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समारोह के साथ सोनपुर मेले का समापन

हाजीपुर. राज्यपाल की जगह चीफ सेक्रेटरी ने किया मेले का समापन. रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ एक महीने तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला मंगलवार को संपन्न हो गया. हालांकि इस मेले का समापन राज्यपाल वाइडी पाटिल के द्वारा होना था, लेकिन तबीयत खराब हो जाने के कारण मेले का समापन बिहार के […]

हाजीपुर.

राज्यपाल की जगह चीफ सेक्रेटरी ने किया मेले का समापन. रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ एक महीने तक चलने वाला विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र मेला मंगलवार को संपन्न हो गया. हालांकि इस मेले का समापन राज्यपाल वाइडी पाटिल के द्वारा होना था, लेकिन तबीयत खराब हो जाने के कारण मेले का समापन बिहार के चीफ सेक्रेटरी एके सिन्हा ने किया.

निर्धारित समय से लगभग ढाई घंटे विलंब से शुरू मेले का समापन समारोह कई सांस्कृतिक कार्यक्रमों के साथ संपन्न हुआ. श्री सिन्हा ने कहा कि मेले का विकास हो रहा है और सरकारी स्तर पर उसके विकास का और प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि इस बार मुङो मेले में आने का अवसर प्राप्त नहीं हुआ, लेकिन विधान परिषद के उपसभापति सलीम परवेज ने बताया कि पहले की तुलना में मेले के लुक में परिवर्तन आया है. पिछले साल की तुलना में मेला लगातार प्रगति के पथ पर अग्रसर है. मेले के सफल आयोजन के लिए चीफ सेक्रेटरी ने जिला प्रशासन सारण और पुलिस प्रशासन को भी धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि पुलिस और प्रशासन की तत्परता के बगैर मेले का सफल आयोजन संभव नहीं था. समापन समारोह में कई राज्यों से आये कलाकारों ने अपनी-अपनी कलाकारी का बेहतर नमूना पेश किया. इस अवसर पर आतिशबाजी भी की गयी. समापन समारोह में पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव बी प्रधान, पर्यटन विभाग के उपनिदेशक उमाशंकर मंडल, डीएम सारण कुं दन कुमार के अलावा बड़ी संख्या में पुलिस और प्रशासन के साथ-साथ स्थानीय लोग मौजूद थे. इस मौके पर अनेक प्रदर्शनियों को उनके उत्तम प्रदर्शन के लिए पुरस्कृत किया गया.

सबसे ज्यादा बिके बैल

हाजीपुर. विश्व प्रसिद्ध हरिहर क्षेत्र सोनपुर मेले की पहचान पूरे विश्व में पशु मेले के रूप में है, लेकिन पशु मेला के सिमटते स्वरूप के बावजूद इस बार पशुओं की बिक्री पिछले साल की तुलना में लगभग सात गुणा ज्यादा रही. पिछले साल जहां दो करोड़ 76 लाख 55 हजार रुपये मूल्य के पशु-पक्षियों की बिक्री हुई, वहीं इस साल इस आंकड़े ने सात गुणा ज्यादा छलांग लगायी. इस बार सोनपुर मेले में 15 करोड़ 81 लाख 36 हजार रुपये के पशु-पक्षियों की बिक्री हुई. जिला पशुपालन पदाधिकारी से प्राप्त आंकड़े से इस बात की जानकारी मिली. सोनपुर मेले में इस बार गाय बाजार दम तोड़ता नजर आया, तो इस मशीनी युग में भी बैलों ने अपनी अहमियत बरकरार रखी और वे सबसे ज्यादा बिके. पशु बाजार के कुल व्यवसाय में इस बार बैल बाजार की हिस्सेदारी लगभग 75 प्रतिशत रही. कुल 15 करोड 81 लाख 36 हजार में से 12 करोड़ 73 लाख 72 हजार रुपये का व्यवसाय सिर्फ बैल बाजार से हुआ. गाय की संख्या अभी तक मेला के इतिहास में सबसे कम रही. आंकड़ों के मुताबिक इस बार सिर्फ 94 गायें मेले में आयीं. हालांकि पशु मेले के रूप में अपनी पहचान खोता सोनपुर मेले के लिए सुकून देने वाली बात इस बार यह रही कि जहां पिछले साल कुल 23305 पशु पक्षियों ने सोनपुर मेले की शोभा बढ़ायी, वहीं इस बार इसके कुल संख्या में लगभग एक हजार का इजाफा हुआ है. इस बार 24352 की संख्या में पशु-पक्षी आये. प्राप्त आंकड़ों के मुताबिक इस बार बैल, घोड़ा, कुत्ता,भैंस तथा बकरी के बाजार में बूम रहा.

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