बदले राजनीतिक समीकरण में बिहार के विकास के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को एक-दूसरे पर जम कर निशाना साधा. किशनगंज में एएमयू की शाखा के शिलान्यास के बाद सभा को संबोधित करते हुए सोनिया ने विकास के मामले में बिहार से भेदभाव के आरोप से इनकार किया और दावा किया कि 10 वर्षो में बिहार को एक लाख 34 हजार करोड़ की राशि दी गयी है. इधर, नीतीश कुमार ने कहा कि केंद्र ने बिहार को कोई अतिरिक्त राशि नहीं दी है. उन्होंने सवाल किया कि जब विशेष दर्जा ही नहीं दिया, तो कैसा विकास? साथ ही उन्होंने कांग्रेस को चुनौती दी कि यदि वह हमारी सरकार से समर्थन वापस लेना चाहती है, तो वह ले ले. हमें कोई डर नहीं है.
बिहार के विकास में हमने हर तरह से समर्थन दिया : सोनिया
अजीत, किशनगंज: कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कहा कि केंद्र की यूपीए सरकार ने बिहार के विकास में कोई कोताही नहीं बरती है. पिछले 10 साल के यूपीए के शासनकाल में बिहार को एक लाख 34 हजार करोड़ से अधिक राशि दी गयी. राशि का सही तरीके से खर्च हो, यह राज्य सरकार की जिम्मेवारी है. वह गुरुवार को किशनगंज के पास चकला में अलीगढ़ मुसलिम विश्वविद्यालय की शाखा का शिलान्यास करने के बाद रुइधासा मैदान में जनसभा को संबोधित कर रही थीं. सोनिया गांधी ने कहा कि यूपीए और कांग्रेस ने कभी अपनी नीति और कार्यक्रम से कोई समझौता नहीं किया है. यूपीए ने किसी राज्य के साथ कोई भेदभाव नहीं किया है. हालांकि, 15 मिनट के अपने संबोधन में सोनिया ने बिहार को विशेष राज्य के दज्रे के मुद्दे की कोई चर्चा नहीं की.
उन्होंने भाजपा या नरेंद्र मोदी का बिना नाम लिये कहा कि कुछ दल के लोग सिर्फ कुरसी के लिए राजनीति करते हैं. उन्हें देश की तरक्की से उनका कोई सरोकार नहीं है. आज देश एक नाजुक दौर से गुजर रहा है. हमें तय करना है कि हम बड़े दिलवाले के साथ जायेंगे या संकीर्ण सोच वाले के साथ. कांग्रेस सर्वधर्म समभाव में विश्वास रखती है. हम इसे मजबूत करते रहेंगे. तरक्की के लिए भाईचारा व अमन चैन जरूरी है. समाज को बांटनेवाली ताकतों से होशियार रहने की जरूरत है. उन्होंने अपने संबोधन की शुरुआत राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद करते हुए की और कहा, आज सांप्रदायिकता से लड़ने व उसके खात्मे के संकल्प का दिन है. सांप्रदायिक ताकतें हमें गुमराह कर रही है व अपने देश की बुनियादी मान्यता को कमजोर कर रही है. सांप्रदायिकता से समाज में भाईचारा खतरे में पड़ेगा, इसलिए हम सभी को एकजुट होकर सांप्रदायिकता से लड़ना होगा.
एएमयू की शाखा की स्थापना का श्रेय स्थानीय कांग्रेस सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी देते हुए सोनिया ने कहा कि यह किशनगंज व सीमांचल के विकास में एक नयी इबारत है. इससे आधुनिक शिक्षा का प्रसार तेजी से होगा. बिहार शिक्षा का पुराना केंद्र रहा है. इस विरासत को और मजबूत बनाना है. शिक्षा और विकास का लाभ समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति को मिले, यही हमारी सोच है.
महिलाओं व अल्पसंख्यकों के कल्याण व विकास पर चर्चा करते हुए कहा कि सर्व शिक्षा अभियान व शिक्षा का अधिकार कानून के जरिये लोग शिक्षित हो रहे हैं. मदरसे में भी आधुनिक तालीम दी जा रही है. महिलाओं के विकास के लिए अनेक कार्यक्रम चलाये जा रहे हैं. उन्होंने खासकर मुसलिम समुदाय के लोगों से कहा कि वे सरकारी योजनाओं का लाभ उठाएं. अल्पसंख्यकों की संपत्ति की हिफाजत के लिए यूपीए सरकार संकल्पित हैं. सच्चर कमेटी की अधिकतर सिफारिशों को सरकार ने माना है. इसके लिए राष्ट्रीय वक्फ विकास कॉरपोरेशन की स्थापना की गयी है.
सांसद की मांगों को पूरा करने का प्रयास करूंगी : स्थानीय सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी ने किशनगंज में मेडिकल कॉलेज की स्थापना,अररिया-गलगलिया, किशनगंज-जलालगढ़ रेल लाइन निर्माण, सूरजापुरी, राजवंशी व कुल्हैया को ओबीसी का दर्जा देने की मांग की. इस पर सोनिया गांधी ने कहा कि एएमयू की स्थापना के लिए उन्होंने जिस तरह प्रयास किया, उसी तरह का प्रयास इन मांगों पर भी करूंगा.
25 करोड़ बच्चे स्कूल में : केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि मुल्क का हर बच्च पढ़े, शिक्षित हो, इसके लिए हमलोग संकल्पित हैं. 25 करोड़ बच्चे स्कूल में पढ़ रहे हैं.
सभा को कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अशोक चौधरी, कांग्रेस विधायक दल के नेता सदानंद सिंह, सांसद मौलाना असरारुल हक कासमी ने भी संबोधित किया. मंच पर कांग्रेस महासचिव सीपी जोशी, विधायक परेश धनानी, केएल शर्मा, स्थानीय विधायक डॉ जावेद आजाद, तौसीफ आलम आदि उपस्थित थे.
इसके पूर्व श्रीमती गांधी ने चकला में 137 करोड़ की लागत से बनने वाली एएमयू की शाखा का शिलान्यास किया. यह एएमयू की तीसरी शाखा है. शिलान्यास समारोह में सूबे के राज्यपाल डॉ डीवाइ पाटील, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार व केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू भी शामिल थे.
विशेष दर्जा नहीं दिया समर्थन वापस लेना है तो ले लें : नीतीश
पटना / किशनगंज: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने गुरुवार को कहा कि वह कांग्रेस की धमकी से डरने वाले नहीं हैं. कांग्रेस को दो टूक शब्दों में उन्होंने कहा कि वह जब चाहे समर्थन वापस ले ले. इससे हमें कोई फर्क नहीं पड़ता है और न ही हमें कोई डर है.
किशनगंज में एएमयू की शाखा के शिलान्यास से लौटने के बाद पटना में हवाई अड्डे पर मुख्यमंत्री ने कहा कि हम अपने सिद्धांतों से समझौता नहीं करेंगे. अगर सरकार गिरानी है, तो भाजपा और राजद मिल कर सरकार गिराएं. अगर वे (भाजपा-राजद) कहेंगे, तो विधानमंडल का विशेष सत्र भी बुला देंगे. मुख्यमंत्री इतने में ही नहीं रुके. कहा, बिहार के विकास के लिए केंद्र ने कोई अतिरिक्त सहायता नहीं दी है. जो भी सहायता मिली है, वह गाडगिल मुखर्जी फॉमरूला और फिर वित्त आयोग के सिफारिश से मिली है. झारखंड बंटवारे के समय बिहार पुनर्गठन विधेयक बना था. उसी की सहायता बिहार सरकार को मिल रही है.
इस बार वह राशि लेने के लिए बिहार सरकार का काफी मेहनत करनी पड़ी. मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए सवा करोड़ लोगों के हस्ताक्षरों से युक्त ज्ञापन प्रधानमंत्री को सौंपा गया है. केंद्र बिहार के लिए अगर कुछ करना ही था, तो विशेष राज्य का दर्जा क्यों नहीं दिया?. दो दिन पहले मुख्यमंत्री ने कांग्रेस पर 1984 के सिख दंगे और 1989 में भागलपुर के दंगों का दोषी बताया था. उन्होंने राहुल गांधी की बातों को भी दिखावा बताया था.
इससे पहले किशनगंज में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एएमयू की शाखा की स्थापना का श्रेय खुद को देते हुए कहा कि शिक्षा का अलख जगाने और इस इलाके से अशिक्षा का कलंक मिटाने के उद्देश्य से उन्होंने किशनगंज में एएमयू की शाखा की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर दिया था. वर्ष 2010 में ही जमीन उपलब्ध करा दी गयी थी. इसके बाद वे लगातार किशनगंज में एएमयू शाखा की स्थापना की मांग करते रहे हैं, परंतु उन्हें केंद्र द्वारा अपेक्षित सहयोग प्राप्त नहीं हो सका.
श्री कुमार ने कहा कि एएमयू के लिए जमीन देखने के वक्त ही उन्होंने अर्राबाड़ी में कृषि कॉलेज की स्थापना के लिए जमीन देखी थी. अर्राबाड़ी में कॉलेज भवन का निर्माण कार्य शुरू हो गया है, जबकि एएमयू सेंटर की अभी नींव ही पड़ी है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहले ही इस सत्र से पढ़ाई शुरू करने के लिए छात्रवास उपलब्ध करा चुकी है. आज इसी छात्रवास में बीएड की पढ़ाई हो रही है. श्री कुमार ने शुरू में आमंत्रण नहीं मिलने पर कहा कि मंत्री पीके शाही द्वारा मामले को उठाये जाने के बाद उन्हें समारोह में शामिल होने का आमंत्रण मिला है. श्री कुमार ने कहा कि पूर्व में एएमयू प्रशासन के द्वारा कॉलेज के साथ-साथ स्कूल स्थापना की भी बात कही गयी थी, परंतु फिलवक्त स्कूल नदारद दिख रहा है. श्री कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा एएमयू शाखा के लिए जिस राशि की व्यवस्था की गयी, वह ऊंट के मुंह में जीरे के फोरन के समान है. इस मौके पर नीतीश कुमार ने जल्द-से- जल्द निर्माण स्थल पर शाखा निर्माण किये जाने की मांग भी की.
सरकार को खतरा नहीं : समर्थन वापसी को लेकर कांग्रेस की धमकी पर जदयू भी मुख्यमंत्री के साथ दिखी. प्रदेश अध्यक्ष वशिष्ठ नारायण सिंह ने पटना में कहा कि सरकार को इससे कोई खतरा नहीं है. जून , 2013 में भाजपा से अलगाव के बाद जदयू की सरकार को कांग्रेस ने सदन के भीतर अपना समर्थन दिया था. 243 सदस्यों वाली बिहार विधानसभा में कांग्रेस के चार विधायक हैं. सरकार को बने रहने के लिए 222 विधायकों का समर्थन चाहिए. सदन में जदयू के 118 सदस्य हैं. उसे भाकपा के एक और चार निर्दलीय सदस्यों का भी समर्थन हासिल है. पार्टी सूत्रों के मुताबिक कुछ अदृश्य शक्तियां भी जदयू सरकार के साथ हैं, जो समय आने पर अपनी ताकत दिखलायेंगी.