पटना: विधान परिषद में पार्षद प्रेमचंद मिश्रा के ध्यानाकर्षण के जवाब में सरकार ने बताया है कि एम्स, दरभंगा के निर्माण के लिए 200.02 एकड़ भूमि सभी संरचनाओं सहित भारत सरकार को नि:शुक्ल हस्तांतरण के लिए स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है.
इसमें से प्रथम चरण में 81 एकड़ भूमि का भौतिक हस्तांतरण किया जा चुका है. एम्स दरभंगा को हस्तांतरित की जाने वाली 75 एकड़ भूमि पर मिट्टी भराई का कार्य किया जा रहा है.इसका 80 फीसदी काम पूरा हो चुका है. भूमि हस्तांतरण के बाद केंद्र सरकार की तरफ से निविदा प्रकाशित कर निर्माण एजेंसी का चयन किया जाना है.
उल्लेखनीय है कि विधान पार्षद प्रेम चंद्र मिश्रा ने दरभंगा जिला में एम्स खोलने की घोषणा के आलोक में निर्माण कार्य कराने के संदर्भ में सरकार का ध्यान आकृष्ट किया था. मिश्रा ने अपने सवाल में बताया था कि एम्स दरभंगा में अभी तक कोई काम नहीं हुआ है. जबकि उसी के साथ देवघर और रोजकोट में एम्स निर्माण का काम पूरा हो चुका है. वहां चिकित्सा की पढ़ाई शुरू हो चुकी है.
बता दें कि दरभंगा एम्स अस्पताल 750 बेड का होगा. इसके निर्माण पर 1,264 करोड़ रुपए की लागत आएगी जिसे लगभग 48 महीने में बनकर तैयार होना था, मगर यह तय समय से काफी लेट है. दरभंगा एम्स में एमबीबीएस की 100 सीटें, बीएससी नर्सिंग की 60 सीटें निर्धारित की गई हैं. इसमें 15 से 20 सुपर स्पेसिलिटी डिपार्टमेंट भी होगा. इसका निर्माण प्रधानमंत्री स्वास्थ्य सुरक्षा योजना के तहत किया जाएगा. गौरतलब है कि दरभंगा एम्स बनने से प्रत्यक्ष रूप से करीब 3,000 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है. साथ ही बिहार के साथ-साथ पड़ोसी देश नेपाल के भी मरीजों को इसका लाभ मिलेगा.