पटना: राज्य सरकार मनरेगा में कोताही बरतनेवाले सहरसा व अररिया के उपविकास आयुक्तों के खिलाफ कार्रवाई करेगी. इसके साथ ही लापरवाही बरतनेवाले 240 मुखियाओं पर भी एक साथ कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ हो गयी है. ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र ने मंगलवार को ग्रामीण विकास परिषद की बैठक में यह घोषणा की. इन मुखियाओं पर आरोप है कि उनकी पंचायत में इस वित्तीय वर्ष में मनरेगा के तहत एक भी मजदूर को काम नहीं दिया गया है. पंचायती राज विभाग ने शून्य रोजगार देनेवाले मुखियाओं से स्पष्टीकरण मांगा है.
हटाने का प्रावधान
ग्रामीण विकास व पंचायती राज विभाग के सचिव अमृत लाल मीणा ने कहा कि इसके पहले भी मनरेगा में शून्य मानव दिवस सृजन करने के आरोप में बांका व नालंदा के एक-एक मुखिया को बरखास्त किया गया है. वैधानिक जिम्मेवारियों का पालन न करनेवाले लोगों को पंचायती राज अधिनियम के तहत पद से हटाने का प्रावधान है. उन्होंने बताया कि जो पंचायतें मनरेगा का काम नहीं कर रही हैं, वहां यह जिम्मेवारी पंचायत समिति को दी गयी है. परिषद की बैठक में लिये गये निर्णयों की जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि सार्वजनिक भवन अस्पताल, विद्यालय, मनरेगा भवन व डेयरी भवन परिसर में मिट्टी भराई के काम में ढुलाई का काम ट्रैक्टर से किया जा सकता है. इसकी वीडियोग्राफी करायी जायेगी.
होगा साइलेज निर्माण
कॉम्फेड की एमडी हरजोत कौर ने निजी भूमि पर हरा चारे की प्रोसेसिंग के लिए साइलेज निर्माण मनरेगा से कराने का प्रस्ताव दिया. इस पर परिषद ने मुहर लगा दी. अब साइलेज, गाय के लिए शेड, जानवर के लिए पक्का प्लेटफॉर्म और यूरिन टैंक का निर्माण मनरेगा से कराया जायेगा. मौके पर मनरेगा आयुक्त सह लघु सिंचाई विभाग के सचिव मिहिर कुमार सिंह ने बताया कि ट्यूबवेल से खेतों तक चैनल का निर्माण भी मनरेगा की राशि से किया जायेगा. दो वर्षो में चैनलों का पक्का कार्य पूरा कर लिया जायेगा. मौके पर ग्रामीण विकास विभाग के अपर सचिव मिथिलेश कुमार सिंह मौजूद थे.