पटना. राज्य में शराबबंदी को कड़ाई से लागू करने को तत्पर सरकार ने लापरवाह माने गये 60 थाना प्रभारियों को अगले 10 साल तक किसी भी थाने का प्रभार सौंपने पर रोक लगा दी है. वहीं, सरकार ने 186 पुलिस और आठ उत्पाद पदाधिकारियों को बर्खास्त किया है.
इसके साथ ही राज्य सरकार ने पटना के रामकृष्णा नगर थाना क्षेत्र के जिस गोदाम से शराब जब्त की गयी थी, वहां थाना भवन खोले जाने का निर्णय लिया है. इसका नाम न्यू बाइपास थाना होने की संभावना है.
विधानसभा में उत्पाद, मद्यनिषेध एवं निबंधन विभाग के मंत्री सुनील कुमार ने मंगलवार को 280.23 करोड़ का बजट पेश करते हुए यह घोषणा की. मंत्री बनने के बाद सदन में यह उनका पहला भाषण था. मंत्री सुनील कुमार ने शराबबंदी कानून को पूरी सख्ती से लागू करने की प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा कि शराब माफियाओं पर नकेल कसने की प्रक्रिया शुरू हो गयी है.
उन्होंने कहा कि शराब माफियाओं की गिरफ्तारी कर उन पर स्पीडी ट्रायल चलाने और उनकी संपत्ति जब्त कर उसे नीलाम करने की कार्रवाई भी तेजी से की जायेगी. सरकार शराबबंदी कानून को सख्ती से लागू करने के लिए पूरी तरह से मुस्तैद है.
विपक्षी सदस्यों के आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने सीआरपीसी और आइपीसी कानून अपराध नियंत्रण के लिए बनाये थे. बावजूद इसके आपराधिक घटनाएं होती हैं और अब भी हो भी रही हैं. इसी तरह से समाज में कई लोग शराबबंदी कानून का पालन नहीं करते हैं, लेकिन इनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस और उत्पाद विभाग समन्वय के साथ काम करती है.
मंत्री ने बताया कि शराबबंदी कानून लागू होने से राज्य के पर्यटन उद्योग पर इसका कोई असर नहीं पड़ा है. 2015 से 2019 के बीच राज्य में घरेलू और विदेशी पर्यटकों की संख्या में 21% की बढ़ोतरी हुई है.
शराब के अवैध धंधे में लिप्त दूसरे राज्यों से पांच हजार लोगों को अब तक गिरफ्तार किया जा चुका है. इसके अलावा पूरे बिहार में अब तक 3.46 लाख से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. शराब की तस्करी से जुड़े 45 हजार से ज्यादा वाहनों को अब तक पकड़ा जा चुका है, जिनमें 15 हजार से ज्यादा वाहनों को जब्त कर उन्हें नीलाम किया जा चुका है. राज्य में अब तक 53 लाख लीटर देसी और 97 लाख लीटर विदेशी शराब जब्त की जा चुकी है.
मंत्री ने कहा कि शराबबंदी कानून लागू होने से महिलाओं में सुरक्षा की भावना है. घरेलू हिंसा, महिला उत्पीड़न, आत्महत्या, सड़क दुर्घटना जैसे मामलों में कमी आयी है. गोपालगंज के खजूरबानी शराबकांड के आरोपिताें को फांसी व उम्रकैद जैसी सख्त सजा हुई है.
मंत्री ने बताया कि कोरोना काल की प्रतिकूल परिस्थिति के बाद भी निबंधन में 78% टैक्स संग्रह अब तक हो चुका है. वर्ष 2020-21 में 4700 करोड़ टैक्स संग्रह का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें अब तक 2933 करोड़ रुपये टैक्स जमा हो चुके हैं. पिछले वित्तीय वर्ष 2019-20 में इतना ही टैक्स संग्रह का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 4647 करोड़ रुपये टैक्स जमा हुए थे. यह बीते वर्ष से 4.66% ज्यादा था. लेकिन, इस बार कोरोना के कारण टैक्स संग्रह में कमी आयी है.
Posted by Ashish Jha