6G Network: देश में 2030 से पहले 6जी को लॉन्च करने का लक्ष्य रखा गया है. इसके लिए शोध कार्य जारी है. आइआइटी मद्रास, आइआइटी गुवाहाटी तथा सोसाइटी फॉर एप्लाइड माइक्रोवेव इलेक्ट्रॉनिक्स एंड रिसर्च (समीर) में 6जी पर शोध शुरू हो गया है. अब इससे आइआइटी पटना भी जुड़ेगा. ये बातें इलेक्ट्रॉनिक्स एंड इन्फॉर्मेशन टेक्नोलॉजी मंत्रालय के अधीन समीर के डायरेक्टर जनरल डॉ पी हनुमंत राव ने कही. वह शुक्रवार को आइआइटी पटना में 6जी पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे.
डॉ पी हनुमंत राव ने कहा कि आइआइटी पटना और समीर के बीच शोध कार्य को लेकर जल्द ही एमओयू साइन होगा. इससे आइआइटी पटना में शोधकार्य को नयी दिशा मिलेगी. 6जी में डाटा ट्रांसमिशन में उपयोगकर्ता को बफरिंग का आभास नहीं होगा. बहुत अधिक मात्रा में विभिन्न स्रोतों से डाटा उत्पन्न होगा. दो दिवसीय 6जी मोबाइल कम्युनिकेशन सिंपोजियम का शुभारंभ आइआइटी रूड़की के पूर्व निदेशक प्रो अजीत चतुर्वेदी, समीर के डीजी डॉ पी हनुमंत राव, आइआइटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह व सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के प्रधान सचिव संतोष कुमार मल्ल ने दीप प्रज्वलित कर किया.
इसमें एनटीयू सिंगापुर सहित विभिन्न आइआइटी, एनआइटी, ट्रीपल आइटी के 150 से अधिक शोधार्थी एवं अध्यापकों ने भाग लिया. कार्यक्रम संयोजक प्रो प्रीतम कुमार ने कहा कि संगोष्ठी का उद्देश्य 6जी तकनीक के प्रारूप, मानक एवं इसके प्रयोग की जरूरतों को समझना है. कार्यक्रम के पहले दिन इंटेलिजेंट रिफ्लेक्टिंग सरफेस, रडार व एंटीना टेक्नाेलॉजी और पोजिशनिंग व लोकलाइजेशन पर चर्चा हुई. आइआइटी पटना के डॉ अमित कुमार सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.
संतोष कुमार मल्ल ने कहा कि बिहार में सूचना प्रौद्योगिक केंद्र बनाने के लिए पहल शुरू कर दी गयी है. 6जी तकनीक का उपयोग कर समाज के आखिरी पंक्ति में खड़े लोगों के जीवन में सुधार लाने में सहूलियत होगी. कोविड संक्रमण के दौरान सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से जनसंपर्क के लिए किये गये कामों की जानकारी दी. आइआइटी पटना के निदेशक प्रो टीएन सिंह ने कहा कि संस्थान में 6जी से संबंधित शोध कार्य हो रहे हैं. दूरसंचार विभाग, भारत सरकार के प्रतिनिधियों का नेतृत्व 6जी विभाग के डीडीजी अब्दुल कयूम कर रहे हैं.