फर्जीवाड़ा: सीबीएसइ से डिएफिलिएडेट स्कूल चला रहे गोरखधंधा, लाखों का है बिजनेस
पटना : राजधानी के सीबीएसइ स्कूलों में नंबर बढ़ाने और एडिमशन का भारी फर्जीवाड़ा चल रहा है. स्कूल पचास हजार रुपये में दसवीं में 10 सीजीपीए देने का ठेका ले रहे हैं. साथ ही फ्लाइंग कैंडिडेट के रूप में फॉर्म भरवाने की गारंटी भी दी जा रही है. जिन स्कूलों की मान्यता सीबीएसइ ने रद्द […]
By Prabhat Khabar Digital Desk |
July 16, 2016 5:49 PM
पटना : राजधानी के सीबीएसइ स्कूलों में नंबर बढ़ाने और एडिमशन का भारी फर्जीवाड़ा चल रहा है. स्कूल पचास हजार रुपये में दसवीं में 10 सीजीपीए देने का ठेका ले रहे हैं. साथ ही फ्लाइंग कैंडिडेट के रूप में फॉर्म भरवाने की गारंटी भी दी जा रही है. जिन स्कूलों की मान्यता सीबीएसइ ने रद्द कर दी है, उन स्कूलों में यह खूब हो रहा है. मान्यता रद्द होने के बाद भी वे खुद को एिफिलएटेड होने का दावा कर अभिभावकों को गुमराह कर रहे हैं. दसवीं में एडिमशन भी लिया जा रहा है. छात्रों का फॉर्म पटना या पटनाके बाहर मान्यता प्राप्त स्कूलों से भरवाने का दावा भी किया जा रहा है. यह सच्चाई प्रभात खबर के स्टिंग ऑपरेशन में सामने आयी है. कुछ स्कूल तो कंसेलटेंसी बनाकर इस गोरखधंधे को अंजाम दे रहे हैं. शासन और बोर्ड इस पूरे फर्जीवाड़े से बेखबर है. स्कूल अभिभावकों से लाखों की वसूली कर रहे हैं. एफिलिएटेडस्कूल ऐसे स्कूलों को फजीवाड़े में मदद कर रहे हैं. स्कूल अलॉटेड सीट से अधिक पर एडिमशन ले रहे हैं, जिसकी जांच करने वाला कोई नहीं है. स्टिंग में एडिमशन का दावा करनेवाला स्कूल का डायरेक्टर बोर्ड की मिलीभगत की बात भी कह रहा है. बिहार बोर्ड में इसी तरह के घोटाले की जांच अभी पूरी भी नहीं हुई है कि इस तरह के फर्जीवाड़े ने राज्य के शिक्षा व्यवस्थापर सवालिया निशान खड़ा कर दिया है. पिछले साल सीबीएसइ ने सैकड़ों फ्लाइंग कैंडिडेट का रिजल्ट रोक दिया था, जिसके बाद अभिभावक व छात्रों ने बोर्ड के क्षेत्रीय कायार्लय में कई दिनोंतक धरना भी दिया था. इसके बाद भी बोर्ड सजग नहीं हुआ है.
बिहार बोर्ड का भी ऑप्शन दे रहे हैं
अंतिम वक्त में फॉर्म कैंसिलेशन जैसी आशंका से बचने के लिए प्राचार्य बिहार बोर्ड से दसवीं करवाने का भी ऑप्शन दे रहे हैं. मोटी रकम वसूलने के बाद मासिक शुल्क वसूलने के लिए बच्चे को खुद के स्केल से रेगुलर पढ़ाने का दबाव भी डाल रहे हैं. फर्जीवाड़े को सामने लाने के लिए प्रभात खबर के रिपोर्टर ने उन स्कूलों की हकीकत जानने की कोशिश की, जिनकीमान्यता इस साल या उससे पहले रद्द कर दी गयीहै. पढ़िए स्टिंग ऑपरेशन में बातचीत के अंश….
नेशनल कॉन्वेंट हाइ स्कूल, बीएम दास रोड
पड़ताल के क्रम में हम पहुंचे बीएम दास रोड स्थित नेशनल कॉन्वेंट हाइ स्कूल, जहां एडिमशन के बारे में पूछे जाने पर पता चला कि एडिमशन का काम खजांची रोड स्थित अनुपमाहॉस्पिटल के पास डायरेक्टर के दफ्तर में होता हैं. वहीं सारे डॉक्यूमेंट्स रखे जाते हैं. डायरेक्टर का नाम खान सर बताया गया.
रिपोर्टर : सीबीएसइ दसवीं में एडिमशन चाहिए. होजायेगा क्या?
डायरेक्टरः नहीं… नहीं होगा. दसवीं में एडिमशनहोता है क्या? यहां गलत काम नहीं होता है.
रिपोर्टरः कोई उपाय निकाल दीजिए. बहुतजरूरी है.
(डायरेक्टर अॅाफिस के किसी स्टाफ को बुलाताहै फिर दो लड़के को सीबीएसइ में डायरेक्टइंट्री की बात फोन पर किसी से कंफर्म करने कोकहता है.)स्टाफ (थोड़ी देर बाद): सर हो जायेगा. लेकिनपैसा बहुत लगेगा.(डायरेक्टर रिपोर्टर को बाहर जाने को कहता है
और फिर स्टाफ से बात करने लगता है. थोड़ीदेर बाद डायरेक्टर रिपोर्टर को बुलाता है.)
डायरेक्टरः 50000 रुपये लगेंगे. इससे एकरुपये कम नहीं लगेगा. टीसी नहीं है तो उसेबनाने का अलग चार्ज लगेगा. मंजूर है, तो पैसेलेकर आ जाइयेगा.
रिपोर्टरः कहां से फॉर्म भरवाइएगा सर…?नेशनल कॉन्वेंट से…?
डायरेक्टरः पटना के किसी स्कूल से भरवा देंगे.नाम नहीं बता सकते हैं. अगर काम करवाना हैतो कल तक पचास हजार रुपये जमा कर देना.पढ़ाई नेशनल कॉन्वेंट से करवा देंगे. 1500रुपये महीना लगेगा.
रिपोर्टर परीक्षा कहां होगी सर…? कितनानंबर मिलेगा इतना खर्च करने के बाद…?
डायरेक्टरः परीक्षा हमारे स्कूल में ही होगा.सब कुछ यहां होगा. होम बेस्ड परीक्षा करवायेंगे.
10 सीजीपीए से कम नहीं मिलेगा. गारंटी.काम पक्का होगा. सीबीएसइ बोर्ड अॅाफिस से
टाइअप है हमारा.
शेरवुड स्कूल, राजीव नगर रोड नंबर 6
रिपोर्टरः 10वीं में एडिमशन चाहिए. कोई उपाय…?
प्रिंसिपलः नहीं, यहां दसवीं में कोई एडिमशन नहीं होता है. डायरेक्ट एडिमशन नहीं होता है.
रिपोर्टरः आप लोग दूसरे स्कूल से भरवाने का इंतजाम कर देते हैं न?कुछ मेरा भी उपाय लगा दीजिए.
प्रिंसिपलः कुछ उपाय लग सकता है. कल आइए… हम कन्फर्म बता देंगे.
रिपोर्टरः आप अपने स्टूडेंट्स का तो भरवाते ही होंगे न. उसमें मेरा भी जोड़ दें. पैसा बता दीजिए, कितना लगेगा.
प्रिंसिपलः कल सब कुछ बता देंगे,कितना देना पड़गा.क्या करना होगा. सबकुछ.
रिपोर्टरः आप इसी स्कूल से फॉर्मभरवाते हैं न या कहीं और से टाइअपहै?
प्रिंसिपलः हमलोग तो एडिमशन लेते नहीं है. हमलोगों का पटना के किसी स्कूल से टाइअप है. डायरेक्टर सर के फ्रेंड हैं, उसी से स्कूल से फॉर्म भरवायेंगे. हमलोग इतना मैनेज कर लेते हैं.
रिपोर्टरः पढ़ना कहां होगा कैंडिडेट को…?
प्रिंसिपलः पढ़ाई इसी स्कूल में कर लेगा. मंथली फीस 1300 रुपयेलगेंगे. कागज पर उस स्कूल का छात्र होगा, फॉर्म भी वहां से भरवा दिया जायेगा.
न्यू दिल्ली पब्लिक स्कूल, एसकेपुरी, एएन कॉलेज के सामने
रिपोर्टरः 10वीं में एडिमशन हो जायेगा क्या?
इंचार्ज : नहीं, टेंथ में एडिमशन नहीं होता है.
रिपोर्टरः आप लोग तो करवा देतेहैं न सर.
इंचार्ज: तब तो आपको सर से बात
करना होगा. सर चाहें तो करवा
सकते हैं.
रिपोर्टरः आपका स्कूल में टेंथ में बच्चेतो पढ़ते ही होंगे न?
इंचार्ज : हां पढ़ते हैं.
रिपोर्टरः सर, यह स्कूल सीबीएसइ
से एिफिलयेटेड है क्या?
इंचार्ज : पहले था, लेकिन अबनहीं है.
रिपोर्टरः तो आप यहां पढ़ने वाले बच्चे का फॉर्म कहां से भरवाते हैं?
इंचार्ज: आप इतनी इंक्वायरी मत कीजिए. वो सब काम डायरेक्टर सर देखते है. मैं नहीं देखता. वही सबकुछ करते हैं. आपको जो कहना है, उनसे मिल कर कह दीजियेगा. वो काम करवा देंगे. अभी पटना से बाहरहैं. 20 को आइयेगा. हम लोग सिर्फ अपने बच्चे को फॉर्म भरवाते हैं. दूसरे का नहीं.