नयी दिल्ली/ पटना: गृह मंत्री सुशील कुमार शिंदे की ओर से बिहार की नक्सल समस्या पर राज्य को लिखे पत्र को प्रदेश सरकार का ‘‘अपमान’’ बताते हुए जदयू के सदस्यों ने आज संसद के दोनों सदनों में रोष प्रकट किया और मांग की कि शिंदे इसके लिए माफी मांगे.
राजग छोड़ने के बाद कांग्रेस के प्रति नरम रुख अपना रहे बिहार के मुख्यमंत्री ने शिंदे के इस पत्र पर कड़ा रुख अपनाया है.लोकसभा और राज्यसभा दोनों सदनों में जदयू के सदस्य हाथों में तख्ती लिए आसन के सामने आगए. तख्तियों पर शिंदे से इस पत्र के लिए माफी मांगने की मांग की गई थी. कुछ सदस्य शिंदे को बर्खास्त किए जाने की मांग करते भी सुने गए.
उच्च सदन में साबिर अली की अगुवाई में जदयू सदस्य आसन के समीप आ गए और वरिष्ठ नेता शिवानंद तिवारी अपने स्थान से उनका समर्थन करते देखे गए.बिहार सरकार को लिखे पत्र में शिंदे ने कहा है कि राज्य में नक्सल समस्या चिंताजनत स्थिति तक पंहुच गई और और प्रदेश पुलिस तथा केंद्रीय बलों के बीच समन्वय टूट गया है. शिंदे ने पत्र में बिहार के मुख्यमंत्री को यह सलाह भी दी कि वह अन्य राज्यों के सफल विद्रोह-विरोधी माडलों का अध्ययन करें और बिहार में भी उसे लागू करें.