पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांच स्टेशनों पर जन सुविधाओं के लिए खर्च होंगे 75 करोड़, टेंडर जारी

डीएमआरसी ने पटना मेट्रो के कॉरिडोर दो स्थित प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांच स्टेशनों पर स्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाएं विकसित किये जाने को लेकर निविदा जारी कर दी है. इस पर करीब 75 करोड़ रुपये की लागत का अनुमान लगाया गया है.

By Anand Shekhar | August 10, 2023 10:12 PM

Patna Metro Project : पटना मेट्रो के कॉरिडोर दो स्थित प्रायोरिटी कॉरिडोर के पांच स्टेशनों पर स्ट्रक्चर सहित अन्य सुविधाओं को विकसित किया जाएगा. इसके लिए दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने निविदा जारी कर दी है. इस कार्य पर करीब 75 करोड़ रुपये का खर्च आने का अनुमान लगाया गया है. डीएमआरसी के निविदा दस्तावेज के मुताबिक 25 सितंबर तक इसके लिए आवेदन लिये जायेंगे. निविदा की स्वीकृति और वर्क ऑर्डर के बाद दो साल में इसका काम पूरा होगा.

डिजाइन, आर्किटेक्चर से लेकर शौचालय-जलापूर्ति व्यवस्था निर्माण की जिम्मेदारी

लगभग सात किलोमीटर लंबे प्रायोरिटी कॉरिडोर में आने वाले सभी पांच स्टेशन मलाही पकड़ी, खेमनीचक, भूतनाथ, जीरो माइल और न्यू आइएसबीटी स्टेशन का निर्माण होना है. यह सभी स्टेशन एलिवेटेड हैं. निविदा हासिल करने वाले एजेंसी डीएमआरसी द्वारा तैयार किये गये इन मेट्रो स्टेशनों पर डिजाइन, आर्किटेक्चर से लेकर प्री-इंजीनियरिंग स्ट्रक्चर का निर्माण करेगी. इसके साथ ही चयनित एजेंसी को स्टेशन के बाहरी आवरण, जलापूर्ति, शौचालय, ड्रेनेज सहित अन्य सुविधाएं भी विकसित करनी होगा.

डिपो में बिछाने को लेकर खरीदा जा रहा ट्रैक

पटना मेट्रो के न्यू आइएसबीटी बन रहे डिपो में बिछाये जाने वाले मेट्रो ट्रैक की खरीद को लेकर भी डीएमआरसी ने निविदा जारी की है. 1200 मीट्रिक टन लोहे की ट्रैक के लिए करीब नौ करोड़ रुपये का प्रबंध किया गया है. यहां मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम के तहत विशेष प्रकार की पटरियां बिछायी जानी है. निविदा की स्वीकृति के बाद एक साल में ट्रैक बिछाने का काम पूरा किये जाने का लक्ष्य रखा गया है.

प्रायोरिटी कॉरिडोर के खेमनीचक में बनेगा इंटेरचेंज स्टेशन

पटना मेट्रो के प्रायोरिटी कॉरिडोर पर एक इंटेरचेंज स्टेशन प्रस्तावित है जो कि खेमनीचक में जमीन के ऊपर यानि एलिवेटेड होगा. इंटरचेंज स्टेशनों पर यात्री बाहर निकले बगैर एक लाइन से दूसरी लाइन के लिए आसानी से मेट्रो बदल सकेंगे. इनको बस और रेलवे टर्मिनलों से भी जोड़ा गया है. इंटरचेंज स्टेशनों पर पैदल यात्रियों के लिए पेडेस्ट्रियन सब वे, फुट ओवर ब्रिज के अलावा समुचित यातायात की सुविधा मिलेगी. पिक-ड्रॉप की व्यवस्था के साथ पार्किंग भी चिह्नित होगी.

खेमनीचक इंटेरचेंज स्टेशन से इन जगहों के लिए बदल सकेंगे मेट्रो

अधिकारियों के मुताबिक इसी प्रकार रामकृष्ण नगर, मीठापुर से आने वाले यात्री अगर पीएमसीएच, पटना विश्वविद्यालय (पीयू) की ओर जाना चाहेंगे या इसकी विपरीत दिशा में जाना चाहेंगे, तो खेमनीचक स्टेशन पर जमीन के ऊपर वाले सेक्शन पर मेट्रो बदल सकते हैं. आइएसबीटी, जीरो माइल, भूतनाथ की ओर से आने वाले यात्री अगर रामकृष्ण नगर, मीठापुर की ओर या विपरीत दिशा में जाने के लिए खेमनीचक स्टेशन पर मेट्रो बदल सकते हैं. वे लाइन दो से लाइन एक के लिए बिना स्टेशन से बाहर निकले मेट्रो बदल सकेंगे. राज्य के विभिन्न जिलों से आने वाले यात्री आइएसबीटी मेट्रो स्टेशन से मेट्रो ले सकेंगे. इसी प्रकार, रेलवे से आने वाले यात्री पटना स्टेशन से मेट्रो ले सकते हैं.

Also Read: Patna Metro Project: यहां बनेगा पटना मेट्रो का सबसे लंबा अंडरग्राउंड स्टेशन, जानें इसकी खासियत

गांधी मैदान से आकाशवाणी तक खुदाई के लिए जल्द आयेगी दो नयी टीबीएम

पटना मेट्रो के कॉरिडोर दो के अंडरग्राउंड सेक्शन में फिलहाल मोइनुल हक स्टेडियम से पटना विवि तक खुदाई का काम चल रहा है. इसके लिए दो टनल बोरिंग मशीन (टीबीएम) लगायी गयी है. इन टीबीएम ने 100 मीटर से अधिक का सफर तय कर लिया है. डीएमआरसी के मुताबिक गांधी मैदान के पश्चिमी छोर से फ्रेजर रोड होते हुए आकाशवाणी तक अप एवं डाउन दोनों लाइन की खुदाई के लिए जल्द ही दो नयी टीबीएम मशीन पटना पहुंच जायेगी. इन मशीनों को तैयार कर सितंबर माह के अंत तक लांच किये जाने की संभावना है.

दोनों कॉरिडोर मिला कर अप-डाउन में करीब 37 किमी की खुदाई की जानी है

मालूम हो कि दोनों कॉरिडोर मिला कर अप-डाउन में करीब 37 किमी की खुदाई की जानी है, जिसके लिए दस टीबीएम की आवश्यकता पड़ेगी. मेट्रो के कॉरिडोर एक में करीब 10.50 किमी जबकि कॉरिडोर दो में आठ किमी का भूमिगत टनल बनना है.

मेट्रो के सफर में नहीं लगेंगे झटके

पटना मेट्रो के दोनों कॉरिडर के सभी स्टेशन एवं डिपो में बेहतर समन्वय व संचार के लिए सर्वोत्तम कम्युनिकेशन बेस्ड ट्रेन कंट्रोल (सीबीटीसी) प्रणाली अपनायी जायेगी. इस प्रणाली के ऑटोमेटिक स्पीड रेगुलेशन के कारण अनावश्यक रूप से गति बढ़ाने और ब्रेक लगाने की जरूरत नहीं पड़ेगी. इससे ऊर्जा की बचत होगी ही, सफर में अनावश्यक झटके भी नहीं लगेंगे.

Also Read: मुंगेर के मां चंडिका स्थान मंदिर से एक महीने में तीसरी बार हुई चोरी, सीसीटीवी में कैद हुई वारदात

Next Article

Exit mobile version