26 करोड़ होंगे जलापूर्ति पर खर्च
छपरा (सदर). मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 6.5 करोड़ की लागत से 1830 चापाकल लगाये जायेंगे. इन चापाकलों को हर हाल में अगले सितंबर तक चालू कर देने की योजना है. इसके लिए टेंडर भी हो चुका है. परंतु, संबंधित विधायकों द्वारा अब तक स्थल चयन सूची नहीं भेजे […]
छपरा (सदर).
मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में 6.5 करोड़ की लागत से 1830 चापाकल लगाये जायेंगे. इन चापाकलों को हर हाल में अगले सितंबर तक चालू कर देने की योजना है. इसके लिए टेंडर भी हो चुका है. परंतु, संबंधित विधायकों द्वारा अब तक स्थल चयन सूची नहीं भेजे जाने के कारण वित्तीय वर्ष 13-14 की इस योजना पर काम शुरू नहीं हो पाया है.
नप के प्रत्येक वार्ड में दो-दो चापाकल
मुख्यमंत्री चापाकल योजना के तहत संबंधित क्षेत्रों के विधायकों द्वारा अनुशंसित स्थलों पर प्रत्येक पंचायत में पांच-पांच, नगर पर्षद के प्रत्येक वार्ड में दो-दो तथा नगर पंचायत के प्रत्येक वार्ड में एक-एक चापाकल लगाना है. इसके तहत प्रत्येक चापाकल पर 44 हजार रुपये खर्च होने हैं. चापाकल सिंगुर या इंडिया मार्का के लगाये जाने हैं. सारण जिले में छह नगर पंचायत परसा, एकमा, सोनपुर, दिघवारा, मढ़ौरा पंचायत में अवस्थित कुल 117 वार्ड तथा छपरा नगर पर्षद के 44 वार्ड व 326 पंचायतों के लिए यह योजना चयनित है.
विधान परिषद सदस्यों को 100-100 चापाकलों की करनी है अनुशंसा
सारण जिले में तीन विधान पार्षदों की अनुशंसा पर 100-100 चापाकल लगाये जाने हैं. परंतु, स्थल चयन की अनुशंसा विधान पार्षदों को पीएचइडी कार्यालय छपरा में नहीं भेज कर राज्य मुख्यालय स्थित पीएचइडी कार्यालय को भेजनी है.
चापाकल गाड़ने के साथ-साथ चबूतरे का भी है प्रावधान
कार्यपालक अभियंता की मानें, तो 46 मीटर से 61 मीटर के बीच गहराई में चापाकल लगाना है. इसके तहत चापाकल गाड़ने के साथ-साथ पक्का चबूतरा निर्माण का भी प्रावधान है. सिंगुर मार्का का चापाकल, इंडिया मार्का चापाकल से दोगुना पानी देता है. परंतु, जल स्तर 25 फुट नीचे जाने के बाद सिंगुर मार्का चापाकल अनुपयोगी हो जाता था. जबकि इंडिया मार्का जल स्तर 25 फुट नीचे जाने के बाद भी पानी देता है.
6.5 करोड़ की लागत से सितंबर तक 1835 चापाकल तथा 19.5 करोड़ की लागत से 13 स्थानों पर पाइप जलापूर्ति योजना को मार्च, 2016 तक पूरा करने की योजना है. स्थल का चयन होते ही कार्य शुरू हो जायेगा. सरकार का उद्देश्य हर हाल में लोगों को स्वच्छ जलापूर्ति कराना है.
विनोद कुमार
कार्यपालक अभियंता, पीएचइडी छपरा
13 स्थानों पर बनेंगी जलमीनारें
छपरा. पाइप जलापूर्ति योजना के तहत चालू वित्तीय वर्ष में जिले के 13 स्थानों पर 19.5 करोड़ की लागत से जलमीनार बनाने व पाइप बिछा कर शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने की योजना है. इसके लिए सोनपुर के शाहपुर, कसमर, नयागांव, मशरक के मशरक पूर्वी, मशरक पश्चिमी तथा रसौली, सदर प्रखंड के चिरांद, नैनी, इनई, दिघवारा के हराजी, दरियापुर के बेला, रिविलगंज टेकनिवास, मढ़ौरा के पोझी बुजुर्ग में स्थल चयन की प्रक्रिया अंतिम दौर में है. कार्यपालक अभियंता विनोद कुमार के अनुसार, मार्च 2016 तक इसे पूरा करने की योजना है, जिससे ग्रामीणों को सुविधाजनक ढंग से स्वच्छ जल मिल सके.