सूबे में महिला सशक्तीकरण पर जोर
संवाददाता, बिहारशरीफ/गिरियक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सूबे में विकास के साथ महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया जा रहा है. पहले पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. इसके बाद शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और अब पुलिस की बहाली में 35 प्रतिशत सीटें महिलाओं […]
संवाददाता, बिहारशरीफ/गिरियक
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा है कि सूबे में विकास के साथ महिला सशक्तीकरण पर जोर दिया जा रहा है. पहले पंचायत चुनाव में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया. इसके बाद शिक्षक नियोजन में महिलाओं को 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया और अब पुलिस की बहाली में 35 प्रतिशत सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित किया गया है. अब महिलाएं भी कांस्टेबल एवं सब इंस्पेक्टर के पद पर बहाल होंगी. उनके लिए 35 प्रतिशत सीटें आरक्षित कर दी गयी हैं. ये बातें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पावापुरी स्थित जैन दिगंबर मंदिर में सम्मेद शिखर यात्र के क्रम में राजस्थान से पहुंचे 500 जैन श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहीं.
उन्होंने भगवान महावीर की इस पवित्र भूमि पर जैन श्रद्धालुओं का स्वागत करते हुए कहा कि आपकी यह यात्र सिर्फ अपने लिए नहीं है, बल्कि समाज के लिए है. समाज में शांति, भाईचारा एवं आपसी प्रेम यह बहुत बड़ी बात है. उन्होंने कहा कि इस दल में कई लोग तपस्वी हैं और उपवास रखे हुए हैं. सभी लोगों का भगवान महावीर की इस पवित्र भूमि पर स्वागत है. उन्होंने कुंडलपुर का उल्लेख करते हुए कहा कि यहां भगवान महावीर का भव्य मंदिर है. नालंदा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय में पूरे विश्व से लोग ज्ञान प्राप्त करने के लिए आते थे. उसी नालंदा विश्वविद्यालय की भावना के अनुरूप नया यूनिवर्सिटी ऑफ नालंदा का निर्माण हो रहा है. इसमें अगले वर्ष से पढ़ाई भी शुरू हो रही है. यह विश्वविद्यालय फिर से अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त करेगा. राजगीर का उल्लेख करते हुए कहा कि यह पूर्व में मगध साम्राज्य की राजधानी हुआ करती थी. महाभारत काल में यहां के राजा जरासंध थे. यह पूरा इलाका ऐतिहासिक धरोहरों एवं धर्म से जुड़ा है. सम्मेद शिखर यात्रियों द्वारा पहले के बिहार और अब के बिहार में काफी परिवर्तन की बात कहने पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आपने 10 वर्ष पूर्व और आज के बिहार में जो अंतर देखा उसके लिए आप सभी को धन्यवाद. सीएम ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग हो जाने के बाद हमने सबसे ज्यादा जोर बुनियादी ढांचे के विकास व शिक्षा पर दिया है. आज की दुनिया ज्ञान की दुनिया है. इसमें शिक्षा का महत्व ज्यादा है.
बालिका शिक्षा पर जोर
हमने बालिका शिक्षा पर सबसे ज्यादा जोर दिया है. वर्ग छह, सात एवं आठवीं की छात्रओं को साल में दो जोड़ा पोशाक, जूते एवं बैग खरीदने के लिए रुपये दिये जा रहे हैं. हाइ स्कूलों में पढ़नेवाली लड़कियों को साइकिल दी जा रही है. पहले गांव ताक क्या शहर और खास कर राजधानी पटना में भी साइकिल नहीं चलाती थी. आज ग्रामीण क्षेत्रों में झुंड-की-झुंड लड़कियां साइकिल पर चढ़ कर एक -दो किलोमीटर दूर पढ़ने जा रही हैं. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले हाइ स्कूलों में मात्र 1.70 लाख लड़कियां पढ़ती थीं, लेकिन आज उनकी संख्या सात लाख तक पहुंच चुकी है. उन्होंने कहा कि इस योजना का अनुसरण आज दूसरे प्रदेश भी कर रहे हैं. न केवल दूसरे प्रदेशों से बल्कि दूसरे देशों से लोग भी इसे देखने और जानने बिहार आ रहे हैं. अब तक सूबे में छात्रओं के साथ छात्रों को भी साइकिल दी जा रही है. सूबे के 14 लाख छात्र-छात्रएं इस योजना का लाभ उठा रहे हैं.
विकास का मतलब बताया
मुख्यमंत्री ने कहा कि विकास का मतलब केवल कल-कारखाने खोलना नहीं है, बल्कि व्यक्ति का विकास व समाज का विकास करना है. उन्होंने सम्मेद शिखर जी की यात्र में शामिल लोगों को भगवान महावीर के वैशाली मंदिर की यात्र करने एवं वहां आयोजित किये जा रहे कार्यक्रम में शामिल होने का आमंत्रण भी दिया. जैन कमेटी के सदस्यों द्वारा मुख्यमंत्री सहित सभी विशिष्ट अतिथियों को राजस्थानी टोपी, माला, शाल व मोमेंटो देकर सम्मानित किया गा. इस मौके पर सत्तारूढ़ दल के मुख्य सचेतक श्रवण कुमार, सांसद कौशलेंद्र कुमार, विधान पार्षद हीरा प्रसाद बिंद, जदयू के जिलाध्यक्ष सियाशरण ठाकुर, पूर्व विधायक इ सुनील कुमार, अति पिछड़ा वर्ग आयोग के सदस्य अरुण कुमार वर्मा, जदयू के प्रदेश सचिव उपेंद्र कुमार विभूति, मखदुम कुंड कमेटी के सचिव आफताब आलम, मुन्ना मलिक, जैन सोशल ग्रुप इंटरनेशनल फेडरेशन के नॉदर्न रीजन के अध्यक्ष प्रमोद दरड़ा, सम्मेद शिखर जी यात्र के संयोजक प्रसन्न डागा, दिगंबर जैन कमेटी पावापुरी के अरुण जैन, जगदीश जैन, दीपक चंद्र सुयंती आदि मौजूद थे.