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आरा मशीन से कटने से मजदूर की मौत

मोदनगंज (जहानाबाद) मोदनगंज प्रखंड मुख्यालय के पास बुधवार को एक आरा मशीन से कट जाने से मजदूर नवल यादव की मौत हो गयी. घटना गुस्साये लोगों ने छह घंटे तक सड़क को जाम रखा. स्थानीय जन प्रतिनिधियों व पुलिस के सहयोग से जाम हटा. इस मामले में ओकरी ओपी में यूडी केस दर्ज कराया गया […]

मोदनगंज (जहानाबाद)

मोदनगंज प्रखंड मुख्यालय के पास बुधवार को एक आरा मशीन से कट जाने से मजदूर नवल यादव की मौत हो गयी. घटना गुस्साये लोगों ने छह घंटे तक सड़क को जाम रखा. स्थानीय जन प्रतिनिधियों व पुलिस के सहयोग से जाम हटा. इस मामले में ओकरी ओपी में यूडी केस दर्ज कराया गया है. प्रशासन ने मृतक के परिजन को पारिवारिक लाभ एवं विधवा पेंशन देने की बात कही है.

सरिस्ताबाद गांव निवासी नवल यादव मोदनगंज बाजार में सरयू महतो की आरा मशीन पर मजदूरी करता था. सुबह करीब नौ बजे मशीन चालू हुई. कुछ ही देर के बाद आरा मशीन से कट कर उसकी मौत हो गयी. सूत्रों ने बताया कि नवल ने चादर ओढ़ रखी थी. चादर लकड़ी कटर ब्लेड में जा फंसी और वह मशीन की ओर खिंचता चला गया. संभलने का उसे तनिक भी मौका नहीं मिला और देखते-ही-देखते उसके शरीर के तीन टुकड़े हो गये .घटना के बाद मशीन संचालक फरार हो गया. इसकी खबर जंगल में आग की तरह फैल गयी. कुछ देर में बड़ी संख्या में लोग जुट गये और उन्होंने करीब छह घंटे तक यातायात को ठप रखा. पूर्व मुखिया नकुल यादव, मोदनगंज की मुखिया नेहा शर्मा और सरिसताबाद मुखिया तुलसी प्रसाद अलबेला समेत कई पंचायत प्रतिनिधियों के हस्तक्षेप के बाद जाम हटा. सूत्रों की मानें, तो कुछ रुपयों का लेन-देन करके मृत मजदूर के परिजनों का मुंह बंद कर दिया गया. वहीं, विधवा को पेंशन देने की पेशकश की गयी है. मृत मजदूर की पत्नी रमंती देवी पर दु:खों का पहाड़ टूट पड़ा है. छह बच्चों के लालन- पोषण का जवाबदेही उस पर गयी है. दो पुत्र आंशिक रूप से विकलांग हैं. चार बेटियों में एक बेटी की शादी हो चुकी है.

सीओ निरंजन कुमार ने बताया कि अवैध आरा मशीन संचालकों को पूर्व में दो बार नोटिस भेजा गया था. फिर भी वे कारोबार कर रहे हैं. वहीं, रेंजर रवींद्र कुमार ने कहा, प्रखंड क्षेत्र में एक भी लाइसेंसी आरा मशीन नहीं है. जो भी चल रही हैं, अवैध हैं. जिले में सिर्फ 13 आरा मशीनों के पास लाइसेंस हैं. कानूनविद सुधीर कुमार ने बताया कि बिहार सौ मील रेगूलेशन एक्ट, 1990 के अनुसार सेक्शन चौदह में एक वर्ष तक कारावास की सजा व 10 हजार रुपये तक आर्थिक दंड का प्रावधान हैं या दोनों.

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