स्त्री रोग विशेषज्ञों के सम्मेलन में बोले सीएम
पटना : राज काज संचालन की जानकारी देश को बिहार से ही मिलता रहा है. बिहार को कभी व्यापार के लिए नहीं जाना गया है. इसे दुनिया ने हमेशा ज्ञान की भूमि के रूप में देखा है. देश को दिशा देने वाला भी बिहार है. चाणक्य ने पहली बार राज काज संचालन के लिए नियम भी यहीं तैयार किया था. बिहार विभाजन के बाद खनिज तो झारखंड में चले गये,लेकिन विरासत बिहार में ही रह गयी. उक्त बातें रविवार को वेटेनरी कॉलेज परिसर में आयोजित ऑल इंडिया कांग्रेस ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गाइनोकोलोजिकल सोसाइटी के राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहीं.
बाहर निकलें, बदलाव करें महसूस : सम्मेलन के आयोजकों से आग्रह करते हुए कहा कि जो बिहार पहली बार आये हैं. वह तो सुनी बातों को देखते हुए बिहार का आकलन करेंगे. चिकित्सकों को सम्मेलन से समय निकाल कर बाहर घूमना चाहिए,ताकि उन्हें भी पता चले कि यहां कितना बदलाव आया है. उन्होंने कहा कि सम्मेलन में आये देश-विदेश के सभी चिकित्सक यहां से अच्छी यादें लेकर जाएं हम यही चाहते हैं. बिहार-झारखंड बंटवारे के समय बहुत से पदाधिकारी झारखंड चले गये, लेकिन जो यहां हैं उन्हें अफसोस नहीं हो रहा होगा. स्वास्थ्य के क्षेत्र में व्यापक बदलाव हुआ है. जिन अस्पतालों में मरीजों की भीड़ नहीं रहती थी, आज वहां चिकित्सकों को समय नहीं मिलता है. सीएम ने कहा कि हमारे समाज में बीमारी व कुरीतियां हैं.
क्योंकि शिक्षा का स्तर कम है. इसलिए हमने लड़कियों को स्कूल तक पहुंचाने के लिए साइकिल व पोशाक योजना शुरू की. इसका फायदा दिखा और लड़कियां स्कूल जाने लगीं. पढ़ाई के स्तर को बढ़ाने के लिए ग्राम पंचायतों में 12 वीं तक स्कूल खोले जा रहे हैं. भवनों का निर्माण कार्य शुरू हो चुका है. समाज में स्वच्छता का वातावरण बना रहे. इसके लिए वैसे लोग ही पंचायत चुनाव लड़ सकते हैं जिनके घर में शौचालय होगा. मिशन ह्यूमन डेवलपमेंट के जरिये बहुत से काम हो रहे हैं. इस कारण बिहार में मातृ-मृत्यु दर कम हुए हैं और हम राष्ट्रीय औसत के समीप हैं.
सुप्रीम कोर्ट की न्यायाधीश ज्ञान सुधा मिश्र ने कहा कि लोगों को अपना काम ईमानदारी से करना चाहिए. रेप मामले में मेडिकल रिपोर्ट सबसे अहम होती है. वह सही रहेगी, तो कोई आरोपित कैसे बच पायेगा. चिकित्सक समाज में ऐसा काम करें, जिसका फायदा पूरे देश को मिले. मौके पर सम्मेलन की अध्यक्ष डॉ शांति राय, सचिव डॉ मंजु गीता मिश्र, डॉ अनिता सिंह, डॉ सुप्रिया जायसवाल, डॉ सुचित्र एन. पंडित, डॉ मीना सामंत, डॉ सारिका राय, डॉ शिप्रा राय, डॉ हेमा दिवाकर , डॉ गोकुलचंद्र दास, डॉ रितु जोशी व डॉ शीला मानी समेत कई चिकित्सक मौजूद थे.