जज साहब ! यह है ट्रैफिक की हकीकत

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर आज हाइकोर्ट में सुनवाई होगी. शहर में ट्रैफिक से जुड़े अधिकारी न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होने का दावा करेंगे. मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ट्रैफिक नियमों को कड़ाई से लागू न करवा पाने में सरकारी तंत्र तो दोषी है ही. साथ ही नियमों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2014 8:21 AM

शहर की ट्रैफिक व्यवस्था पर आज हाइकोर्ट में सुनवाई होगी. शहर में ट्रैफिक से जुड़े अधिकारी न्यायालय के समक्ष हाजिर होकर यातायात व्यवस्था चुस्त-दुरुस्त होने का दावा करेंगे. मगर इसकी जमीनी हकीकत कुछ और ही है. ट्रैफिक नियमों को कड़ाई से लागू न करवा पाने में सरकारी तंत्र तो दोषी है ही. साथ ही नियमों को न मानने वाले पटना के बाशिंदे भी कम दोषी नहीं हैं.

पटना: सुबह से लेकर शाम तक राजधानी की सड़कें जाम से कराहती रहती हैं. ट्रैफिक अधिकारी संसाधन की कमी का रोना रोते हैं, मगर स्थिति है कि सड़कों पर तैनात ट्रैफिक पुलिसकर्मी भी सही से अपनी ड्यूटी नहीं निभाते. भीड़-भाड़ भरे क्षणों में भी उनको सड़क किनारे बैठ कर खैनी लगाते या ठेला-रिक्शा चालकों से पैसा वसूलते देखा जा सकता है. चिरैयाटांड़ पुल सहित कई चौराहों पर ट्रैफिक जवान यातायात संचालन की बजाय वाहन चालकों से जुर्माना वसूलने में ज्यादा व्यस्त दिखते हैं. उनकी ड्यूटी वाहनों को पकड़ कर अपने अधिकारी के पास लाने की होती है. बुधवार को ‘ प्रभात खबर ’ ने शहर की ट्रैफिक व्यवस्था का जायजा लिया. पेश है उसकी कुछ तसवीर…

जाम के ये हैं कुछ प्रमुख कारण
शहर के चौक -चौराहों पर टेंपो चालक सवारियों को लेने के लिए अपनी गाड़ियों को लगाते है. कई टेंपो ऐसे ही सवारी को उठाते है. बगल में ट्रैफिक पुलिस का जवान रहता है लेकिन वह टेंपो को आगे बढ़ाने की जरूरत नहीं समझता. यह हाल लगभग चौक -चौराहों का है. ओल्ड बाइपास की बात करें तो एनएमसीएच कॉलेज के सामने, राजेंद्र नगर पुल के नीचे, कंकड़बाग कॉलोनी मोड़ पर यही स्थिति रहती है. इसके कारण इन टेंपों के पीछे वाहनों की लंबी लाइन लग जाती है. इसके अलावा बोरिंग रोड चौराहा, कारगिल चौक, राजापुर मैनपुरा, कुर्जी मोड़ पर भी कमोबेश यही स्थिति रहती है.

जेब्रा क्रॉसिंग कुछ चौक -चौराहों पर बनाये गये, इसके साथ ही उसे पार करने वालों पर कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया. लेकिन वाहन जेब्रा क्रॉसिंग पार कर अपने वाहनों को लगा रहे है. ट्रैफिक पुलिस उन पर कार्रवाई नहीं कर रही है.

बाइकर्स अभी भी काफी तेजी से अपने वाहनों को चला रहे है. पुलिस ने इन बाइकर्स को पकड़ने के लिए एंटी रेस ड्राइविंग सेल का गठन कर दिया है. लेकिन बाइकर्स को पकड़ने की बजाय सीधे-सादे दोपहिया वाहनों को पकड़ कर उनकी रैश ड्राइविंग की रसीद काट दी जा रही है.

आर ब्लॉक गेट बंद होते ही कई मुख्य मार्गो में जाम लग जाता है. जीपीओ गोलंबर, बुद्ध मार्ग, अदालतगंज मार्ग, इंकम टैक्स गोलंबर पर जाम की स्थिति हो जाती है. इसे नियंत्रित करने में यातायात पुलिस फेल हो जाती है.

पुलिस 20 एल्कोहल ब्रेथ एनलाइजर के होने की बात करती है. लेकिन इसके द्वारा काफी कम चेकिंग करायी जाती है. जिसके कारण नशे में वाहन चलाने वालों की कमी नहीं हो रही है.

क्या कहा था कोर्ट ने
पिछली सुनवाई में पटना उच्च न्यायालय ने शहर की यातायात व्यवस्था पर गहरी नाराजगी जतायी थी. कोर्ट ने कहा कि यातायात व्यवस्था सुचारु ढंग से चलाने कोई अधिकारी जिम्मेवार नहीं दिखता. अभी भी शराब पीकर गाड़ी चलायी जा रही है. सड़कों पर कोई भी यातायात सिगAल नहीं है. कम उम्र के लड़के अभी भी गाड़ी चलाते दिखते हैं और बिना नंबर प्लेट की गाड़ियां चल रही है. हाइकोर्ट की खंडपीठ ने कहा कि सरकार के अधिकारी बकवास दावा कर रहे हैं. कोर्ट ने यह भी टिप्पणी की थी कि यहां अधिकारी और ट्रैफिक संभालने वाले कर्मी नॉर्मल ड्यूटी भी नहीं कर पा रहे हैं.

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