पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि सूबे में हर हाल में भाइचारे का माहौल कायम रखना है. अमन व सद्भाव के माहौल में ही विकास किया जा सकता है. उन्होंने कहा, सिर्फ विकास से काम नहीं होगा. इंसाफ के साथ विकास होना जरूरी है.
हर तबके, हर समुदाय, हर जाति-धर्म व हर इलाके का विकास होना चाहिए. इसे कायम रखने के लिए जो भी कुरबानी देनी पड़ेगी, उसमें एक पल भी विलंब नहीं होगा. गुरुवार को राजधानी में तिब्बी कॉलेज के विस्तारीकरण समारोह को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोग तनाव में विश्वास करते हैं.
सभी समुदायों के लोगों की जिम्मेवारी है कि ऐसे लोगों के मंसूबों को सफल नहीं होने दें. सबसे बड़ी बात है कि सबको साथ मिल कर रहना है. सरकार का प्रयास है कि सूबे में अमन बना रहे, जिससे तरक्की हो. उन्होंने कहा कि किसी भी प्रदेश की तरक्की तालीम से होती है. इसके साथ सेहतमंद होना भी आवश्यक है. यही कारण है कि सरकार का जोर सभी को पढ़ाने पर है. विद्यार्थियों को पोशाक, साइकिल व पहली वर्ग से 10वीं वर्ग की सभी छात्राओं के लिए वजीफा की व्यवस्था की गयी है. बालिका शिक्षा अनिवार्य है. बिहारियों में टैलेंट है. इससे दूसरे प्रदेश के लोग घबराते हैं. यह बात ध्यान देने की है कि बिहारी अगर बाहर भी जाता है, तो भीख नहीं मांगता. बिहारी कहीं भी बोझ नहीं बनता, बोझ उठाता है.
मार्च से पहले अतिरिक्त पदों का सृजन : मुख्यमंत्री ने तिब्बी कॉलेज की सभी मांगों को स्वीकार करते हुए उन्हें समय सीमा में पूरा करने की घोषणा की. उन्होंने सौ बेडों के अस्पताल का निर्माण 11 माह में पूरा कराने का आश्वासन दिया. उन्होंने कहा कि सभी कमियों को 31 दिसंबर तक पूरा कर लिया जायेगा. 31 मार्च, 2014 के पहले शिक्षकों के अतिरिक्त पदों के सृजन की प्रक्रिया पूरी हो जायेगी. स्वास्थ्य विभाग ने शिक्षकों की पदोन्नति के लिए विभागीय प्रोन्नति समिति के पास प्रस्ताव भेज दिया है. सात शिक्षकों को रीडर के रूप में प्रोन्नति दे दी गयी है. इसकी अधिसूचना जल्द जारी कर दी जायेगी.
पदों को भरने के लिए जल्द बनेगा पैनल : उन्होंने बताया कि शिक्षकों व गैर शैक्षणिक संवर्ग के सभी पदों को तत्काल भरने के लिए पैनल तैयार किया जायेगा. 29 नवंबर तक इसका विज्ञापन प्रकाशित कर दिया जायेगा. पदों को भरने के लिए 10 दिसंबर को वाक-इन-इंटरव्यू होगा. तिब्बी कॉलेज के संविदा पर नियुक्त शिक्षकों के मानदेय का निर्धारण 2006 में किया गया था. मुख्यमंत्री ने नये वेतनमान की घोषणा करते हुए कहा कि व्याख्याता को 14 हजार की जगह 28 हजार, रीडर को 20 हजार की जगह 31 हजार और प्रोफेसर को 25 हजार से 33 हजार किया जायेगा. नये वेतनमान की अधिसूचना शुक्रवार को जारी कर दी जायेगी. शिक्षकों को डायनेमिक एसीपी की मांग पर विधि विभाग का मंतव्य लिया जा रहा है.
नयी नियमावली का निर्माण दिसंबर तक पूरा हो जायेगा और उसकी अधिसूचना भी जारी कर दी जायेगी. कॉलेज के छात्रों के स्टाइपेंड वृद्धि की अधिसूचना दो माह में हो जायेगी. नॉन मेडिकल शिक्षकों के सेवानिवृत्ति की आयुसीमा 65 वर्ष करने की दिशा में रास्ता निकालने के लिए विधि विभाग को निर्देश दिया जायेगा. तिब्बी कॉलेज की मान्यता बीआरए बिहार विवि,मुजफ्फरपुर की जगह आर्यभट ज्ञान विवि में कराने के लिए शिक्षा विभाग को निर्देश दिया. एलोपैथी कॉलेजों में तिब्बी कॉलेज के छात्रों के प्रशिक्षण कराने की दिशा में 15 दिनों में केंद्र के पास अनुरोध भेज दिया जायेगा. समारोह को अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री शाहिद अली खान, खानकाह मुनमिया के प्रो शमीमुद्दीन मुनवी, इमारते शरिया के मौलाना निजामुद्दीन, विधान परिषद सदस्य प्रो असलम आजाद, स्वास्थ्य विभाग के प्रधान सचिव दीपक कुमार व कॉलेज के प्राचार्य हकीम शहाबुद्दीन शामिल थे. मौके पर स्वास्थ्य सचिव संजय कुमार, आयुव्रेदिक कॉलेज की प्राचार्य डॉ इंदु मिश्र, अधीक्षक देवानंद सिंह, डॉ दिनेश्वर प्रसाद, डॉ धनंजय शर्मा आदि मौजूद थे.