पटना. बीपीएससीद्वारा ली जाने वाली 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का अंतिम रिजल्ट बुधवार को जारी हो गया. इसमें 685 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया है. इसमें वैशाली के सुधीर कुमार प्रथम स्थान पर आये हैं, जबकि नालंदा के अंकित कुमार को दूसरा स्थान और अररिया के ब्रजेश कुमार को तीसरा स्थान मिला है.
सुधीर आइआइटी कानपुर से सिविल इंजीनियर हैं और मैथ लेकर सफलता पायी है. प्रथम प्रयास में ही उन्होंने यह बड़ी सफलता पायी है. उन्होंने राज्य कर सहायक आयुक्त का पद अपने लिए चुना था, जिस पर उन्हें सफल घोषित किया गया है. दूसरा स्थान प्राप्त अंकित ने अपने लिए बिहार पुलिस सेवा को चुना है और वे डीएसपी पद के लिए चयनित हुए हैं.
तीसरा स्थान प्राप्त ब्रजेश भी राज्य कर सहायक आयुक्त चुने गये हैं. पटना के दो अभ्यर्थी सिद्धांत कुमार (रैंक-05) और िवनय कुमार रंजन (रैक-07) टॉप-10 में रहे हैं. मोनिका श्रीवास्तव प्रथम 10 टॉपर्स की सूची में शामिल एकमात्र महिला अभ्यर्थी हैं, जिन्हें महिला वर्ग में प्रथम स्थान और ओवरऑल रैंकिंग में छठा स्थान प्राप्त हुआ है. वे भी राज्य कर सहायक आयुक्त चुनी गयी हैं.
सफल उम्मीदवारों में 34 बिहार पुलिस सेवा के अंतर्गत डीएसपी पद के लिए चुने गये हैं, जबकि 11 का चयन राज्य कर सहायक आयुक्त पद के लिए हुआ है. अन्य 12 श्रेणियों की भी कुल 685 रिक्तियां भरी गयी हैं, जबकि 689 रिक्तियों में से चार पद रिक्त रह गये हैं. इसमें आपूर्तिनिरीक्षक के दो पद और श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी व प्रखंड पंचायत राज पदाधिकारी के एक-एक पद शामिल हैं. विदित हो कि लिखित मुख्य परीक्षा में 1838 अभ्यर्थियों को सफल घोषित किया गया था, जिनका साक्षात्कार 18 मई से 22 जून तक और फिर 5 जुलाई से 18 जुलाई तक हुआ. इसमें 1768 अभ्यर्थी शामिल हुए थे.
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प्रथम स्थान पर रहे वैशाली के सुधीर कुमार राज्य कर सहायक आयुक्त बनाये गये हैं
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दूसरे स्थान पर रहे नालंदा के अंकित कुमार डीएसपी पद के लिए चयनित हुए हैं
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तीसरे स्थान पर रहे अररिया के ब्रजेश कुमार राज्य कर सहायक आयुक्त बनाये गये है
साक्षात्कार में उपस्थित 1714 उम्मीदवारों को मुख्य (लिखित) परीक्षा में प्राप्त अंक तथा साक्षात्कार में प्राप्त अंकों के योग के अनुसार संयुक्त मेधा सूची तैयार की गयी. दो या अधिक उम्मीदवारों के कुल प्राप्तांक समान होने की स्थिति में मुख्य (लिखित) परीक्षा में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, मुख्य (लिखित) का प्राप्तांक समान होने पर वैकल्पिक (ऐच्छिक) विषय में अधिक अंक प्राप्त करने वाले उम्मीदवार, वैकल्पिक विषय का अंक समान होने की स्थिति में जन्मतिथि के अनुसार अधिक उम्र वाले उम्मीदवार को मेधा क्रम में ऊपर रखा गया है.