पटना/बोकारो. बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा के प्रश्न पत्र लीक मामले में बिहार सरकार की जांच एजेंसी आर्थिक अपराध इकाई (इओयू) ने एक और अभियुक्त गया जिले के कपिलदेव डे को झारखंड के चंदनकियारी (बोकारो) इलाके से गिरफ्तार किया है. वह चंदनकियारी में स्थित अपने एक दोस्त के जिम में पिछले 15 दिनों से छिपकर रह रहा था. उसके पास से कई मोबाइल फोन के साथ फर्जी आधार व वोटर कार्ड मिला है. इस आधार कार्ड पर फोटो कपिलदेव का है, लेकिन पता ग्वालियर के किसी आनंद कुमार का है.
वोटर कार्ड पटना के अंशुराज और गया के देवा जाट के नाम से है, जिस पर फोटो कपिलदेव का ही है. जानकारी के मुताबिक कपिलदेव वही पहला व्यक्ति है, जिसे गया जिले के डेल्हा स्थित रामशरण सिंह इवनिंग कॉलेज के प्राचार्य व केंद्राधीक्षक शक्ति कुमार ने डॉक स्कैनर मोबाइल एप से बीपीएससी परीक्षा का प्रश्नपत्र ‘सी’ सेट स्कैन कर वाट्सएप से भेजा था और प्रश्नपत्र लीक किया था. इओयू ने कहा कि बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक मामले में अभी जांच चल रही है. कार्यवाही पूरी होने के बाद जानकारी साझा की जायेगी.
इओयू की विशेष टीम ने डीएसपी सुनील कुमार के नेतृत्व में चंदनकियारी पुलिस के साथ संयुक्त छापेमारी कर कपिलदेव को शनिवार की रात पकड़ा. टीम टेक्नीकल सेल की सहायता से उस तक पहुंची थी. विशेष टीम को पहले आरोपित का लोकेशन प्रयागराज का मिला था, लेकिन उसे भनक लग गयी और वहां से भाग कर दिल्ली चला गया था. फिर वहां से नेपाल और कानपुर चला गया. इस बीच पता चला कि कपिलदेव चंदनकियारी में अपने दोस्त (जिम संचालक) के यहां छुपा हुआ है. गिरफ्तारी के बाद इओयू की टीम उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पटना लायी है. उसकी गिरफ्तारी के बाद उससे जुड़े लोगों के बारे में पुलिस को जानकारी मिल सकती है.
कपिलदेव प्रयागराज के सीडीए कार्यालय में ऑडिटर है और वह खुद भी पीटी दे रहा था. उसके ऊपर वारंट भी जारी था. सूत्रों के अनुसार दिल्ली सेगिरफ्तार किये गये प्रश्न पत्र लीक से जुड़े गैंग के तीन शातिरों उत्तर प्रदेश के अभिषेक त्रिपाठी, मधुबनी के महेश पूर्वे और प्रवीण कुमार यादव ने कपिलदेव से ही प्रश्न पत्र हासिल कियेथे. इस गैंग को परीक्षा से करीब एक घंटे पहले प्रश्न पत्र मिल गया था.
इओयू इस मामले में अब तक 18 आरोपितों को गिरफ्तार कर चुकी है. इनमें बिहार पुलिस के डीएसपी रंजीत कुमार रजक सहित कई सरकारी कर्मी व सॉल्वर गैंग के सदस्य शामिल हैं. सेटिंग-गेटिंग कर पद पाने वाले कई अफसर इओयू के रडार पर भी हैं. उनसे पूछताछ की जा रही है. इस मामले में करीब तीन लोग अब भी फरार हैं. उनके खिलाफ कुर्की-जब्ती की कार्रवाई की जा रही है. मालूम हो कि बीपीएससी की 67वीं संयुक्त प्रारंभिक प्रतियोगिता परीक्षा आठ मई 2022 को थी, जिसे पेपर लीक के बाद रद्द कर दिया गया.