हाजीपुर
जिले में सरकारी योजनाओं के वित्त पोषण में सहयोग नहीं करने वाले तथा कोताही बरतने वाले बैंकों के विरुद्ध कार्रवाई की जायेगी. जिन बैंकों में अनावश्यक एवं गैर वाजिब कारणों से केसीसी आवेदनों को लंबित रखा गया है उन बैंकों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज की जायेगी. जिलाधिकारी जितेंद्र श्रीवास्तव ने शुक्रवार को जिला स्तरीय परामर्शदातृ समिति की बैठक को संबोधित करते हुए ये बातें कही. उन्होंने कहा कि जिले के विभिन्न क्षेत्रों से ऐसी शिकायतें लगातार मिल रही हैं कि बैंकों में प्रखंड या पैक्स से प्राप्त केसीसी आवेदनों के बजाय सीधे अपने स्तर पर लिये गये आवेदनों को प्राथमिकता दी जा रही है. इस संदर्भ में आगामी दो से आठ जनवरी तक अभियान चला कर जिले में कार्यरत सरकारी बैंकों की सभी 164 शाखाओं की जांच करायी जायेगी. वरीय उपसमाहर्ता बैंकिं ग, एलडीएम, जिला कृषि पदाधिकारी के अलावा तीन स्तरीय पदाधिकारी रोस्टर बना कर उक्त अवधि में शत-प्रतिशत बैंकों की जांच करेंगे. बैठक में केसीसी एवं जेएलजी के प्राप्त लक्ष्य के अनुपात में भारतीय स्टेट बैंक, इलाहाबाद बैंक एवं केनरा बैंक की उपलब्धि नगण्य पाये जाने पर नाराजगी प्रकट करते हुए डीएम ने उप विकास आयुक्त को निर्देश दिया कि इन बैंकों से 31 दिसंबर तक हर हाल में आरटीजीएस के माध्यम से सरकारी जमा राशि हटा लें. प्रखंड स्तर पर भी इन बैंकों से सरकारी राशि को हटा लेने को कहा गया. 15 जनवरी को जिला स्तर पर केसीसी, जेएलजी एवं पीएमजीएसवाइ के लिए मेगा ऋण वितरण शिविर का आयोजन करने का एलडीएम को निर्देश दिया गया. बैठक में उपविकास आयुक्त, वरीय उपसमाहर्ता बैंकिंग, एलडीएम, जिला कृषि पदाधिकारी, रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया एवं नाबार्ड के प्रतिनिधि समेत सभी बैंकों के जिला समन्वयक उपस्थित थे.