अब आपकी हर गतिविधि पर तीसरी आंख की नजर है. यह आंख सीसीटीवी कैमरे के रूप में शहर के कोने-कोने में है. जिसके माध्यम से एसएसपी, सिटी एसपी समेत कंट्रोल रूम में बैठे तीन दर्जन पुलिस कर्मी आपकी गतिविधियों को देख रहे हैं. अगर थोड़ी-सी भी गलती की, तो आपका बचना काफी मुश्किल है. इसमें आम लोगों के साथ ड्यूटी पर लगे कर्मचारी भी शामिल हैं. सीसीटीवी कैमरा लगने के बाद इसका फायदा भी अब नजर आने लगा है. इसकी मदद से अपराध व यातायात नियंत्रण में काफी मदद मिल रही है.सड़क पर तरह-तरह के रोचक दृश्य भी कैमरे में कैद हो रहे है. जानिए कैसे काम कर रहे हैं ये कैमरे.
यातायात नियंत्रण
रूट डायवर्ट: सीसीटीवी कैमरे की मदद से अब रूट डायवर्ट भी किया जा रहा है. अगर कोई जुलूस गांधी मैदान से डाकबंगला चौराहा, स्टेशन होते हुए आर ब्लॉक गेट की ओर बढ़ता है, तो तय है कि गेट को बंद कर दिया जायेगा. इसके पूर्व ही सीसीटीवी कैमरे से उस जुलूस की निगरानी शुरू कर दी जाती है. जैसे ही वह जुलूस जीपीओ गोलंबर को पार कर आर ब्लॉक गेट के समीप पहुंचने लगती है, वैसे ही गेट बंद कर दिया जाता है. लेकिन जुलूस के जीपीओ गोलंबर पर पहुंचते ही मीठापुर आरओबी पर एक यातायात पुलिस के जवान की तैनाती कर दी जाती है.
यह जवान करबिगहिया की ओर से मीठापुर आरओबी होते हुए आर ब्लॉक की ओर जाने वाले वाहनों को बुद्धमार्ग की ओर जाने का इशारा करते हैं. इसके साथ ही बुद्ध मार्ग अदालतगंज मार्ग चौराहे पर भी यातायात पुलिस की टीम पहुंच जाती है, जो बुद्ध मार्ग से अदालतगंज होते हुए वाहनों को निकालने में मदद करती है. इसी प्रकार, फुलवारी की ओर से आनेवाले ऑटो व अन्य वाहनों को वीरचंद पटेल मार्ग व अदालतगंज मार्ग होते हुए बुद्धमार्ग की ओर जाने दिया जाता है. सीसीटीवी कैमरे में अगर डाकबंगला चौक पर जाम की स्थिति नजर आती है, तो तुरंत ही एसपी वर्मा रोड पर तैनात यातायात पुलिस के जवान को वायरलेस के माध्यम से एसपी वर्मा रोड से गांधी मैदान-छज्जूबाग होते हुए वाहनों को निकालने का आदेश दिया जाता है.
बीच सड़क पर खड़े वाहनों पर कार्रवाई
केस (1) पीरबहोर थाने के समीप एक झारखंड की गाड़ी खड़ी थी. उसके निकट दो लोग संदिग्ध स्थिति में टहल रहे थे. गाड़ी रहने के कारण अशोक राजपथ पर यातायात में व्यवधान हो रहा था. एसएसपी ने सीसीटीवी के फुटेज में जब देखा, तो छानबीन करने का आदेश दिया. उनके आदेश पर पुलिस टीम पहुंची और गाड़ी के कागज के साथ ही लोगों का भी सत्यापन किया. इसके बाद सड़क किनारे गाड़ी लगाने के लिए जुर्माना वसूल कर छोड़ा गया.
केस (2) आयकर गोलंबर पर एक प्रेस की स्टिकर लगी गाड़ी खड़ी थी. एसएसपी ने अपने कमरे में एलसीडी स्क्रीन पर गाड़ी को देखा और वायरलेस पर तुरंत ही उसे सड़क किनारे करने का आदेश दिया. इस पर कुछ ही देर में कोतवाली थाने की पुलिस जीप वहां पहुंची. लेकिन गाड़ी में केवल चालक और जवान थे. ड्यूटी पर तैनात पुलिस अधिकारी नदारद थे. उक्त जवान ने प्रेस की स्टिकर लगी गाड़ी को साइड में कर दिया. दूसरी ओर, एसएसपी ने नदारद रहनेवाले पुलिस अधिकारी को कार्य में कोताही के आरोप में निलंबित कर दिया.
..और लगा ठहाका
इनकम टैक्स गोलंबर पर फलों की दुकान है. लेकिन, उन दुकानदारों को पता नहीं कि उन्हें तीसरी आंख से भी देखा जा रहा है. एक दुकानदार मुंह खोल कर खर्राटा भर रहा था. अचानक ही पुलिस अधिकारियों की नजर सीसीटीवी कैमरे के वीडियो फुटेज पर पड़ी. उसके सोने के अंदाज से पुलिस अधिकारियों के बीच जम कर ठहाका लगा.
अब तक लगे 140 कैमरे
शहर से लेकर फतुहा तक 140 सीसीटीवी कैमरे लगाये जा चुके हैं. अभी 20 और कैमरे विभिन्न जगहों पर लगाये जाने बाकी हैं. यह व्यवस्था सिटी सर्विलांस सिस्टम ‘डायल 100’ योजना के तहत की गयी है. इन कैमरों की खास बात यह है कि बिना बिजली के भी ये कैमरे 12 घंटे तक आसानी से काम करेंगे.
यातायात व अपराध नियंत्रण के लिए लगाये गये इन सीसीटीवी कैमरों का रिजल्ट मिलना भी शुरू हो गया है. इन कैमरों के लिए अलग से कंट्रोल रूम बनाया गया है, जिसमें कई पुलिस पदाधिकारियों की तैनाती क र दी गयी है. यही नहीं, कंट्रोल रूम में लगे एलसीडी स्क्रीन पर एसएसपी व सिटी सह ट्रैफिक एसपी की भी नजर रहती है. वीडियो फुटेज के आधार पर सड़क जाम करने वालों की भी पहचान की जा रही है और उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जा रही है. एसएसपी मनु महाराज ने बताया कि सीसीटीवी से अपराध व यातायात नियंत्रण में काफी मदद मिल रही है.
कैमरे ने किया खुलासा
कई ऐसे मामले हैं, जिनमें सीसीटीवी कैमरे की मदद से पुलिस को सफलता हाथ लगी. अभी हाल में ही पुलिस टीम ने सीसीटीवी की मदद से पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी के ग्वाला गिरोह व तमिलनाडु के तिरुचिरापल्ली गिरोह के दो-दो सदस्यों को पकड़ने में सफलता प्राप्त की. वीडियो फुटेज से अपराधियों की तसवीरें पुलिस को तुरंत ही हाथ लग गयी थीं. इसके अलावा बिल्डर शैलेश सिंह हत्याकांड व पटना सिटी में हुए चिकित्सक हत्या मामले में भी पुलिस को सीसीटीवी से ही सफलता हाथ लगी थी.
पुलिसकर्मी भी रहते कंट्रोल में : शहर में तमाम जगहों पर तैनात पुलिसकर्मियों पर भी सीसीटीवी कैमरे की मदद से नजर रखी जा रही है. खास बात यह है कि सीसीटीवी के डर से चौक -चौराहे व अन्य जगहों पर तैनात पुलिसकर्मी अपनी जगह से हिल तक नहीं रहे हैं, क्योंकि उनके दिल में इस बात का खौफ है कि अधिकारी उनकी हरकत को सीसीटीवी के माध्यम से लगातार देख रहे हैं.
15 जनवरी को बोरिंग रोड चौराहे पर पुलिसकर्मियों द्वारा नाजायज वसूली करने का मामला सामने आया था. एसएसपी ने दो पुलिसकर्मियों की करतूत को सीसीटीवी कैमरे से देखा और औचक निरीक्षण कर एक अवर निरीक्षक, एक सिपाही व एक गृहरक्षक को निलंबित कर दिया था.