दिनेश का परिवार भुखमरी के कगार पर

– अभय – दुल्हिनबाजार : प्रखंड के छोटे- से गांव सफरुदीनपुर के निवासी दिनेश यादव ने दिल्ली में अन्ना आंदोलन के समय 2011 में आत्मदाह कर अन्ना हजारे की बात को केंद्र सरकार को सुनाने का प्रयास किया था. उनके आत्मदाह की घटना ने सरकार को हिला कर रख दिया था. आज उस आंदोलन के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 13, 2014 4:43 AM

– अभय –

दुल्हिनबाजार : प्रखंड के छोटे- से गांव सफरुदीनपुर के निवासी दिनेश यादव ने दिल्ली में अन्ना आंदोलन के समय 2011 में आत्मदाह कर अन्ना हजारे की बात को केंद्र सरकार को सुनाने का प्रयास किया था. उनके आत्मदाह की घटना ने सरकार को हिला कर रख दिया था.

आज उस आंदोलन के बाद की की बानगी दिल्ली में देखने को मिल रही है. अन्ना का साथ देनेवाले केजरीवाल आज दिल्ली के मुख्यमंत्री तो बन गये, लेकिन आज दिनेश यादव का पूरा परिवार भुखमरी के कगार पर है, जिन्हें देखनेवाला कोई नहीं हैं.

दिनेश के भाई बृजमोहन ने बताया कि 23 अगस्त को उन्होंने आत्मदाह की थी. इलाज के दौरान 29 अगस्त की सुबह आठ बजे उनकी मौत हो गयी थी. 8दो दिनों के बाद उनका शव दिल्ली से यहां लाया गया था.

उस समय यहां सांसद रंजन यादव, रामकृपाल यादव, सीपी ठाकुर, स्थानीय विधायक उषा विद्यार्थी सहित कई नेता आये और उनके नाम का पक्की सड़क, आदमकद प्रतिमा स्थापित करने आदि घोषणाएं कीं, लेकिन कुछ हो नहीं पाया. आज उनके छोटे-छोटे बच्चों को मजदूरी करनी पड़ रहा है.

बच्चों में गुड्डू (14 वर्ष), पूजा (12 वर्ष) , भारती (10 वर्ष), सोहिल (8 वर्ष ) व अमन(4 वर्ष) शामिल हैं. गुड्डू ने बताया कि पापा के नहीं होने के वजह से पूरे परिवार की जिम्मेवारी उस पर ही है. इसके लिए उसे मजदूरी करनी पड़ रही है.

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