असम के सीएम का पुतला फूंका

सीवान/पचरुखी असम में बोडो उग्रवादी द्वारा बस से नीचे उतार कर पांच बिहारी की हत्या किये जाने के विरोध में विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आये. उन्होंने असम के सीएम व प्रशासन का पुतला फूंक विरोध जताया. इस दौरान उन्होंने सीएम व प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये. रविवार को डीएवी मोड़ पर छात्र […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 19, 2014 10:55 PM

सीवान/पचरुखी

असम में बोडो उग्रवादी द्वारा बस से नीचे उतार कर पांच बिहारी की हत्या किये जाने के विरोध में विभिन्न पार्टियों के कार्यकर्ता सड़क पर उतर आये. उन्होंने असम के सीएम व प्रशासन का पुतला फूंक विरोध जताया. इस दौरान उन्होंने सीएम व प्रशासन मुर्दाबाद के नारे लगाये. रविवार को डीएवी मोड़ पर छात्र राजद के नेता अफजल इकबाल की अध्यक्षता में असम के मुख्यमंत्री और असम प्रशासन का पुतला दहन किया गया. असम प्रशासन होश में आओ, बिहारियों की हत्या बंद करो, असम के मुख्यमंत्री मुर्दाबाद के नारे लगाये.

पचरुखी संवाददाता के अनुसार, असम में हुए हत्याकांड के विरोध में समाजसेवी महताब अली की अध्यक्षता में असम के मुख्यमंत्री व प्रशासन का पुतला दहन किया गया. कार्यकर्ताओं ने अत्याचार रोकने व मृतक के परिजनों को उचित मुआवजा देने की मांग की.

जाको राखे साईयां मार सके न कोय

जीरादेई. असम के कोकरा झाड़ जिले में जिले के भगवानपुर थाने के एक युवक की हत्या बोडो उग्रवादियों द्वारा कर दी गयी. वहीं, इसी बस में यात्र कर रहे जिरादेई थाने के ओझा के बढ़ेया निवासी रामानंद ओझा बाल-बाल बच गये. श्री ओझा को पैर में गोली लगी और गंभीर रूप से घायल हो गये. उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है. बताते चलें कि श्री ओझा असम के सोनीतपुर जिले के विश्वनाथ चारियाल स्थित एक मंदिर में पुजारी हैं. मकर संक्रांति के अवसर पर वे अपने गांव आये थे और वापस चारियाली जा रहे थे. इसी बीच रास्ते में ही उग्रवादियों ने उस बस पर हमला कर दिया, जिसमें श्री ओझा सवार थे. बस से उतार कर हिंदी भाषियों को उग्रवादियों ने गोली मार दी. श्री ओझा को भी गोली लगी. परंतु, भाग्य ने उनका साथ दिया और गोली उनके पैर में लगी. घटना की सूचना मिलते ही श्री ओझा के बड़े भाई कन्हैया ओझा असम के लिए रवाना हो गये. रामानंद ओझा के भतीजा ने बताया कि उनके चाचा कई वर्षो से असम रहते हैं. उनको एक पुत्र एवं एक पुत्री है. ओझा के परिवार वालों ने भगवान का धन्यवाद दिया, जिनके आशीर्वाद से उनकी जान बच गयी.

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