38 माह, 650 तबादले, 175 निलंबित, पांच सचिव बदले

अजय कुमार नीतीश सरकार छोड़नेवाली परवीन अमानुल्लाह के कार्यकाल का हाल पटना : समाज कल्याण विभाग ने परवीन अमानुल्लाह के कार्यकाल में पांच-पांच सचिवों को देखा. इनमें अपनी निष्ठा और बेहतर अधिकारी के रूप में पहचान बनानेवाले बीके वर्मा तो थे ही अमिताभ वर्मा, संतोष मैथ्यू, संदीप पौंड्रिक भी शामिल थे. पौंड्रिक के बाद राजित […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 10, 2014 5:42 AM

अजय कुमार

नीतीश सरकार छोड़नेवाली परवीन अमानुल्लाह के कार्यकाल का हाल

पटना : समाज कल्याण विभाग ने परवीन अमानुल्लाह के कार्यकाल में पांच-पांच सचिवों को देखा. इनमें अपनी निष्ठा और बेहतर अधिकारी के रूप में पहचान बनानेवाले बीके वर्मा तो थे ही अमिताभ वर्मा, संतोष मैथ्यू, संदीप पौंड्रिक भी शामिल थे. पौंड्रिक के बाद राजित पुनहानी को वहां लाया गया.

600 से ज्यादा तबादले

राज्य में 544 आइसीडीएस के प्रोजेक्ट हैं. उनमें 378 सीडीपीओ तैनात हैं और बाकी 166 को अतिरिक्त प्रभार में रखा गया है. इन परियोजनाओं के तहत 92000 हजार आंगनबाड़ी केंद्र हैं. समाज कल्याण विभाग में आने के बाद सीडीपीओ के स्थानांतरण-पदस्थापन का खेल शुरू हुआ. 29.6. 2011 से लेकर अब तक 650 सीडीपीओ की ट्रांसफर-पोस्टिंग की गयी. 29.6.11 को एक साथ 387 सीडीपीओ के तबादले का नोटिफिकेशन निकाला गया.

लेकिन, 24 घंटे के अंदर उनमें से 71 के तबादले की जगह बदल गयी. उस ताबदले के बाद आंशिक रूप से संशोधन के कई नोटिफिकेशन निकाले गये. 20 मार्च 2013 का एक नोटिफिकेशन देखिए. इसमें एकमुश्त 36 सीडीपीओ को निलंबन से मुक्त करते हुए अलग-अलग जगहों पर पदस्थापित कर दिया गया.

175 सीडीपीओ सस्पेंड

परवीन के कार्यकाल में 145 सीडीपीओ सस्पेंड हुईं. उनमें से 80 को निलंबन से मुक्त नहीं किया गया है. 2013 में और 55 को निलंबित कर दिया गया. वे निलंबनमुक्त नहीं हो सकीं. नियम है कि निलंबन के सात महीने के अंदर चार्ज फ्रेम नहीं होने पर निलंबन स्वत: टूट जाता है.

20 माह बाद सस्पेंशन

आमतौर पर ऐसा नहीं होता कि किसी कर्मचारी-अधिकारी के निलंबन का आधार 20 महीने पहले हुई किसी जांच को बनाया जाये. पर समाज कल्याण विभाग में ऐसा बेधड़क हुआ. बरौनी सेंटर की ऐसी ही कहानी है. वहां पहले से प्रमिला राय पदस्थापित थीं. उस सेंटर पर मधुलता को पदस्थापित कर दिया गया. इस तरह एक सेंटर में दो-दो सीडीपीओ तैनात कर दी गयीं. जिन्हें भेजा गया था, उन्हें लौटाना मुश्किल था.

ऐसे में पहले वाली सीडीपीओ को सस्पेंड कर दिया गया. उसके पांच दिनों बाद ही वह सेवानिवृत होने वाली थीं. नोखा, बिहिया, शाहपुर, कोचाधामन, जमालपुर, अररिया सदर, कैमूर, कटोरिया, लदनिया, बिहारशरीफ, डुमरिया, राजपुर, एकमा, हरसिद्दी, बसंतपुर, सिमरी, चकाई,इस्माइलपुर, गढ़पुरा, बेनीपुर, कल्याणपुर, दुर्गावती, साहेबपुर कमाल की सीडीपीओ का तबादला उनकी तैनाती के बाद इस आधार पर किया गया कि वे पहले जहां पदस्थापित थीं, वहां उनका काम असंतोषजनक पाया गया था.

बिहिया से बिहिया तक

21 दिसंबर, 2012 को भोजपुर जिले के बिहिया की सीडीपीओ अर्चना को सस्पेंड करते हुए उनका मुख्यालय सीतामढ़ी किया गया. लेकिन, एक महीने के बाद ही उन्हें निलंबन से मुक्त करते हुए दोबारा बिहिया में तैनात कर दिया गया. हालांकि निलंबन के बाद से वह बिहिया में ही काम भी करती रहीं.

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