पटना: राज्य सरकार का योजना पर्षद अब योजना आयोग के तर्ज पर विकसित होगा. सरकारी योजनाओं की समीक्षा और मॉनीटरिंग के लिए पर्षद को 35 उच्चस्तरीय विशेषज्ञों की सेवा उपलब्ध होगी. इन विशेषज्ञों का वेतन 25 हजार से एक लाख मासिक होगा. एमबीए, एमबीबीएस व एमफिल डिग्रीधारियों को इसमें जगह मिलेगी. सरकार ने इसके लिए तीन कैटेगरी निर्धारित की है. रिटायर अधिकारियों को भी अवसर मिलेगा. वरिष्ठ कंसल्टेंट और कंसल्टेंट के पदों के लिए कोई उम्र सीमा नहीं होगी. तीनों स्तर के विशेषज्ञों को लैपटॉप दिया जायेगा. योजना एवं विकास विभाग में इसकी पहल शुरू हो गयी है. इसका बजट भी स्वीकृत हो चुका है. शीघ्र ही विज्ञापन जारी होंगे.
न्यूनतम पांच वर्षो के लिए होगी नियुक्ति : योजना पर्षद के लिए योजना एवं विकास विभाग विशेषज्ञों को पांच वर्ष के लिए बहाल करेगा. प्रोफेसनल्स के तीन स्तर बनाये गये हैं. पहले स्तर में विभाग सात वरिष्ठ कंसल्टेंट नियुक्त करेगा. इसके लिए पीएचडी की डिग्री या प्रतिष्ठित संस्थान से तकनीकी डिग्री और 15 वर्षो का अनुभव जरूरी होगा. केंद्र सरकार के सचिव या अतिरिक्त सचिव पद से सेवानिवृत्त लोगों की सेवा भी इसके लिए ली जा सकती है. वरिष्ठ कंसल्टेंट के पदों पर बहाल लोगों को एक लाख रुपये वेतन के अतिरिक्त वाहन भत्ता के रूप में 10 हजार प्रति माह दिये जायेंगे. इन्हें मोबाइल और टेलीफोन की सुविधाएं भी दी जायेंगी.
10 साल के अनुभववालों को दी जायेगी वरीयता : दूसरे स्तर पर कंसल्टेंट की नियुक्ति की जायेगी. इस कैटेगरी में 10 वर्षो के अनुभववाले तेज तर्रार तकनीकी योग्यताधारियों को वरीयता दी जायेगी. इनके लिए 14 पद सृजित किये गये हैं. इनके लिए 40-70 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन निर्धारित किये गये हैं. इसके अतिरिक्त वाहन भत्ता के रूप में तीन हजार रुपये प्रति माह दिये जायेंगे. वरिष्ठ कंसल्टेंट और कंसल्टेंट के चयन के लिए योजना पर्षद के उपाध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी गठित होगी. इसमें योजना पर्षद से संबंधित सदस्य व परामर्शी सदस्य होंगे.
यंग प्रोफेशनल्स के 14 पद किये गये सृजित : यंग प्रोफेशनल्स के लिए विभाग ने 14 पद सृजित किये हैं. योग्यता के आधार पर इन्हें 25 से 40 हजार रुपये प्रति माह वेतन दिया जायेगा. इसके लिए न्यूनतम योग्यता स्नातकोत्तर की डिग्री, एमबीए, एमबीबीएस और बी टेक जैसी डिग्री को प्राथमिकता दी जायेगी. इनके चयन के लिए योजना पर्षद के सदस्य की अध्यक्षता में चयन समिति बनायी गयी है. इसके सदस्य के रूप में पर्षद के परामर्शी और सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा अनुसूचित जाति / जनजाति के एक अधिकारी उपस्थित होंगे.