* तो मैं देख लेता : सीएम

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजगीर में कहा कि बम ब्लास्ट मामले में सुराग हाथ लगे हैं. हर दिन रिपोर्ट ले रहा हूं. राज्य पुलिस ने एक आदमी को पकड़ा है. जांच एजेंसियां हर पहलू की जांच कर रही हैं. उन्होंने कहा कि मुझे बहुत दुख है इस घटना का. इस घटना की कल्पना भी नहीं कर सकता. मैंने डीजीपी को कहा था कि बड़ी रैली की सुरक्षा का इंतजाम हो. उन्होंने भाजपा के आरोप पर कहा कि यदि मुझे व्यक्तिगत रूप से कह देते, तो मैं देख लेता.

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