लोकसभा चुनाव: सासाराम में पंचम रोकेंगे मीरा की राह

पटना: रिटायर आइएएस अधिकारी पंचम लाल सासाराम लोकसभा सीट पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का रास्ता रोकेंगे. भाजपा सूत्रों के मुताबिक यहां से पंचम लाल को पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है. वे बिहार कैडर से मुख्य सचिव स्तर के पद से रिटायर हुए हैं. उनकी गिनती कड़क अधिकारियों में होती रही है. राजनेताओं से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 12, 2014 7:33 AM

पटना: रिटायर आइएएस अधिकारी पंचम लाल सासाराम लोकसभा सीट पर लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार का रास्ता रोकेंगे. भाजपा सूत्रों के मुताबिक यहां से पंचम लाल को पार्टी अपना उम्मीदवार बना सकती है. वे बिहार कैडर से मुख्य सचिव स्तर के पद से रिटायर हुए हैं. उनकी गिनती कड़क अधिकारियों में होती रही है. राजनेताओं से भिड़ने में उन्हें महारत हासिल है.

सेवा के अंतिम दिनों में सरकार ने इनके नाम की सिफारिश केंद्रीय सतर्कता आयोग के आयुक्त के लिए की थी. पंचम के अतिरिक्त सासाराम से एक और आइएएस अधिकारी उम्मीदवार बनने जा रहे हैं. बिहार संवर्ग के आइएएस और सरकार के महादलित कंसेप्ट को जमीन पर उतारनेवाले केपी रामय्या को जदयू सासाराम से अपना उम्मीदवार बनाने जा रहा है. वे अभी सरकारी सेवा में हैं. उन्होंने 28 फरवरी के प्रभाव से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति का आवेदन दिया है.

सूत्रों के मुताबिक रामय्या को उम्मीदवार बनाये जाने को लेकर जदयू के भीतर सहमति बन चुकी है. हालांकि, इस संबंध में न तो पार्टी ने आधिकारिक घोषणा की है और न ही रामय्या इसकी पुष्टि कर रहे हैं. पर, उनकी उम्मीदवारी पर कोई इफ-बट नहीं दिख रहा. इधर, भाजपा में पूर्व केंद्रीय मंत्री मुनिलाल भी टिकट के प्रमुख दावेदारों में से एक हैं. मुनिलाल आइएएस अधिकारी रहे हैं. रिटायरमेंट के बाद वह सासाराम से लोकसभा का चुनाव लड़े और अटल बिहारी वाजपेयी सरकार में मंत्री भी बने. सासाराम में 2009 में कांग्रेस की निर्वाचित सांसद और वर्तमान में लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार भी भारतीय विदेश सेवा की अधिकारी रही हैं. इस बार के चुनाव में भी कांग्रेस की ओर से उन्हें ही उम्मीदवार बनाये जाना तय माना जा रहा है.

कांग्रेस के साथ यदि राजद का तालमेल हुआ, तो मीरा के पक्ष में राजद का बेस वोट भी साथ होगा. पूर्व उपप्रधानमंत्री बाबू जगजीवन राम के प्रभाववाले क्षेत्र सासाराम में 2009 के चुनाव में राजद के ललन पासवान तीसरे स्थान पर रहे थे. इस साल कांग्रेस व राजद में सीटों पर विवाद के बाद गंठबंधन टूट गया था.

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