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हिट हो रहे बिहार में गढ़े गये नारे

पटना: राजनीति हो या जन आंदोलन, उनके नारे बिहार की भूमि से ही निकलते हैं और सुपरहिट होते हैं. सन 74 के जेपी आंदोलन के नारे ‘संपूर्ण क्रांति’, ‘हमला चाहे जैसा हो, हाथ हमारा नहीं उठेगा’ और ‘ सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ की रचना बिहार की भूमि पर हुई थी. इन नारों […]

पटना: राजनीति हो या जन आंदोलन, उनके नारे बिहार की भूमि से ही निकलते हैं और सुपरहिट होते हैं. सन 74 के जेपी आंदोलन के नारे ‘संपूर्ण क्रांति’, ‘हमला चाहे जैसा हो, हाथ हमारा नहीं उठेगा’ और ‘ सिंहासन खाली करो कि जनता आती है’ की रचना बिहार की भूमि पर हुई थी. इन नारों ने देश-विदेश में जेपी आंदोलन को जबरदस्त ख्याति दिलायी थी.

भाजपा के प्रधान मंत्री पद के उम्मीदवार नरेंद्र मोदी को भी बिहार में गढ़े गये नारों से संजीवनी मिल रही है. गुजरात के स्टील निर्माता संघ ने स्टील के बरतनों पर उनकी तसवीर चस्पा की है और नारा लिखा है- ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’. इस नारे को भाजपा बुद्धिजीवी मंच के सदस्य कुमुद बिहारी सिंह ने लिखा है. छह अक्तूबर को ही उन्होंने मोदी सहित पार्टी के शीर्ष नेताओं को इसे एसएमएस किया था.

बनारस हिंदू संगठनों को थी आपत्ति : ‘हर-हर मोदी, घर-घर मोदी’ वाले नारे पर बनारस के हिंदू संगठनों ने शुरू-शुरू में आपत्ति भी की थी, किंतु बाद में उनका विरोध ठंडा पड़ गया. कुमुद बिहारी सिंह ने यह नारा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय और भाजपा विधान मंडल दल के नेता सुशील मोदी को भी भेजा था. दोनों नेताओं ने इस नारे की काफी तारीफ की थी.

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