राजद-लोजपा में बढ़ी तनातनी,जदयू ने रामबिलास पर डाले डोरे
पटना: जदयू और लोजपा लोकसभा चुनाव के पहले एक साथ आ सकते हैं. एक ओर जहां सीट को लेकर राजद और लोजपा में दरार देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर जदयू ने एलजेपी प्रमुख रामबिलास पासवान की तारीफ की है. जदयू और लोजपा की नजदीकियों को देखकर लगता है कि 2014 में होने […]
पटना: जदयू और लोजपा लोकसभा चुनाव के पहले एक साथ आ सकते हैं. एक ओर जहां सीट को लेकर राजद और लोजपा में दरार देखने को मिल रही है वहीं दूसरी ओर जदयू ने एलजेपी प्रमुख रामबिलास पासवान की तारीफ की है. जदयू और लोजपा की नजदीकियों को देखकर लगता है कि 2014 में होने वाले लोकसभा चुनाव के पहले वे गंठबंधन बना सकते हैं. गौरतलब है कि जदयू ने कल ही झारखंड विकास मोर्चा से गंठबंधन किया है.
सीटों के बंटवारे को लेकर राजद-लोजपा गंठबंधन में तनातनी बढ़ गयी है. लोजपा ने राजद पर पलटवार करते हुए कहा कि उसके गंठबंधन के विकल्प खुले हुए हैं. लोजपा ने स्पष्ट रूप से कहा कि राजद को भी अपने उम्मीदवारों की जानकारी देनी होगी. लोजपा के प्रदेश अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने कहा कि राजद अगर 40 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहता है, तो लोजपा का दरवाजा खुला हुआ है. संसदीय बोर्ड की बैठक में राष्ट्रीय अध्यक्ष रामविलास पासवान निर्णय लेंगे.
बयान पर आपत्ति
राष्ट्रीय उपाध्यक्ष महेश्वर सिंह ने गंठबंधन टूटने के संकेत को आगे ले जाते हुए समान विचारधारावाले दलों का नाम भी गिना दिया. उन्होंने कहा कि समान विचारधारावाले दलों में सीपीआइ, सीपीएम व माले हैं. अब गेंद राजद के पाले में है. लोजपा के दरवाजे खुले हुए हैं. राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सूरजभान सिंह व महासचिव डॉ सत्यानंद शर्मा ने भी राजद को कड़ी चेतावनी दी है. लोजपा नेताओं की नाराजगी राजद नेता रघुवंश प्रसाद सिंह के उस बयान पर है, जिसमें उन्होंने सोमवार को कहा था कि उम्मीदवार बताने के बाद ही लोजपा के साथ सीटों का तालमेल होगा. मौके पर प्रदेश प्रवक्ता ललन कुमार चंद्रवंशी, रोहित कुमार सिंह आदि मौजूद थे.
पार्टी का जनाधार मजबूत
लोजपा नेताओं ने कहा कि राज्य में पार्टी का मजबूत जनाधार है. सभी बूथों पर 21 सदस्यीय बूथ कमेटी गठित करने का निर्देश दिया जा चुका है. अब यह गंठबंधन रहेगा या नहीं. यह राजद के नेताओं को तय करना है. लोजपा अपनी ओर से 40 लोकसभा सीटों पर चुनाव की तैयारी कर रही है. पिछले चुनाव में राजद को 28 व लोजपा को 12 सीट मिली थी. अब गंठबंधन टूटता है, तो लोजपा जनता को बतायेगी कि गंठबंधन तोड़ने के जिम्मेवार दल कौन हैं. सूरजभान सिंह ने कहा कि लालू प्रसाद और स्वयं वे कनविक्टेड हैं. दोनों के चुनाव लड़ने का सवाल ही नहीं है. आगे लालू जी को तय करना है कि वे क्या करेंगे. वे बतायें कि गंठबंधन रखेंगे या नहीं.
मैंने किसी एक दल को नहीं, गंठबंधन के सभी सहयोगियों को पहले उम्मीदवार सामने लाने को कहा है. उम्मीदवार के व्यक्तित्व पर भी वोट प्रभावित होता है. गठबंधन के सभी साथियों को मिल बैठ कर पहले उम्मीदवार का चयन कर लेना चाहिए. डॉ रघुवंश प्रसाद सिंह, सांसद