प्रदेश की चिंता करें मुख्यमंत्री : मोदी

पटना: लोकतंत्र में बहस से नहीं भागना चाहिए. खुद को लोकतांत्रिक कहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धारा 370 जैसे मुद्दे पर बहस से इनकार कर एक तरह से अपनी पोल खोल रहे हैं. बेहतर होता कि वे धारा 370 और जम्मू-कश्मीर की जगह अपने प्रदेश की चिंता करते. मुख्यमंत्री को उक्त सलाह मंगलवार को भाजपा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 4, 2013 8:52 AM

पटना: लोकतंत्र में बहस से नहीं भागना चाहिए. खुद को लोकतांत्रिक कहने वाले मुख्यमंत्री नीतीश कुमार धारा 370 जैसे मुद्दे पर बहस से इनकार कर एक तरह से अपनी पोल खोल रहे हैं.

बेहतर होता कि वे धारा 370 और जम्मू-कश्मीर की जगह अपने प्रदेश की चिंता करते. मुख्यमंत्री को उक्त सलाह मंगलवार को भाजपा विधानमंडल दल के नेता सुशील मोदी ने दी. उन्होंने कहा कि बिहार में लगातार आतंकी-नक्सली हमले हो रहे हैं. कानून-व्यवस्था की स्थिति खराब होती जा रही है. नक्सलियों के खिलाफ कई स्तरों पर कार्रवाई की बात करने वाले मुख्यमंत्री ने उनके सामने सरेंडर कर दिया है.

जमालपुर इंटर सिटी एक्सप्रेस पर नक्सली हमले के बाद नक्सलियों से डट कर मुकाबला करने की बजाय निर्णय लिया गया है कि ट्रेनों में सशस्त्र बल की जगह लाठीधारी तैनात किये जायेंगे. उन्होंने कहा कि सरदार पटेल जैसे राष्ट्रीय एकता के प्रतीक व्यक्तित्व की प्रतिमा का नीतीश कुमार इसलिए विरोध कर रहे हैं, क्योंकि वह गुजरात में लग रही है. नरेंद्र मोदी से उनका व्यक्तिगत विरोध है. सरदार पटेल द्वारा आरएसएस पर प्रतिबंध लगाने की चर्चा करने वाले मुख्यमंत्री को शायद यह नहीं मालूम कि उन्होंने ही बिना शर्त प्रतिबंध भी हटाया था. जब दोबारा आरएसएस पर से प्रतिबंध हटाया गया, तब नीतीश कुमार भी सरकार के सहयोगी थे. सच तो है कि दिल्ली विधानसभा चुनाव प्रचार में अपनी सभाओं में भीड़ न देख कर नीतीश कुमार हताश हो गए हैं. दिल्ली में जदयू का खाता भी नहीं खुलने वाला है.

अब नहीं रहा कानून का राज : मंगल
बिहार में अब कानून का राज नहीं रहा. सूबे में बढ़ती आपराधिक घटनाओं में जदयू नेताओं की सीधी संलिप्तता है. अपराधियों को सीएम का भी संरक्षण मिला हुआ है. यह आरोप मंगलवार को भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने लगाया. पार्टी मुख्यालय में संवाददाता सम्मेलन में उन्होंने कहा कि अपराधियों को समाजसेवी बता कर जदयू में शामिल किया जा रहा है.

जदयू की इस कोशिश का सीधा असर पुलिस प्रशासन पर पड़ रहा है. बिहार पुलिस खुद को असहाय महसूस कर रही है. अपराधियों के खिलाफ कोई कार्रवाई करने से वह सहम रही है. ऐसे मामलों पर मुख्यमंत्री का जवाब भी जिम्मेवारी भरा नहीं आ रहा. उन्होंने कहा कि आज जंगलराज की यादें ताजा हो गयी हैं. कभी डॉक्टर की हत्या हो रही, तो ट्रेनों पर नक्सली हमला. उग्रवादी भी बिहार में अपने पांव पसारने में सफल रहे हैं. उन्होंने कहा कि यदि अपराधियों पर लगाम नहीं लगायी गयी, तो जनता सड़क पर उतर जायेगी. इसका खामियाजा सरकार को भुगतना पडेगा. मौके पर प्रदेश उपाध्यक्ष विश्वनाथ भगत, मुख्य प्रवक्ता विनोद नारायण झा, पूर्व मंत्री राम नारायण मंडल, प्रदेश प्रवक्ता संजय मयूख आदि थे.

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