पटना: सूखे से बेहाल किसानों ने किसी तरह धान तो पैदा किया, लेकिन उन्हें वाजिब कीमत नहीं मिल रही है. सरकार का किसान विरोधी चेहरा सामने आ गया है. किसान परेशान हैं. सरकार को अविलंब उन्हें कृषि यंत्रों पर पूर्व की तरह अनुदान देने और धान क्रय केंद्रों पर बिना परेशान किये धान खरीद की समुचित व्यवस्था करनी चाहिए. उक्त बातें मंगलवार को भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील मोदी ने कहीं.
सुशील मोदी ने कहा कि डीजल की बढ़ी कीमत, खाद और कीटनाशकों के मूल्य में वृद्धि के कारण किसानों के लिए खेती घाटे का सौदा साबित हो रहा है. कृषि यंत्रों पर अनुदान में की गयी कटौती और क्रय केंद्रों पर धान खरीद न होने पर उन्होंने गहरी चिंता जतायी है. राज्य व केंद्र सरकार द्वारा 49 कृषि यंत्रों पर अनुदान दिया जाता है.
सरकार की अनुदान कटौती से अब किसानों को यंत्रों की खरीद पर अधिक खर्च करना होगा. धान का समर्थन मूल्य घोषित होने के बाद भी कई जिलों में क्रय केंद्रों से धान की खरीद अब-तक शुरू नहीं हुई है. सरकार ने साधारण धान का प्रति क्विंटल समर्थन मूल्य 1310, जबकि ग्रेड एक के धान का 135 रुपया निर्धारित किया है. कई क्रय केंद्रों पर नमी मापक यंत्र भी नहीं है. धान का नमूना नहीं लिया जा रहा. क्रय केंद्रों पर धान बेचने आये किसानों से मालगुजारी रसीद मांगी जा रही है. परेशान किसान कम कीमत पर बिचौलियों को धान बेचने को विवश हैं.