लगायी आस्था की डुबकी
गंगा स्नान करने के लिए घाटों पर उमड़ी भीड़ कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. गंगा घाटों पर तिल रखने की भी जगह नहीं थी. गंगा स्नान के बाद लोगों ने भगवान विष्णु की पूजा–अर्चना की. श्रद्धालुओं ने घर पर तुलसी पूजन, माता–पिता व श्रेष्ठ गुरुजनों […]
गंगा स्नान करने के लिए घाटों पर उमड़ी भीड़
कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान करने के लिए घाटों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ी. गंगा घाटों पर तिल रखने की भी जगह नहीं थी. गंगा स्नान के बाद लोगों ने भगवान विष्णु की पूजा–अर्चना की.
श्रद्धालुओं ने घर पर तुलसी पूजन, माता–पिता व श्रेष्ठ गुरुजनों की पूजा व कहीं–कहीं सत्य नारायण भगवान की पूजा और कथा का आयोजन भी किया. श्रद्धालुओं ने भगवान सूर्य को भी जल अर्पित कर उनका नमन किया. ऐसा माना जाता है कि कार्तिक पूर्णिमा के दिन सुबह गंगा स्नान करने से सारे पाप नष्ट हो जाते हैं. नयी ऊर्जा का संचार होता है. नये संस्कार की उत्पत्ति होती है.
ज्योतिषाचार्य पंडित प्रेम सागर बताते हैं कि इस दिन सभी देवता एक साथ होकर श्रद्धालुओं को आयु, अरोग्यता, यश, सौभाग्य और सुख–शांति का आशीर्वाद देते हैं. स्वास्थ्य की दृष्टि से भी सूर्य की जो किरणों तुलसी और आंवला के पेड़ से होकर शरीर पर पड़ती हैं, वे सारे रोगों का नाश करती हैं.
पटना सिटी प्रतिनिधि के अनुसार, रविवार को कार्तिक पूर्णिमा पर गंगा स्नान को लेकर डुबकी लगाने के लिए लोगों का हुजूम घाटों पर जुटा था. दूर–दराज व शहरी क्षेत्र से आये लोगों नेहर–हर–गंगे की जयघोष के साथ गंगा में डुबकी लगायी. गंगा स्नान का सिलसिला ब्रह्म मुहूर्त में ही आरंभ हो गया था. स्नान के बाद श्रद्धालुओं ने पूजा–अर्चना व दान–पुण्य किया.
अनुमंडल के 55 घाटों में करीब आधा दर्जन घाटों पर सर्वाधिक भीड़ थी. गायघाट, भद्र घाट, महावीर घाट, खाजेकलां घाट, गुरु गोविंद सिंह घाट, दमराही घाट व दीदारगंज घाट पर मेला–सा नजारा था.
गंगा स्नान के लिए आये लोगों का जत्था शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी व अगमकुआं स्थित शीतला माता मंदिर में भी पूजा–अर्चना के लिए जुटा था. शक्तिपीठ बड़ी पटनदेवी के महंत विजय शंकर गिरि ने बताया कि करीब 11 हजार से अधिक भक्तों ने कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर मंदिर में पूजा–अर्चना की.
झाड़– फूंक भी चली
तंत्र साधकों की ओर से गंगा स्नान के मौके पर झाड़–फूंक भी किया गया. हालांकि, यह स्थिति कुछ ही गंगा घाटों पर दिखी. गांव–देहात से आयीं महिलाओं के बीच तांत्रिक अपनी साधना कर रहा था. वहीं, महिलाएं स्नान व पूजा–अर्चना के बाद झाड़–फूंक में शामिल होकर तेजी से सिर हिला रही थीं. यह नजारा गायघाट, महावीर घाट, भद्र घाट, खाजेकलां घाट, दमराही घाट, अदरक घाट व सबलपुर घाट पर दिखा.
मुस्तैद रहा प्रशासन
गंगा स्नान के दौरान गंगा घाटों पर विधि–व्यवस्था बनी रहे, इसके लिए अनुमंडल प्रशासन भी मुस्तैद रहा. एसडीओ त्याग राजन एसएम, डीएसपी राजेश कुमार,वरीय उपसमाहर्ता कुमार अनिल सिन्हा, भूमि उपसमाहर्ता कपिलेश्वर मिश्र, दंडाधिकारी शैलेंद्र कुमार सिंह व कृष्णनंदन रविदास समेत अन्य अधिकारी डटे रहे. मोटर बोट सेगश्ती की जा रही थी.
इधर, रोक के बाद भी गंगा में नाव का परिचालन देखने को मिला.
दानापुर प्रतिनिधि के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा के मौके पर रविवार को नगर के विभिन्न गंगा घाटों पर हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में डुबकी लगायी और पूजा–अर्चना कर दान–पुण्य किया. श्रद्धालुओं की सर्वाधिक भीड़ नगर के पीपा पुल घाट पर देखी गयी. जहां मेला जैसा दृश्य था और अहले सुबह से लेकर दोपहर तक स्नान के लिए श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ था.
आचार्य गोपाल कुमार मिश्र ने बताया कि कार्तिक पूर्णिमा पर कार्तिक महात्म की पुर्णाहूति होती है. इस मौके श्रद्धालु गंगा में स्नान कर भगवान विष्णु का पूजा–अर्चना कर दीप दान करते है.
साथ ही संध्या बेला में श्रद्धालुओं चंद्रमा को अर्घ देते है और घाट पर ही सत्य नारायण भगवान की कथा सुनते है. इस दौरान पीपा पुल घाट पर ईद–गिर्द ओझा–गुणी करने वाले तांत्रिकों का मजमा लगा हुआ था. वहीं एसडीओ राहुल कुमार ने बताया कि सभी घाटों पर दंडाधिकारी व गोताखोर गश्ती कर रहे थे.