5000 बोरा नकली सीमेंट जब्त

पटना : पटना में बड़े पैमाने पर लफार्ज व बिरला जैसी नामी कंपनियों के नाम पर नकली सीमेंट धड़ल्ले से बनाया जा रहा है. रविवार को इसका खुलासा उस समय हुआ, जब एसएसपी के निर्देश पर रामकृष्णा नगर के थानाध्यक्ष राघव दयाल ने चमनचक में चार मीनार एस्बेस्टस कैंपस स्थित तीन गोदामों में छापेमारी पांच […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 20, 2014 4:18 AM

पटना : पटना में बड़े पैमाने पर लफार्ज व बिरला जैसी नामी कंपनियों के नाम पर नकली सीमेंट धड़ल्ले से बनाया जा रहा है. रविवार को इसका खुलासा उस समय हुआ, जब एसएसपी के निर्देश पर रामकृष्णा नगर के थानाध्यक्ष राघव दयाल ने चमनचक में चार मीनार एस्बेस्टस कैंपस स्थित तीन गोदामों में छापेमारी पांच हजार बोरा नकली सीमेंट बरामद किया.

हालांकि, शिवजी प्रसाद की जमीन पर बने इन तीनों गोदामों के मालिक रंजेश, बिगलू, रंजीत व राजू मौके से फरार हो गये. लेकिन, पुलिस ने दो गोदाम मालिकों-रंजेश व बिगलू के मुंशी शैलेश कुमार व नवल किशोर को हिरासत में ले लिया. रंजेश भागलपुर का और बिगलू झारखंड का रहनेवाला है, जबकि रंजीत व राजू के संबंध में छानबीन जारी है.

बरामद सीमेंट के बोरों को जांच के लिए प्रयोगशाला में भी भेजा जायेगा. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि चारों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कर गिरफ्तार करने के लिए छापेमारी की जा रही है.

पूरे सूबे में होती थी सप्लाइ

पकड़े गये मुंशी शैलेश व नवल किशोर से पुलिस को जानकारी मिली है कि इन गोदामों से तीन साल से यह गोरखधंधा किया जा रहा था. यहां का बना नकली सीमेंट पूरे बिहार में सप्लाइ किया जाता था. हाल में ही इन लोगों ने सीमेंट की एक खेप मुजफ्फरपुर व वैशाली भी भेजी थी.

यही नहीं, पटना में कई दुकानों में भी सप्लाइ की जाती थी. पुलिस इस बात की छानबीन कर रही है कि इन धंधेबाजों का किस-किस दुकानदारों से संपर्क था और कौन-कौन इन लोगों से सीमेंट की खरीद कर बाजार में बेचते थे. पुलिस को आशा है कि छानबीन के बाद इस धंधे से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा किया जा सकता है.

डबल कमाई

ये धंधेबाज बाजार से काफी कम कीमत पर निम्न स्तर का सीमेंट खरीदते थे और फिर उसे लफार्ज व बिरला के लेबल लगे बोरों में भर कर सिलाई कर देते थे. इन कंपनियों के सीमेंट के खाली बोरे ये लोग कबाड़ी व बोरा खरीदनेवाले व्यवसायियों से खरीदते थे.

ये लोग 50 किलो के निम्न क्वालिटी के सीमेंट को डेढ़-दो सौ रुपये में खरीदते थे और नामी कंपनियों के बोरों में भर कर इसकी दोगुनी कीमत लेते थे. मालूम हो कि किसी भी नामी कंपनी का सीमेंट प्रति बोरा तीन चार सौ से कम नहीं है.

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