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रियल स्टेट में नहीं चलेगी ब्लैक मनी

अनिकेत त्रिवेदी पटना : 500 और 1000 रुपये के नोटों की बंदी का असर रियल स्टेट कारोबार पर आनेवाले समय में दिखेगा. फ्लैटों की खरीद में कैश लेस खरीद का दायरा बढ़ने से रियल स्टेट से जुड़ी कंपनियों और बिल्डरों को मनमाने और अधिक पैसा लेने में परेशानी आयेगी. ट्रांजेक्शन निगरानी में होगा, बीच की […]

अनिकेत त्रिवेदी
पटना : 500 और 1000 रुपये के नोटों की बंदी का असर रियल स्टेट कारोबार पर आनेवाले समय में दिखेगा. फ्लैटों की खरीद में कैश लेस खरीद का दायरा बढ़ने से रियल स्टेट से जुड़ी कंपनियों और बिल्डरों को मनमाने और अधिक पैसा लेने में परेशानी आयेगी. ट्रांजेक्शन निगरानी में होगा, बीच की दलाली कम हो जायेगी, तो कारोबार में खपत होनेवाली ब्लैक मनी अब सीधे तौर पर ठप हो जायेगी.
और खरीदारों को सस्ते में फ्लैट मिलेंगे. बड़े नोटों की तत्काल बंदी और इसका सर्कुलेशन कम करने के सरकार के निर्णय के बाद पटना के रियल स्टेट के कारोबारियों में इसी बात की बेचैनी है.
फ्लैटों की खरीद में आयेगा उछाल : बड़े नोटों का चलन कम होने से ग्राहक भी पैसे का पेमेंट चेक, खाता ट्रांसफर और अन्य कैश लेस संसाधनों से ही करेंगे. ऐसे में टाउनशिप बनाने वाली कंपनी या अपार्टमेंट बनानेवाले बिल्डरों को अपने गैरजरूरी मूल्यों में कमी लानी होगी, क्योंकि उनका पैसा सरकार या बैंक की निगरानी में होगा. फिर फ्लैटों को बेचने के लिए मूल्यों में कमी लाना जरूरी हो जायेगी. ऐसे में स्वाभाविक रूप से फ्लैटों की खरीद में उछाल आने की संभावना है.
निगरानी के बाद गिरेगी रेट : जानकारी के अनुसार फ्लैटों के निर्माण को लेकर उसकी बिक्री में बहुत कुछ अपने कैश लेश या अन्य निगरानी में होते हैं, लेकिन इसके विपरीत जमीन की खरीद और दलाली में पैसे का पेमेंट लोग कैश देकर ही करते हैं. इनके पीछे इनका तर्क होता है कि सरकार को कम सर्किल रेट दिखाया जाये. फिर रजिस्ट्री कराने में जमीन की कीमत बतायी जाये, ताकि रजिस्ट्री शुल्क का रेट कम हो और बेचने या खरीदने वाले को इनकम टैक्स देने में भी अधिक भार नहीं लगे. इस व्यापार में अधिकांश पैसों का कोई रिकार्ड नहीं होता, यानी अधिकांश बार पैसा कालाधन वाला ही होता है. एेसे में बड़े नोटों का चलन कम होने से लोगों को कैश लेने-देने में परेशानी होगी आैर समय के साथ इस पर निगरानी रहने से जमीन खरीद-फरोख्त में मंदी आने पर जमीन के भाव भी कम होंगे. इससे मिडिल क्लास फैमिली को फायदा होगा.
रेट कम होगी, तो तेजी आयेगी
पटना के अलावा बिहार में अभी रियल स्टेट का कारोबार सुस्त है. इसके पीछे बीते तीन वर्षों से शहर मेंं नक्शा पास नहीं होना, एनजीटी के कारण राजधानी के बड़े क्षेत्र में निर्माण पर रोक और अपेक्षा के अनुरूप शहर का फैलाव नहीं होने का तर्क बताया जाता है. जानकारी के अनुसार अभी शहर में 50 से अधिक अपार्टमेंट अधूरे पड़े है. दानापुर और बिहटा में टाउनशिप बनाने का कंपनियों के दावे में अभी तक लोग उतना विश्वास नहीं करते. बिल्डरों की धोखाधड़ी के कारण भी कारोबार सुस्त पड़ा है. अब जब सब कुछ बैंक और सरकार की निगरानी में होगा, तो लोग फ्लैटों की खरीद में अपना पैसा लगाने में विश्वास करेंगे. अनुमान में मुताबिक रेट में लगभग 40 फीसदी की कमी आने के बाद रियल स्टेट में तेजी आयेगी.

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