चुनावी मोड में आ रहा बिहार

बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सभी दल जोर-शोर से जुट गये हैं. जहां जदयू फेडरल फ्रंट के जरिये दिल्ली में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहता है, वहीं कांग्रेस-राजद-लोजपा सीटों के बंटवारे के लिए कोई सम्मानजनक रास्ता निकालने में जुटे हैं. सहरसा की संकल्प रैली में मुख्यमंत्री ने भाजपा को रोकने के लिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 7, 2014 8:03 AM

बिहार में लोकसभा चुनाव की तैयारियों में सभी दल जोर-शोर से जुट गये हैं. जहां जदयू फेडरल फ्रंट के जरिये दिल्ली में अपनी मजबूत उपस्थिति दर्ज करना चाहता है, वहीं कांग्रेस-राजद-लोजपा सीटों के बंटवारे के लिए कोई सम्मानजनक रास्ता निकालने में जुटे हैं. सहरसा की संकल्प रैली में मुख्यमंत्री ने भाजपा को रोकने के लिए फेडरल फ्रंट की वकालत की, तो लालू प्रसाद ने इसे बेकार कवायद बताया. उधर, भाजपा ने नीतीश की प्रशंसा करनेवाले अपने दो विधायकों को निलंबित कर दिया, तो दूसरी ओर जदयू से इस्तीफा देनेवाली पूर्व मंत्री परवीन अमानुल्लाह गुरुवार को दिल्ली में ‘आप’ में शामिल हो गयीं.

रैली से हर वर्ग को रिझाने की कोशिश
लोकसभा चुनाव के नजदीक आते ही रैलियों में तेजी आने लगी है. जदयू की संकल्प रैली 16 फरवरी को खत्म होने वाली है. अब वह मतदाताओं से सीधा संवाद करेगा. भाजपा के फरवरी में 10 कार्यक्रम होने हैं. कांग्रेस ने संवाद सम्मेलन के सहारे कार्यकर्ताओं में उत्साह जगाने की कोशिश की है.उसके जिला स्तर पर कार्यकर्ता संवाद कार्यक्रम हो चुके हैं. प्रखंडों तक इसे ले जाया गया है. राजद की परिवर्तन यात्र अंतिम चरण में है. अब वह युवकों को रिझाने के लिए चौपाल यात्र शुरू करने जा रहा है. लोजपा ने भी बिहार बचाओ रैली के सहारे कार्यकर्ताओं को जगाने की कोशिश की है.

विधानमंडल सत्र के बाद जदयू की बढ़ेगी सक्रियता
पटना: सत्ताधारी जदयू ने 10 संकल्प रैलियों को पूरा कर लिया है. 12 फरवरी को बेगूसराय और 16 को पटना में संकल्प रैली होगी. जदयू जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन भी कर चुका है. विधानमंडल सत्र के बाद इसकी सक्रियता और बढ़ेगी. सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने सभी सीटों के लिए उम्मीदवार तय कर रखे हैं. विधानमंडल सत्र के बाद इसकी आधिकारिक घोषणा होगी और उनको क्षेत्र में कैंप करने को कहा जायेगा. संकल्प रैलियों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा और कांग्रेस पर एक साथ हमला बोल कर सेकुलर वोटरों की सहानुभूति बटोरने की कोशिश की है. साथ ही विशेष राज्य के दज्रे के मुद्दे को रोजी-रोटी से जोड़ कर युवकों को रिझाने का प्रयास किया जा रहा है. हालांकि, भाजपा की ओर से इस मसले पर घेरने की भी कोशिश हो रही है. लेकिन, संकल्प रैलियों में इस मसले पर खूब तालियां बजने से जदयू उत्साहित है.

इधर, भाजपा ने फरवरी के लिए पिछले महीने ही दर्जन भर से ज्यादा कार्यक्रम तय कर दिये हैं. कार्यक्रम जिला, अनुमंडल, प्रखंड व पंचायतों में होंगे. अनुसूचित जातियों को जोड़ने के लिए भाजपा रविदास जयंती मना रही है. महिलाओं के बीच नारी सम्मान यात्र और ‘कमल-मेहंदी- कमल-रंगोली’ कार्यक्रम चलेगा. युवा वर्ग के लिए भाजयुमो नव मतदाता सम्मेलन और नमो विजय संकल्प अभियान चलायेगा. गन्ना किसानों का किसान मोरचा सम्मेलन आयोजित करेगा. जिलों में भाजपा कलाकार-साहित्यकार सम्मान समारोह आयोजित करेगी, तो खिलाड़ियों को गोलबंद करने के लिए खेल संसद रैली की तैयारी कर रही है. साथ ही चाय पार्टी का आयोजन किया जायेगा.

सोनिया की सभा के बाद सीट की जुगाड में जुटे कांग्रेसी
कांग्रेस प्रमुख सोनिया गांधी की किशनगंज की सभा के बाद कांग्रेस की गतिविधि दिल्ली में सिमट गयी है. दिग्गज कांग्रेसी अपनी सीटों को लेकर कांग्रेस मुख्यालय पर दबाव बनाये हुए हैं. हालांकि, पार्टी ने इसके पहले प्रखंड स्तर तक संवाद कायक्रम चला कर छिटक चुके बेस वोट को रिझाने की कोशिश की है. युवा कांग्रेस की ओर से भी राज्य भर में कई कार्यक्रम चलाये गये.

लोजपा की बिहार बचाओ रैली
संसद में जीरो बैलेंस वाली पार्टी लोजपा ने चुनाव के पहले सभी जिलों में बिहार बचाओ रैली का पहला चरण पूरा कर लिया है. पार्टी संसदीय दल के प्रमुख चिराग पासवान के नेतृत्व में दूसरे चरण में 20 जिले कवर किये गये हैं. तीसरा चरण जनवरी में आरंभ होने वाला था, लेकिन ठंड के कारण इसे टाल दिया गया है.

माले की जन दावेदारी यात्रा
भाकपा माले ने चुनाव के पहले 22 लोकसभा क्षेत्रों में जन दावेदारी यात्र पूरा करने का लक्ष्य रखा है. अब तक 16 लोकसभा क्षेत्रों में इसे पूरा कर लिया गया है. चुनाव की घोषणा के पूर्व बाकी के छह जिलों में भी यात्र पूरा करने को पार्टी तत्पर है. माले ने राज्य की चालीस में 22 लोकसभा सीट पर उम्मीदवार उतारने का फैसला लिया है.

विधायक राणा गंगेश्वर व अवनीश भाजपा से निलंबित
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रशंसा करनेवाले अपने दो विधायकों-राणा गंगेश्वर और अवनीश कुमार सिंह को भाजपा ने पार्टी से निलंबित कर दिया है. पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने गुरुवार को यह आदेश जारी किया. राणा गंगेश्वर समस्तीपुर जिले के मोहद्दीनगर के और अवनीश कुमार सिंह पूर्वी चंपारण के चिरैया के विधायक हैं.

मंगल पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से दोनों विधायक पार्टी के विचारों और मर्यादा के खिलाफ का काम कर रहे थे. दोनों को कई बार सख्त चेतावनी भी दी गयी, पर वे नहीं माने. आखिरकार उन्हें निलंबित करना पड़ा. इसके साथ ही भाजपा के निलंबित विधायकों की संख्या तीन हो गयी है. कुछ माह पूर्व पार्टी ने दरभंगा जिले के हायाघाट के विधायक अमरनाथ गामी को भी निलंबित कर दिया था. जब यह पूछा गया कि जाले के विधायक विजय कुमार मिश्र भी तो भाजपा छोड़ने की बात कह रहे हैं, क्या उन पर भी पार्टी कोई कार्रवाई करेगी, तो श्री पांडेय ने कहा कि उन पर पार्टी की नजर है.

अमानुल्लाह ने थामा ‘आप’ का झाड़ू
नयी दिल्ली (संतोष कुमार सिंह): नीतीश सरकार से इस्तीफा देनेवाली परवीन अमानुल्लाह ने गुरुवार को आम आदमी पार्टी का दामन थाम लिया है. ‘आप’ के कार्यालय में पार्टी के वरिष्ठ संजय सिंह ने इसकी घोषणा की. श्रीमती अमानुल्लाह के साथ बिहार की आरटीआइ कार्यकर्ता सुमन लाल भी आप में शामिल हुईं. इस मौके पर अमानुल्लाह ने कहा कि मैं अपने विभाग में बेहतर काम कर रही थी.

मैंने स्वराज की संकल्पना को लागू करने का प्रयास किया, लेकिन अन्य विभागों का कामकाज ठीक-ठाक नहीं चल रहा है. उनमें कई कमियां हैं, जिन्हें दुरुस्त करने की जरूरत है. लोग अधिकारी के भरोसे काम छोड़ देते हैं और उन्हें बहुत सारी बातें समझ में नहीं आतीं. पारदर्शिता की कमी है. ऐसे में मुङो लगा कि ‘आप’ स्वराज और मोहल्ला सभा के स्तर पर बेहतर सोच रखती है. इसलिए इससे मैं जुड़ी. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की प्रत्यक्ष आलोचना से बचते हुए उन्होंने कहा कि उनकी सरकार कई मसलों पर काम कर रही है, पर जिस स्तर पर काम होना चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है. नीतीश कुमार की उपलब्धियां रही हैं, पर जितना काम हुआ है, उससे और ज्यादा किया जा सकता था. नीतीश के संबंध में उन्होंने कहा कि आप अकेले सब कुछ नहीं कर सकते. ऊपरी स्तर पर भ्रष्टाचार को दूर करने के प्रयास हुए हैं, पर निचले स्तर पर भ्रष्टाचार जारी है. अधिकतर विभागों में अधिकारियों के भरोसे ही सब कुछ चल रहा है, जबकि उनको और अधिक जवाबदेह बनाये जाने की जरूरत है. पंचायती राज कानून में काफी कमियां हैं, उन्हें दुरुस्त किये जाने की जरूरत है. यह पूछे जाने पर कि क्या लोकसभा चुनाव लड़ेंगी, अमानुल्लाह ने कहा कि पार्टी उन्हें जो भी जिम्मेवारी देगी, वह उसके लिए तैयार हैं.

इधर, ग्रामीण विकास मंत्री नीतीश मिश्र को समाज कल्याण विभाग का प्रभार सौंपा गया है. राज्यपाल डॉ डीवाइ पाटील ने मुख्यमंत्री की अनुशंसा पर अतिरिक्त प्रभार से संबंधित प्रस्ताव पर सहमति दे दी है.

मुजफ्फरपुर में मोदी की रैली तीन मार्च को
पटना. मुजफ्फरपुर में तीन मार्च को नरेंद्र मोदी की रैली होगी. भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मंगल पांडेय ने गुरुवार की देर रात यह जानकारी दी. उन्होंने बताया कि इसमें शामिल होने के लिए मोदी ने सहमति दे दी है. यह रैली मुजफ्फरपुर में कहां होगी, यह एक-दो दिनों में तय हो जायेगा.

अल्पमत में सरकार : सुशील
कटिहार: भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी ने कहा कि नीतीश सरकार अल्पमत में है. उन्हें विश्वासमत हासिल करना चाहिए. पहले ही एक विधायक कम था. अब अमानुल्लाह के इस्तीफे के बाद जदयू विधायकों की संख्या घट गयी है. गुरुवार को दामोदर सिंह का निधन हो गया. मुद्दों के आधार पर कांग्रेस और भाकपा ने सरकार को समर्थन दिया था. अब स्थिति साफ हो गयी है. अब राज्यपाल को हस्तक्षेप करना चाहिए.

बूथ होंगे वोटर फ्रेंडली लू लगने पर मिलेगा ओआरएस
राज्य में होनेवाले लोकसभा चुनाव में मतदाताओं को कई तरह की सुविधाएं बूथों पर मिलेंगी. भारत निर्वाचन आयोग ने मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी (सीइओ) को निर्देश दिया है कि इस बार चुनाव में बूथों को वोटर फ्रेंडली बनाया जाये, ताकि मतदान के दौरान किसी भी मतदाता को कोई परेशानी नहीं हो.

लू लगने पर ओआरएस घोल देने और प्राथमिक उपचार की व्यवस्था होगी. वहीं, हर बूथ पर इस बार अनिवार्य रूप से पेयजल व शौचालय की भी व्यवस्था रहेगी. हेल्प डेस्क और सभी सुविधाओं को इंगित करनेवाले संकेत चिह्न् भी बूथों पर लगाये जायेंगे. इससे मतदाताओं को पता चलेगा कि बूथ पर पानी पीने के लिए कहां जाना होगा, शौचालय व रैंप के लिए कहां व्यवस्था की गयी है.

डीइओ को निर्देश
आयोग ने सीइओ को भेजे गये निर्देश में इसकी जिम्मेदारी सभी जिलाधिकारी सह जिला निर्वाचन पदाधिकारियों (डीइओ) को सौंपी है. इसके साथ ही उन्हें चेक लिस्ट की सूची भी भेजी है, जिससे हर बूथ पर न्यूनतम नागरिक सुविधाएं बहाल की जानी है. इसके अनुसार हर बूथ पर डीइओ को जा कर निम्न बिंदुओं की जांच करनी है. इनमें बूथ का प्रवेश मार्ग, उसकी स्थिति, चहारदीवारी, भवन का क्षेत्रफल, खुला स्थान, कमरों की संख्या, उपलब्ध नागरिक सुविधाएं आदि शामिल हैं. जिलाधिकारियों को पांच फरवरी तक इसका निरीक्षण करने को कहा गया था.

ये मिलेंगी सुविधाएं

बूथ में अलग-अलग प्रवेश व निकास मार्ग बनाया जाना है.

विकलांग मतदाताओं के लिए रैंप बनाया जाना है, ताकि वे आसानी से वोटिंग कंपार्टमेंट तक पहुंच सके.

इसी तरह, गूंगे-बहरे मतदाताओं के लिए भी विशेष ध्यान रखा जायेगा.

हर बूथ पर पेयजल की सुविधा देनी है, जहां इसकी व्यवस्था नहीं है, वहां पानी की टंकी लगा कर एक कर्मचारी को तैनात किया जायेगा.

अगर किसी भवन में कई बूथ स्थापित किये गये हैं, तो वहां पर मतदाताओं को सहायता के लिए हेल्प डेस्क स्थापित किया जायेगा.

हेल्प डेस्क प्रमुख स्थल पर होना चाहिए, जिससे कि मतदाता अपना बूथ खोज सके. नागरिक सुविधाओं के लिए संकेत चिह्न् लगाने की भी व्यवस्था होगी.

बूथ पर महिला और पुरुषों के लिए दिन भर के लिए स्वच्छ शौचालय की व्यवस्था की जायेगी.

हेल्थ केयर की भी व्यवस्था
बूथ पर हेल्थ केयर के लिए अलग से व्यवस्था करने का निर्देश दिया गया है. हर बूथ पर एक अलग कमरे की व्यवस्था होगी, जहां जरूरत पड़ने पर मतदाताओं का प्राथमिक उपचार किया जा सके.

सभी बूथों पर प्राथमिक उपचार किट, लू से बचाव के लिए ओआरएस का घोल के अलावा गर्मी से बचाव के लिए ‘पोलिंग पार्टी क्या करें और क्या न करें’ का हैंडबिल दिया जायेगा. एक ऐसी मोबाइल पेट्रोलिंग यूनिट का गठन किया जायेगा, जो हर घंटे बूथों का दौरा कर लू से बचाव के लिए इलाज करेगा.

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