पटना: पुराने जनता दल परिवार को एक करने की जदयू की मुहिम रंग लाने लगी है. मिथिलांचल में इस मुहिम के साथी पूर्व केंद्रीय मंत्री देवेंद्र प्रसाद यादव भी बन सकते हैं. समाजवादी विचारधारा से आनेवाले श्री यादव एचडी देवगौड़ा सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे हैं.
कभी राजद अध्यक्ष लालू प्रसाद के खास माने जानेवाले देवेंद्र के तीसरे मोरचे में शामिल होने से झंझारपुर व मधुबनी की चुनावी फिजा बदल सकती है.
2009 के लोकसभा चुनाव में वे झंझारपुर से राजद उम्मीदवार थे और जदयू उम्मीदवार मंगनी लाल मंडल से पराजित हुए थे. समाजवादी जनता दल डेमोक्रेटिक बना कर पुराने समाजवादियों को एक मंच पर लाने की पहल करते रहे हैं. वे फिलहाल जदयू उम्मीदवार बनने की संभावना को खारिज करते हैं. लेकिन, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के फेडरल फ्रंट व जनता दल परिवार की एकता की मुहिम के समर्थक हैं. देवेंद्र की मानें, तो बिहार ही नहीं, देश भर में समाजवादी, साम्यवादी और लोकतांत्रिक पार्टियों की एकता समय की मांग है. देवेंद्र बताते हैं यह समन्वय बिहार की सबसे बड़ी ताकत बनेगी. झंझारपुर की सीट अभी तकनीकी रूप से जदयू के पास है.
जदयू सांसद मंगनी लाल मंडल पार्टी से निलंबित हैं. इस बार के चुनाव में जदयू उनकी जगह नये उम्मीदवार की तलाश में है. ऐसे में देवेंद्र की तीसरे फ्रंट के नाम पर जदयू से नजदीकी कोई नयी तसवीर बना सकती है, इस संभावना से इनकार नहीं किया जा रहा. वैसे जदयू में दूसरे उम्मीदवारों के नाम पर भी विचार विमर्श जारी है. फुलपरास इलाके से राजनीतिक कैरियर शुरू करनेवाले देवेंद्र प्रसाद यादव के विरोधी भी जदयू में सक्रिय हैं. उनके चचेरे भाई देवनाथ यादव की पत्नी गुलजार देवी फुलपरास से जदयू विधायक हैं. 2009 के चुनाव में जदयू के साथ भाजपा की भी ताकत रही थी. इस बार भाजपा अपने उम्मीदवार खड़ा करने जा रही है. पार्टी के भीतर झंझारपुर से पूर्व विधान पार्षद बालेश्वर सिंह भारती अपने को सशक्त उम्मीदवार मानते हैं. भारती पिछले छह महीने से इलाके का भ्रमण कर रहे हैं.
जो लोग तीसरे मोरचे को हास्यास्पद मानते हैं, वे मुगालते में हैं. अभी नजरअंदाज कर रहे हैं, लेकिन तीसरा फोर्स बड़ी जमात साबित होगी और यह देश की सबसे बड़ी ताकत बन कर उभरेगी.
देवेंद्र प्रसाद यादव, अध्यक्ष, एसजेडी