गया. सड़क दुर्घटनाओं में कमी लायी जा सके व नौसिखिये वाहन चालकों को पूर्व से ही कुशल प्रशिक्षण मिल सके इसके लिए राज्य के सभी 38 जिलों में कुल 61 मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जा रहे हैं. निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों या व्यक्तियों को इसके लिए लाइसेंस दिया जायेगा.
इसी कड़ी में बोधगया में दो निजी क्षेत्र के व्यक्तियों द्वारा मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल के लिये आवेदन दिये जाने के बाद मंगलवार को डीटीओ जनार्दन कुमार व एमवीआइ केके त्रिपाठी ने दोनों स्थलों का निरीक्षण किया.
दोनों ही आवेदक बोधगया क्षेत्र में मोटर ट्रेनिंग ड्राइविंग स्कूल बनाना चाहते हैं. परिवहन विभाग द्वारा तय मानकों का निरीक्षण दोनों पदाधिकारियों ने किया.
इस तरह से ट्रेनिंग स्कूलों में जहां नौसिखिया वाहन चालकों को कुशल वाहन ड्राविंग का प्रशिक्षण मिल सकेगा, वहीं निजी क्षेत्र के संस्थानों/व्यक्तियों को रोजगार का एक बड़ा अवसर भी मिलेगा.
एक दिसंबर को इस योजना को शुरू करते हुए राज्य परिवहन सचिव संजय कुमार अग्रवाल ने कहा था कि राज्य के निजी क्षेत्र में इच्छुक संस्थानों, व्यक्तियों द्वारा आधुनिक तकनीकी आधारित मोटरवाहन चालन प्रशिक्षण विद्यालय की स्थापना को बढ़ावा देने के लिए मोटर वाहन चालन प्रशिक्षण संस्थान प्रोत्साहन योजना शुरुआत की जा रही है.
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए जिलों को तीन श्रेणियों में बांटा गया है. बड़े जिले को ए श्रेणी में रखा गया, जिसमें 3, मध्यम जिले को बी श्रेणी में रखा गया है, जिसमें दो और सी श्रेणी के जिले में एक मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोले जाने हैं. ए श्रेणी के जिले में पटना,मुजफ्फरपुर, पूर्णिया व भागलपुर के साथ गया भी शामिल है.
जिला परिवहन पदाधिकारी जनार्दन कुमार ने कहा कि प्रशिक्षण के अभाव में वाहन चलाने के दौरान वाहन चालक अक्सर गलतियां करते हैं और दुर्घटना के शिकार होते हैं.
सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से वाहन चालकों को पूर्व से ही प्रशिक्षण दिया जाना आवश्यक है. इससे सड़क दुर्घटना में कमी आ सकेगी.
उल्लेखनीय है मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल खोलने के लिए अनुदान के रुप में कुल प्राक्कलित राशि का 50 प्रतिशत या अधिकतम 20 लाख रुपये दोनों में जो न्यूनतम होगा मिलेगा. इसका आवंटन बिहार सड़क सुरक्षा परिषद द्वारा जिला पदाधिकारी को उपलब्ध कराया जायेगा.
मोटर ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल निजी क्षेत्र के संस्थान या कोई व्यक्ति भी खोल सकते हैं. सुरक्षित यातायात को बढ़ावा देने के लिए आधुनिक तकनीक आधारित वाहन चालन प्रशिक्षण की सुविधा उन क्षेत्रों में भी उपलब्ध करायी जायेगी जहां वर्तमान में पर्याप्त प्रशिक्षण केंद्र नहीं हैं.
ड्राइविंग ट्रेनिंग स्कूल में ट्रैक पर ट्रेनिंग देने के साथ ही सेमुलेटर आधारित ट्रेनिंग भी दी जायेगी. सभी मोटर ड्राइवर ट्रेंनिंग स्कूल में सेमुलेटर रखना व सेमुलेटर बेस्ड ट्रेंनिंग देना अनिवार्य किया गया है. इसके लिए राज्य के सभी वैध मोटर ड्राइविंग ट्रेंनिंग स्कूल को सेमुलेटर खरीद करने के बाद सहायता राशि का प्रावधान किया गया है.
Posted by Ashish Jha